क्या जम्मू-कश्मीर में पुलिस द्वारा जबरन एसपीओ की भर्ती की जा रही है?

क्या जम्मू-कश्मीर में पुलिस द्वारा जबरन एसपीओ की भर्ती की जा रही है? पढ़ें फैक्ट-चेक

Fact Check hi Featured Misleading

हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक दावा किया गया है कि पुलिस जम्मू-कश्मीर के 22 गांवों से विशेष पुलिस अधिकारियों की जबरन भर्ती कर रही है ताकि असहमति को कुचला जा सके। यह आजादी की मांग को दबाने का एक सुनियोजित प्रयास है।

X पर silly tweets नामक अकाउंट ने इस दावे को शेयर किया और साथ में KMS (कश्मीर मीडिया सर्विस) द्वारा प्रकाशित समाचार लेख का लिंक पोस्ट किया।

                               Source: X

फैक्ट चेक

DFRAC टीम ने इस दावे की जांच की और पाया कि इसे एक्स पर भ्रामक रूप से शेयर किया गया है। हमारी जांच में, हमें Daily Excelsior और Greater kashmir द्वारा हाल ही में प्रकाशित कुछ रिपोर्ट मिलीं।

  Source: Daily Excelsior

इन रिपोर्टों के अनुसार, राजौरी में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जिले के 22 गांवों के संबंध में विशेष पुलिस अधिकारियों (एसपीओ) की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है, पहले इन गांवों को आतंकवाद प्रभावित घोषित किया गया था।

  Source: Greater kashmir

पुलिस मुख्यालय के निर्देशों के संबंध में जिला पुलिस कार्यालय राजौरी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, इन गांवों के योग्य उम्मीदवार एसपीओ भर्ती में भाग ले सकते हैं।

इसके अलावा, हमने गूगल लेंस का उपयोग करके दावे के साथ इस्तेमाल की गई तस्वीर को रिवर्स-इमेज सर्च किया, और पाया कि यह तस्वीर 2023 से ऑनलाइन उपलब्ध है। जिससे पता चलता है कि यह  तस्वीर जम्मू- कश्मीर में पुलिस द्वारा जबरन एसपीओ की भर्ती को नहीं दर्शाती है।

निष्कर्ष

DFRAC की फैक्ट चेक से यह स्पष्ट है कि पुलिस जम्मू-कश्मीर में जबरन एसपीओ की भर्ती नहीं कर रही है। बल्कि, पुलिस द्वारा राजौरी के आतंकवाद प्रभावित गांवों के संबंध में विशेष पुलिस अधिकारियों की भर्ती के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है ।