जर्मनी में हिटलर के मंत्री जोसेफ गोएबल्स के बारे कहा जाता है कि वह प्रोपेगैंडा करने और सूचनाओं को तोड़-मरोड़कर पेश करने का मास्टर था। उसका कथन था कि- “एक झूठ को अगर कई बार दोहराया जाए तो वह सच बन जाता है।” गोएबल्स का यह कथन उस दौर में था, जब प्रिंट मीडिया और रेडियो प्रचलित जनसंचार के माध्यम हुआ करते थे और टेलिविजन की शुरूआत अभी नई-नई हुई थी। इस दौर में प्रोपेगैंडा के लिए झूठ का सहारा लिया गया था। बाद में टीवी और फिर इंटरनेट के अविष्कार ने इस झूठ को पंख देने शुरु कर दिए। आभासी दुनिया में एक झूठ इंटरनेट की तरह ही हाईस्पीड से फैलता है और लोगों को सच की तरह लगने लगता है।
सोशल मीडिया पर तैरती झूठ की जब तक सच्चाई सामने आती है, तब तक वह अपना प्रभाव डाल चुका होता है और उसकी चपेट में कई सारे सोशल मीडिया यूजर्स आ चुके होते हैं। यह भी संभव है कि कई लोगों को इन झूठी खबरों की सच्चाई का पता भी चल नहीं पाता है। सोशल मीडिया पर फेक और भ्रामक सूचनाएं आम लोगों से लेकर कुछ खास लोगों द्वारा भी फैलाए जाते हैं, जिन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स वेरीफाइड यूजर मानती हैं। उन्हें एक विशेष प्रकार का ‘ब्लू बैज’ या ‘ब्लू टिक’ प्रदान किया जाता है, जिसे सोशल मीडिया की दुनिया में प्रमाणिकता और स्टेटस का सिंबल माना जाता है।
सोशल मीडिया साइट्स पर यह ‘ब्लू बैज’ या ‘ब्लू टिक’ उन्हीं लोगों को प्रदान किए जाते हैं, जिसमें सरकारी कार्यों से जुड़े लोगों के अकाउंट्स, कंपनियों के अकाउंट्स, ब्रांड्स के अकाउंट, एनजीओ, न्यूज मीडिया अकाउंट्स, इंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स और सामाजिक कार्यकर्ता को प्रदान किया जाता है। इसके लिए एक विशेष प्रक्रिया होती है, जिसमें खुद के बारे में कई सोर्स देने होते हैं। हालांकि ट्विटर पर सब्सक्रिप्शन की पॉलिसी आने के बाद यह सब्सक्राइब करने वाले लोगों को 8 डॉलर प्रतिमाह खर्च करने पर मिल सकता है।
जब इन वेरीफाइड हैंडल्स से भ्रामक और फेक सूचनाएं प्रसारित की जाती हैं, तो उस भ्रामक सूचना की प्रमाणिकता भी उसी तरह होती है, जैसे वह वेरीफाइड यूजर होता है। इस रिपोर्ट में हम ऐसे ही एक वेरीफाइड यूजर सागर कुमार द्वारा फैलाए गए भ्रामक सूचनाओं की पड़ताल करेंगे, जिन्होंने लगातार कई बार भ्रामक सूचनाएं फैलाई हैं।
सोशल मीडिया पर ‘सागर कुमार सुदर्शन न्यूज’ नाम के एक वेरीफाइड यूजर हैं। इनके ट्वीटर पर 90 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। सुदर्शन न्यूज की वेबसाइट पर सागर कुमार को सीनियर जर्नलिस्ट और न्यूज रिपोर्टर बताया गया है।
भ्रामक सूचना-एकः
दिल्ली पुलिस के एएसआई शंभू दयाल की पिछले दिनों दुखद मौत हो गई थी। शंभू दयाल जब एक महिला की मोबाइल चोरी की शिकायत पर आरोपी को गिरफ्तार करने पहुंचे, तो आरोपी ने शंभू दयाल पर चाकुओं से हमला कर दिया था। इस हमले के कुछ दिन बाद उनकी मौत हो गई थी। सागर कुमार ने अपने ट्वीट में एएसआई शंभू दयाल पर हमला करने वाला का नाम मोहम्मद अनीश बताया था। कुमार सागर के ट्वीट का स्क्रीनशॉट यहां दिया जा रहा है।
फैक्ट चेकः
इस दावे का जब DFRAC की टीम ने फैक्ट चेक किया तो परिणाम सामने आया कि आरोपी का नाम मोहम्मद अनीश नहीं बल्कि अनीश राज पुत्र प्रह्लाद राज था। दिल्ली पुलिस के ट्वीट के मुताबिक- “ASI शंभु दयाल की हत्या करने वाले आरोपी का नाम अनीश राज, पुत्र -प्रह्लाद राज है। यह एक अपराधी है। मोबाइल फोन चोरी के आरोप में पकड़ने के दौरान इसने ASI पर चाकू से हमला किया था। मामला सांप्रदायिक नहीं है। सोशल मीडिया में कुछ हैंडल्स द्वारा गलत व भ्रामक जानकारी दी जा रही है।”
इस संदर्भ में DFRAC ने विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसे नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके पढ़ा जा सकता है। दिल्ली पुलिस के स्पष्टीकरण और DFRAC के रिपोर्ट के बाद सागर कुमार ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया था।
भ्रामक सूचना-दोः
एशिया कप-2022 के मैच में पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया था। इस हार के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इस वीडियो में दावा किया गया था कि भारत की हार के बाद श्रीनगर में कुछ लोगों ने पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। इस वीडियो को पोस्ट करते हुए सागर कुमार ने लिखा- “पाकिस्तान की जीत पर श्रीनगर में जमकर हुई आतिशबाजी।” सागर कुमार के ट्वीट का आर्काईव वर्जन यहां दिया जा रहा है।
फैक्ट चेकः
वीडियो वायरल होने के बाद श्रीनगर पुलिस ने इस वीडियो को पुराना बताया था। श्रीनगर पुलिस के मुताबिक- “वीडियो नवाकदल चौक का आधा दशक पुराना है। पुराने वीडियो प्रसारित कर फेक न्यूज और सनसनीखेज न फैलाएं। कहीं से भी इस तरह की कोई खबर नहीं आई है।”
इस संदर्भ में विस्तृत रिपोर्ट DFRAC द्वारा प्रकाशित की गई है। जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
भ्रामक सूचना-तीनः
सड़क पर नमाज पढ़ते सैकड़ों मुसलमानों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो को फ्रांस की राजधानी पेरिस का बताया गया था। इस वीडियो को शेयर करते हुए सागर कुमार ने लिखा- “यह पेरिस में शुक्रवार है देखो और रोओ। यह कल भारत की तस्वीर है अगर तुम नहीं जागे तो।”
फैक्ट चेकः
इस वीडियो का फैक्ट चेक करने पर सामने आया है कि यह वीडियो फ्रांस का नहीं बल्कि रूस की राजधानी मॉस्को का है। तुर्की के एक यूट्यूब चैनल yenisafak पर अपलोड वीडियो में बताया गया है कि रूस की राजधानी मॉस्को में मस्जिदों में न जा सकने वाले हज़ारों मुसलमानों ने सड़कों पर ईद की नमाज़ अदा की। इस दौरान सड़कों पर पुलिस ने सुरक्षा के उपाय किए, साथ ही मुसलमानों को सड़कों पर नमाज़ अदा करने की भी अनुमति दी।
सागर कुमार के दावे का DFRAC ने फैक्ट चेक किया था, जिसे यहां पढ़ा जा सकता है।
भ्रामक सूचना-चारः
सागर कुमार ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया। जिसमें दावा किया गया कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट मैच देख रहे दर्शकों ने स्टेडियम में जय श्री राम के लगाए। इस वीडियो को शेयर करते हुए सागर कुमार ने लिखा- “भारत का बच्चा बच्चा जय जय श्री राम बोलेगा #INDvsAUS”
फैक्ट चेकः
कई यूजर्स ने इस वीडियो को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हैदराबाद में खेले गए मैच के दौरान का बता रहे थे। जिसका फैक्ट चेक करने पर सामने आया कि यह वीडियो हैदराबाद का नहीं है। हैदराबाद पुलिस ने साफ किया था कि यह वीडियो हैदराबाद का नहीं है और अगर किसी ने फेक न्यूज फैलाया तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
वहीं वीडियो में जो ‘जय श्री राम’ का गाना है, उसे एक यूट्यूब चैनल पर पाया गया था।
इस मामले पर DFRAC के विस्तृत को रिपोर्ट यहां पढ़ा जा सकता है।
भ्रामक सूचना-पांचः
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सर्राफा व्यापारी से लूट के दो आरोपी पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गए थे। इस खबर को शेयर करते हुए सागर कुमार ने लिखा- “बुलंदशहर में ज्वेलरी शॉप लूट के आरोपी अब्दुल को खुर्जा पुलिस ने किया ‘ढेर’. यूपी में योगी जी का साफ़ संदेश है, कि ‘अपराधी’ या अपराध छोड़ दे ,, या ‘उत्तर प्रदेश’ छोड़ दे। बाबा जी Rocks @myogiadityanath @dgpup”
फैक्ट चेकः
वायरल घटना के संदर्भ में पड़ताल में सामने आया कि पुलिस एनकाउंटर में दो आरोपी ढेर हुए थे। इन दोनों आरोपियों का नाम था- आशीष सिंह और अब्दुल। विस्तृत रिपोर्ट यहां पढ़ा जा सकता है।
भ्रामक सूचना-6:
सुदर्शन न्यूज़ के पत्रकार सागर कुमार ने एक वीडियो क्लिप शेयर कर दावा किया कि रुझान आने लगे, #फ्लाप_हुई_पठान”
इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक महिला फ़ल्म के बारे में कह रही है कि इसमें कुछ था ही नहीं, बकवास है।
फैक्ट चेक:
DFARC टीम ने उपरोक्त वीडियो का फ़ैक्ट चेक करने के लिए, वीडियो को की-फ़्रेम में कनवर्ट किया। हमें ये वीडियो क्लिप फ़िल्मी फीवर नामक यूट्यूब चैनल पर मिला, जो 09 सितंबर 2022 को अपलोड किया गया था। ये रिव्यू फ़िल्म ब्रह्मास्त्र का है, ना कि पठान मूवी का।
निष्कर्षः
सागर कुमार अपने ट्वीटर हैंडल से लगातार भ्रामक सूचनाएं फैलते रहते हैं। जनसंचार माध्यमों के उद्देश्यों में माना जाता है कि लोगों को सूचना देना, लोगों को शिक्षित करना और लोगों का मनोरंजन करना। लेकिन क्या भ्रामक सूचनाएं फैलाकर जनसंचार के उद्देश्यों और एक पत्रकार के कर्तव्यों का निर्वहन हो रहा है?