सोशल मीडिया पर ऐसे फोटो वायरल होते रहते हैं, जिसको ऐतिहासिक तथ्य बताकर खूब प्रचारित किया जाता है, लेकिन हकीकत में वह फोटो तथ्यहीन और भ्रामक होते हैं। एक सिक्के का फोटो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस सिक्के को सन 1818 का बताया जा रहा है, यानी जब भारत पर अंग्रेज हुकूमत कर रहे थे। इस ‘दो आना’ के सिक्के में ऊँ और कमल के फूल का निशान है।
इस सिक्के को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि आजादी से पहले भारत में धार्मिक प्रतीकों से सिक्के बनते थे। लेकिन बंटवारे के बाद धार्मिक प्रतीक वाले सिक्के बनने बंद हो गए। ट्वीटर पर ‘Queen of Jhansi’ नामक यूजर ने लिखा- “बटवारे के पश्चात धार्मिक सिक्के ढलना बंद क्यों हो गए, इस्लामिक राष्ट्र पाक बना था या इंडिया?”
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- “सन् १८१८ में अंग्रेजी शासन काल में जो दो आना का सिक्का प्रचलित था, उसमें एक तरफ श्री राम जी का दरबार और दूसरी तरफ कमल का फूल व प्रज्वलित दीप अंकित था। आज ऐसा करने पर देश खतरे में आ जाएगा। कितनों के छाती में दर्द होने लगेगा।😎 #सनातन_धर्म_सर्वश्रेष्ठ_है #जय__सिया__राम__जी”
इसके अलावा कई अन्य यूजर्स इस दावे को शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल हो रहे सिक्के की हकीकत जानने के लिए DFRAC की टीम ने सबसे पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की वेबसाइट पर सिक्कों और नोटों का आर्काइव देखा। हमें RBI की वेबसाइट पर करेंसी म्यूजियम का ऑप्शन दिखा।
करेंसी म्यूजियम पर क्लिक करने के बाद कई ऑप्शन खुलते हैं। चूंकि दावा वर्ष 1818 के ब्रिटिश इंडिया का था, इसलिए हमने ब्रिटिश इंडिया के ऑप्शन पर क्लिक किया। इसके बाद हमें British India Coinage, Early Issues, William IV, Queen Victoria, Edward VII, George V और George VI का ऑप्शन दिखा। हमने बारी-बारी से सभी ब्रिटिश राजाओं के दौरान भारत में प्रचलन में रहे सिक्कों को देखा।
DFRAC की टीम ने आरबीआई की वेबसाइट पर उपलब्ध सभी राजाओं के शासनकाल के दौरान प्रचलित सिक्कों की पड़ताल की। हमें कहीं भी वायरल हो रहा सिक्का नहीं दिखा।
आरबीआई की वेबसाइट पर इन सिक्कों को आप देख सकते हैं।
यहां कुछ और सिक्कों के स्क्रीनशॉट दिए गए हैं।
निष्कर्षः
वायरल हो रहे दावे की पड़ताल के लिए RBI की वेबसाइट पर उपलब्ध तथ्यों को देखकर यह साबित हो रहा है कि ऊँ और कमल के फूल प्रतीक वाले सिक्के प्रचलन में नहीं थे। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा गलत है।