हिन्दी सिनेमा इंडस्ट्री यानी बॉलीवुड इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रही है। एक के बाद एक फिल्में लगातार फ्लॉप हो रही हैं। कई बॉलीवुड स्टार का लगातार फ्लॉप होती फिल्मों से स्टारडम भी खतरें में आ गया है। अक्षय कुमार की कई फिल्में फ्लॉप रहीं, तो वहीं आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ भी खास कमाल नहीं कर सकी। अजय देवगन और अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘रनवे-34’ भी दर्शकों को लुभाने में नाकामयाब रही। इसके अलावा रणवीर सिंह की जयेशभाई जोरदार, रणवीर कपूर की फिल्म शमशेरा, वरुण धवन और अनिल कपूर की फिल्म जुग जुग जियो, टाइगर श्राफ की फिल्म हीरोपंथी-2, शाहिद कपूर की फिल्म जर्सी और जॉन अब्राहम-अर्जुन कपूर की फिल्म एक विलेन रिटर्न्स भी बॉक्स हाउस पर फीकी साबित हुईं। इन बॉलीवुड स्टार के अलावा अन्य कलाकारों की कई फिल्में जैसे- फ़ोन भूत, निकम्मा, सम्राट पृथ्वीराज, मैदान, धाकड़, अनेक और दसवीं भी फेल नजर आईं।
इसके उलट दक्षिण भारत की कई फिल्में सुपरहिट रहीं। इन फिल्मों ने ना सिर्फ अच्छा बिजनेस किया बल्कि दर्शकों की तारीफें भी खूब बटोरीं। एक्टर यश की फिल्म केजीएफ-2 ने तो कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। एक रिपोर्ट के मुताबिक फिल्म ने करीब 1300 करोड़ का बिजनेस किया है। इसके अलावा साउथ फिल्मों के सुपरस्टार कमल हासन की फिल्म विक्रम ने 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार किया है। वहीं स्टार अभिनेता महेश बाबू की फिल्म सरकारू वारी पाटा ने करीब 200 करोड़ की कमाई की है। एक तरफ जहां हिन्दी फिल्में 50 करोड़ कमाने में हांफ जा रही हैं, वहीं साउथ फिल्में 200 करोड़ से लेकर 1300 करोड़ रुपए तक का बिजनेस कर रही हैं।
साउथ की फिल्मों को हिन्दी भाषी क्षेत्रों के दर्शकों से प्यार और सम्मान मिल रहा है वहीं हिन्दी सिनेमा की फिल्मों और कलाकारों को बायकॉट और विरोध का सामना करना पड़ रहा है। आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा, तापसी पन्नू की फिल्म दोबारा का जहां सोशल मीडिया पर बायकॉट किया गया। वहीं शाहरूख खान की आने वाली फिल्म पठान और आलिया भट्ट की फिल्म ब्रह्मास्त्र को लेकर अभी से विरोध शुरु हो गया है। इन कलाकारों की जहां नेपोटिज्म को लेकर आलोचना हो रही है, तो वहीं कुछ कलाकारों को उनके धर्म और वाकपटुता की वजह से निशाना बनाया जा रहा है। आमिर खान, शाहरुख खान, तापसी पन्नू, आलिया भट्ट, करीना कपूर, करन जौहार, स्वारा भास्कर, अनुराग कश्यप और वरुण धवन जैसे कलाकार ज्यादातर लोगों के निशाने पर रहे हैं। इन कलाकारों की फिल्मों को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स बकायदा बायकॉट का ट्रेंड भी चला रहे हैं। वह कई प्रकार के हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए इनकी फिल्मों का विरोध कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर बायकॉट का एक सेट पैटर्न बनता जा रहा है। अभी हाल ही में बॉलीवुड की फिल्मों के बहिष्कार को लेकर #रेंडीबाज़_बालीवुड हैशटैग चलाया गया। इस हैशटैग में हिन्दी फिल्म के कलाकारों का मजाक उड़ाते हुए कई प्रकार के मीम्स शेयर किए गए। इसके अलावा इन कलाकारों के मुकाबले में साउथ के कलाकारों और उनकी फिल्मों की तारीफ की गई। इस हैशटैग के साथ कई फेक, भ्रामक और सांप्रदायिक पोस्ट किए गए।
ट्वीट्स टाइमलाइन:
नीचे दिया गया ग्राफ़ हैशटैग #रेंडीबाज़_बालीवुड की ट्वीट्स टाइमलाइन को इंगित करता है। यह हैशटैग 22 अगस्त को अपने चरम पर था और एक ही दिन में 3,000 से अधिक ट्वीट किए गए, बाद में हैशटैग की टाइमलाइन धीरे-धीरे समय के साथ कम होती गई।
सबसे ज्यादा ट्वीट करने वाले अकाउंट्स:
नीचे उन अकाउंट्स को दर्शाने वाला ग्राफ़ दिया गया है, जिन्होंने ज्यादातर हैशटैग के साथ ट्वीट किया है। @RameshK65524115 ने हैशटैग पर 78 बार ट्वीट किया है, उसके बाद @akjaipur1744 नामक यूजर ने इसको फॉलो किया। @AnmolKamboj9812 नामक यूजर ने हैशटैग पर करीब 60 बार ट्वीट किया था। @AmbikeshBJP और @mridulpandit11 ने क्रमश: 54 और 51 बार ट्वीट किया है।
हैशटैग का इस्तेमाल:
नीचे हैशटैग को दर्शाने वाला ग्राफ है जो #रेंडीबाज़_बालीवुड के ट्रेंडिंग हैशटैग के साथ उपयोग किया गया था। #KHAN_GANG_TBKC का प्रमुख रूप से उपयोग किया गया, उसके बाद #BoycottBrahmastra, #BoycottbollywoodForever, आदि का स्थान रहा।
नॉन वेरीफाइड यूजर्स द्वारा किए गए ट्वीट्सः
मुख्य रूप से हैशटैग पर ट्वीट किए गए सभी अकाउंट्स ट्विटर पर नॉन वेरीफाइड यूजर्स के थे। कई अकाउंट्स के बड़ी संख्या में फॉलोवर्स हैं, जिन्होंने सभी हैशटैग पर ट्वीट किया और इसे आगे बढ़ाया, उदाहरण के लिए- @DrSanjaysinghK, @puji00111, @FROMKALIYUGG, @shauryabjym और @Rekha597883401 हैं।
अकाउंट्स के निर्माण की समयरेखाः
नीचे एक ग्राफ दिया गया है, जिसमें नए अकाउंट्स बनाए जाने वाले समय को दर्शाया गया है। हैशटैग में शामिल यूजर्स के ज्यादातर अकाउंट्स 2022 में बनाए गए। 2022 में लगभग 1,400 अकाउंट्स बनाए गए, जिन्होंने ट्वीट किया और हैशटैग को आगे बढ़ाया। जैसा कि आंकड़ों से पता चलता है, वर्ष 2020 से नए अकाउंट्स बनाने की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। 21 जुलाई से अकाउंट्स बनाने की समयरेखा सघन हो गई है।
निष्कर्षः
सोशल मीडिया पर बॉलीवुड के बायकॉट के होने वाले ट्रैंड और हैशटैग्स विश्लेषण के बाद यह तथ्य सामने आ रहा है कि सुनियोजित तरीके से हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री के खिलाफ एक अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए कई प्रकार के भ्रामक और फेक कंटेंट का इस्तेमाल करने के साथ-साथ सांप्रदायिकता और कट्टर धार्मिकता का भी सहारा लिया जा रहा है। इन सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर ज्यादातर उन एक्टर या एक्ट्रेस की फिल्में हैं, जो सामाजिक या राजनैतिक मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखते हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इन सबके बीच हिन्दी सिनेमा के विकल्प के तौर साउथ की फिल्मों को ज्यादा प्रमोट करते हैं। वह साउथ की फिल्मों को हिन्दी सिनेमा से ज्यादा अच्छा बताते हैं। ऐसा इसलिए करते हैं कि दर्शकों के बीच यह धारणा बनाई जा सके कि साउथ की फिल्में बॉलीवुड की फिल्मों से ज्यादा अच्छी हैं, इसके अलावा अगर बॉलीवुड का बहिष्कार किया जा रहा है तो दर्शकों के सामने विकल्प के तौर पर साउथ की फिल्मों को परोस दिया जाए। यह नियम है कि अगर आप किसी को रिप्लेस (प्रतिस्थापित) करना चाहते हैं तो उसकी जगह किसी को प्लेस (स्थापित) किया जाए। सोशल मीडिया के यूजर्स इसी कोशिश में लगातार लगे हुए हैं।