सोशल मीडिया पर पांच अगस्त की तारीख़ के हवाले से कई दावे किये जाते हैं। यूज़र्स दावा कर रहे हैं कि ट्रिपल तलाक़ का फ़ैसला 5 अगस्त को आया था।
Dilip Singh Rao नामक यूज़र ने ट्वीट किया है,“5 अगस्त का इतिहास बड़ा ही रोचक है, 5 अगस्त 2018 – धारा 370 समाप्त हुई, 5 अगस्त 2019 – तीन तलाक़ बिल, 5 अगस्त 2020 – श्री राम मंदिर भूमि पूजन, 5 अगस्त 2022 – ??????”
Sangita parmar नामक यूज़र ने लिखा है,“आदरणीय कल है 5 अगस्त है। इस दिन का इतिहास देखिए…5 अगस्त 2018 – धारा 370 समाप्त हुई, 5 अगस्त 2019 – तीन तलाक़ बिल, 5 अगस्त 2020 – श्री राम मंदिर भूमि पूजन, 5 अगस्त 2022 – ?????? कुछ लोगों की नज़र में आपका रिकार्ड 5 अगस्त को लेकर खराब है।”
इसी तरह अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी मिलते जुलते दावे किये हैं।
फ़ैक्ट चेक
वायरल दावे की पड़ताल करने के लिए हमने कुछ ख़ास कीवर्ड की मदद से गूगल पर एक सिंपल सर्च किया। इस बाबत हमें मीडिया हाउसेज़ द्वारा पब्लिश कई रपोर्ट्स मिलीं।
एनडीटीवी ने 22 अगस्त 2019 को शीर्षक,“सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, तीन तलाक अवैध घोषित” के तहत एक रिपोर्ट पब्लिश की है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने बहुमत के निर्णय में मुस्लिम समाज में एक बार में तीन बार तलाक देने की प्रथा को निरस्त करते हुए अपनी व्यवस्था में इसे असंवैधानिक, गैरकानूनी और शून्य करार दिया। संविधान पीठ ने 365 पेज के फैसले में कहा, ‘3:2 के बहुमत से दर्ज की गई अलग-अलग राय के मद्देनजर‘तलाक-ए-बिद्दत’’ तीन तलाक को निरस्त किया जाता है।’
नवभारत टाइम्स ने भी 22 अगस्त को हेडलाइन,“तीन तलाक़ पर आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला, 5 में से 3 जजों ने बताया असंवैधानिक” के तहत रिपोर्ट पब्लिश की है।
बता दें कि ट्रिपल तलाक़ को बैन करने के लिए पहले अध्यादेश लाया गया था। जब ये बिल संसद में पेश किया गया तो विपक्ष ने इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की और बिल पास न हो सका मगर 21 जून, 2019 को विपक्ष के विरोध के बीच यह विधेयक 74 के मुकाबले 186 मतों से पास हो गया। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के तीन तलाक बिल को मंजूरी देने के बाद तीन तलाक कानून 19 सितबंर, 2018 से देश में लागू हो गया।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट चेक से स्पष्ट है कि तीन तलाक़ क़ानून पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला 5 अगस्त को नहीं बल्कि 22 अगस्त 2019 को आया था। ये बिल 5 अगस्त को संसद में पेश भी नहीं किया गया था, इसलिए यूज़र्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है।
दावा: ट्रिपल तलाक़ का फ़ैसला 5 अगस्त को आया था
दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स
फ़ैक्ट चेक: भ्रामक