इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में राहुल कंवल द्वारा पूछे गए एक सवाल को संबोधित करते हुए, पूर्व केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री, मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत लगभग 33% और मुद्रा योजना के तहत 36% लाभार्थी मुस्लिम हैं।
हाल ही में किए गए एक सर्वे के कुछ आंकड़ों का हवाला देकर नकवी इस बारे में बात कर रहे थे कि पीएम मोदी की योजनाओं ने मुस्लिम समुदाय को कैसे लाभ पहुंचाया है। वीडियो के 26:40 मिनट पर, उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “33% मुसलमान पीएम-किसान सम्मान निधि योजना से लाभान्वित हुए, इसी तरह 36 करोड़ लोग मुद्रा योजना से लाभान्वित हुए, जिसमें 36% मुसलमान थे।
फैक्ट चेक
लोकसभा अतारांकित प्रश्न संख्या 2364 के उत्तर में, PMMY के तहत आवंटन का उल्लेख किया गया है। इसमे बताया गया है कि PMMY के तहत समुदाय/धर्म-आधारित डेटा केंद्रीय रूप से नहीं रखा जाता है।
इसी तरह, लोकसभा अतारांकित प्रश्न संख्या 2671, पीएम किसान लाभार्थियों के उत्तर में, यह उल्लेख किया गया है कि लाभार्थियों का धर्म योजना डेटाबेस में दर्ज नहीं है। इन दस्तावेजों में, यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि दोनों योजनाओं के लिए कोई धर्म-आधारित डेटा नहीं है जिसे केंद्र में रखा जाता है।
इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी ने इन दोनों तस्वीरों को शेयर करते हुए कैप्शन के साथ लिखा है, ‘मोदी सरकार के झूठ फिर पकड़े गए। मैंने सरकार से मुद्रा योजना और पीएम-किसान के मुस्लिम लाभार्थियों की संख्या के बारे में पूछा। @ नकविमुख्तार ने कहा कि मुद्रा योजना की 36 फीसदी और पीएम-किसान की 33 फीसदी राशि अल्पसंख्यकों को दी गई। लेकिन सरकार का कहना है कि उसके पास ऐसा कोई डेटा नहीं है। किसका साथ, कैसा विकास ?!”
निष्कर्ष
इंटरव्यू में नकवी ने उस सर्वे का स्रोत भी नहीं बताया जिसके हवाले से वह उन नंबरों को कर बता रहे थे। इसी के साथ PMMY और PM- KISAN के मुस्लिम लाभार्थियों के बारे में नकवी द्वारा उद्धृत संख्याओं के केंद्र द्वारा कोई रिकॉर्ड नहीं रखा गया है। चूंकि इस तरह के आंकड़े धर्म के आधार पर नहीं रखे जाते हैं, इसलिए नकवी का दावा भ्रामक है।