महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का एक वीडियो सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल हो रहा है। दावा किया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ की है। वीडियो में ठाकरे को एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए दिखाया गया है, जहां वह कहते हैं, “क्या आप जानते हैं कि वह सैनिक कौन था? क्या आप उसका नाम जानते हैं? उसका नाम औरंगजेब था, उसने अपने देश के लिए अपना बलिदान दिया। हम क्या कहें? वह एक मुस्लिम था और हमारा नहीं? नहीं! वह रोया मेरे देश, मेरी मातृभूमि के लिए। जिस देश के लिए लोग अपनी जान देने को तैयार हैं, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो, वह हमारा है। यही हमारा हिंदुत्व है। यही हमारा हिंदुत्व है।”
फेसबुक पर बंशीलाल निंगवाले नामक यूजर ने लिखा- ‘अगर किसी को मराठी भाषा समझ में नहीं आती हैं तो मैं बता देता हूँ कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि भगवा टोपी गमछा लगा लेने से कोई हिंदू नहीं हो जाता, और दूसरा बिंदु बोल रहे हैं कि औरंगजेब हमारे देश के लिए शहीद हुआ था। धन्य हो शिवसेना प्रमुख जी”
फैक्ट चेक:
हमने वायरल हो रहे इस वीडियो की जांच की। हमारी टीम ने वीडियो के सोर्स का पता लगाने की कोशिश की। इस दौरान हमें वीडियो में TV9 मराठी का लोगो दिखा। हमने इसे विशिष्ट कीफ्रेम का उपयोग करके सर्च किया और पाया कि पूरा वीडियो TV9 मराठी चैनल के आधिकारिक YouTube चैनल पर अपलोड किया गया है। इसे 8 जून 2022 को अपलोड किया गया था।
भाषण में ठाकरे एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) की आलोचना कर रहे थे। 1:19 मिनट पर उन्हें भाषण के उस हिस्से को बोलते हुए देखा जा सकता है जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वीडियो को सुनने पर हमने पाया कि ठाकरे भारतीय सेना के जवान औरंगजेब के बारे में बात कर रहे थे, जो जम्मू-कश्मीर लाइट इन्फैंट्री के साथ थे और शोपियां के शादीमार्ग में 44 राष्ट्रीय राइफल्स कैंप में तैनात थे। आतंकियों ने औरंगजेब का जून 2018 में अपहरण कर उन्हें शहीद कर दिया था। औरंगजेब को शौर्य चक्र से भी सम्मानित किया गया था।
निष्कर्षः
DFRAC की फैक्ट चेक से साबित हो रहा है कि उद्धव ठाकरे मुगल बादशाह औरंगजेब की नहीं बल्कि भारतीय सेना के शहीद जवान औरंगजेब की तारीफ कर रहे थे। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा किया जा रहा दावा भ्रामक है।
दावा- उद्धव ठाकरे ने की मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ
दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स
फैक्ट चेक- भ्रामक