सोशल साइट्स पर ज्ञानवापी मस्जिद-मन्दिर विवाद में कोर्ट के ऑर्डर के बाद हुए सरवे के आधार पर सोशल मीडिया पर अलग अलग दावे और मनगढ़ंत तर्कों के साथ तस्वीरों की बाढ़ आ गयी है।
विशाल नामक ट्वीटर यूज़र ने हैशटैग #ज्ञानवापी_मंदिर #Shivling #Varanasi के साथ शिवलिंग की एक तस्वीर 17 मई 2022 को पोस्ट करते हुए अंग्रेजी में लिखा- “Mughal architecture is amazing! They always built an ancient Hindu temple in the basement first. #ज्ञानवापी_मंदिर #Shivling #Varanasi #Varanasi” जिसका हिन्दी ट्रांसलेशन है- “अद्भुत है मुग़ल आर्किटेक्चर! उन्होंने हमेशा पहले तहखाने में एक प्राचीन हिंदू मंदिर बनवायी।”
फ़ैक्ट चेक:
वायरल हो रही इस फोटो को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमनें पाया कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने दो साल पहले यही तस्वीर 27 मई 2020 की सुबह 11:20 बजे शेयर की थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था- “एक सभ्यतागत जुड़ाव की पुष्टि करना। संरक्षण परियोजना में 9वीं शताब्दी का अखंड बलुआ पत्थर शिवलिंग नवीनतम खोज है। वियतनाम के चाम मंदिर परिसर, माई सन में @ASIGoI और उनकी टीम का काम तारीफ के काबिल है। 2011 में अपनी वहां की यात्रा को गर्मजोशी से याद कर रहा हूं। भारत की विकास साझेदारी का एक महान सांस्कृतिक उदाहरण। @AmbHanoi @ITECnetwork @FMPhamBinhMinh”
Reaffirming a civilisational connect.
Monolithic sandstone Shiv Linga of 9th c CE is latest find in ongoing conservation project. Applaud @ASIGoI team for their work at Cham Temple Complex, My Son, #Vietnam. Warmly recall my visit there in 2011. pic.twitter.com/7FHDB6NAxz
— Dr. S. Jaishankar (Modi Ka Parivar) (@DrSJaishankar) May 27, 2020
इसी तरह केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा था- “जब हमारी श्रद्धा को प्रमाण मिलते हैं,तो हमें अपने पूर्वजों के गौरवगान की आनंदपूर्ण अनुभूति होती हैं। ये ९वीं शताब्दी का शिवलिंग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को खनन के दौरान वियतनाम में मिला है। अभिनंदन @ASIGoI @PMOIndia @incredibleindia @MinOfCultureGo @tourismgoi @BJP4India।”
जब हमारी श्रृद्धा को प्रमाण मिलते हैं,तो हमें अपने पूर्वजों के गौरवगान की आनंदपूर्ण अनुभूति होती हैं।ये ९वीं शताब्दी का शिवलिंग भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को खनन के दौरान वियतनाम में मिला है अभिनंदन @ASIGoI @PMOIndia @incredibleindia @MinOfCultureGoI @tourismgoi @BJP4India pic.twitter.com/lrzRcsValp
— Prahlad Singh Patel (मोदी का परिवार) (@prahladspatel) May 29, 2020
फ़ाइनेंशल एक्सप्रेस ने इसी से संबंधित 27 मई 2020 को शीर्षक “एएसआई टीम ने वियतनाम में मोनोलिथिक शिव लिंग की खोज की! चाम मंदिर परिसर के जीर्णोद्धार के लिए भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ” और भारत ख़बर न्यूज़ वेबसाइट ने सुर्ख़ी “वियतनाम में मिला 1100 साल पुराना शिवलिंग कहां से आया?” के साथ न्यूज़ भी प्रकाशित की है।
निष्कर्ष :
DFRAC के इस फ़ैक्ट चेक से साबित होता है कि सोशल मीडिया यूज़र्स द्वरा वियतनाम में पाए गए शिवलिंग की तस्वीर कथित तौर पर ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे पाए गए शिवलिंग के भ्रामक दावे के साथ शेयर की जा रही है।
दावा: ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे पाए गए शिव लिंग की तस्वीर
दावाकर्ता: सोशल मीडिया यूज़र्स फ़ैक्ट चेक: भ्रामक |
-
फैक्ट चेक: पाकिस्तान में तालिबान द्वारा एक मस्जिद को तोड़े जाने की वायरल तस्वीर के पीछे की सच्चाई
- फैक्ट चेकः सोशल मीडिया पर वायर हो रही मस्जिद गिराए जाने की तस्वीर का सच
(आप #DFRAC को ट्विटर, फ़ेसबुक, और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)