दुनिया भर में क्रिसमस के जश्न के बीच ईसाई धर्म के शीर्ष धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के हवाले से दावा किया जा रहा है कि उन्होने बाईबिल को पुरानी किताब करार देते हुए एक नई किताब लाने की घोषणा की है। जिसे उन्होने “बिब्लिया 2000” नाम दिया है।
पोस्ट में कहा गया कि पोप फ्रांसिस ने आज यह घोषणा करते हुए दुनिया को चौंका दिया है कि बाइबिल पूरी तरह से पुरानी है और इसमें आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है, इसलिए बाइबिल को आधिकारिक तौर पर रद्द कर दिया गया है और चर्च के सर्वोच्च व्यक्तित्वों के बीच एक बैठक की घोषणा की गई है जहां यह तय किया जाएगा कि वह किताब जो इसे बदल देगी, उसका नाम “बिब्लिया 2000” होगा।
पॉप के हवाले से कहा गया, “हम एक पूरी तरह से नई दुनिया में हजारों साल पुरानी किताब के साथ अपनी जनता से बात करने की कोशिश नहीं कर सकते हैं। हम अनुयायियों को खो रहे हैं और हमें चर्च के आधुनिकीकरण की तलाश में एक कदम आगे जाना होगा। परमेश्वर
के वचन को फिर से लिखने के लिए, भले ही वह केवल पुराना नियम ही क्यों न हो, जिसमें कुछ अंश ऐसे हों जिन्हें न दोहराना ही बेहतर है।”
फैक्ट चेक
जब हमारी टीम ने वायरल दावे की पड़ताल की तो पाया कि पोप ने बाइबल के सबंध में इस तरह का कोई बयान नहीं दिया। इस सबंध में रोमन कैथोलिक चर्च वेटिकन की आधिकारिक वेबसाइट होली सी प्रेस ऑफिस पर भी Biblia 2000 सर्च करने पर कुछ नहीं मिला।
The Bible is not just a beautiful book to keep on a shelf. It is the Word of life be sown, a gift that the Risen Jesus asks us to accept in order to have life in His name.
— Pope Francis (@Pontifex) July 1, 2019
हालांकि हमे पोप फ्रांसिस का जुलाई 2019 एक ट्वीट मिला। जिसमे पोप फ्रांसिस ने उपरोक्त दावों का खंडन करते हुए कहा कि “बाइबल सिर्फ एक शेल्फ पर रखने के लिए एक खूबसूरत किताब नहीं है। यह जीवन का वचन है, एक उपहार जिसे यीशु ने हमें स्वीकार करने के लिए कहा ताकि उसके नाम में जीवन हो।”
इसके अलावा हमे जनवरी 2021 में “ROME REPORTS” को दिये पॉप का एक इंटरव्यू भी मिला। जिसमे उन्हे यह कहते हुए सुना जा सकता है कि बाइबिल एक ऐसा स्रोत है जिससे प्रत्येक ईसाई बहुत लाभान्वित हो सकता है और इसी कारण से उन्होंने इस पर बार-बार ध्यान करने और इसे उपन्यास की तरह न पढ़ने की सलाह दी।
अत: पोप फ्राँसिस के बाईबिल को “बिब्लिया 2000” से बदलने का दावा फेक पाया गया है।