हाल ही में नेशनल और इंटेरनेशनल मीडिया में एक खबर छाई रही। जिसमे दावा किया गया कि भारत के महाराष्ट्र में बंदरों ने बदला लेने के लिए 200 कुत्ते के पिल्ले मार डाले। इस खबर पर भारत सहित विदेशों में भी कई बड़े अखबारों ने अपनी रिपोर्ट प्रकाशित की। जिसमे दी न्यूयार्क पोस्ट, दी गार्जियन, एएनआई, न्यूज़ 18 आदि शामिल है।
इस खबर में दावा किया गया कि कैसे इन बंदरों ने गाँव में कुत्तों को मार डाला। रिपोर्ट में कहा गया, लावुल मराठवाड़ा के बीड ज़िले के मजलगांव तहसील में बंदर कुत्तो को देखते ही उन पर हमला कर देते है। बंदरों के इस हमले में 200 से ज्यादा कुत्ते के पिल्ले मारे गए।
फैक्ट चेक:
इन रिपोर्ट में किया गया दावा झूठा पाया गया है। स्थानीय वन अधिकारी सचिन कांड ने बताया कि बंदरों के हमले में कुत्ते के पिल्लो की हत्या को नकारते हुए कहा कि गांव में लगभग 50 पिल्ले भूख से मर गए हैं। वन अधिकारी ने दावा किया कि जानवरों में बदला लेने की भावना नहीं होती है। “वे सिर्फ एक दूसरे से लड़ते हैं क्योंकि वे जानवर हैं, यही उनकी प्रवृत्ति है।” उन्होने ये भी कहा कि मरने वाले पिलो की संख्या भी बढ़ा-चढ़ाकर बताई गई। जो निराधार है।
वहीं ग्राम पंचायत समिति के सदस्य रवींद्र शिंदे ने बीबीसी को बताया, “गांव में बहुत बंदर नहीं हैं, कभी-कभी आते थे लेकिन ज़्यादा परेशान नहीं करते थे। लेकिन इस बार बंदरों के आने के बाद गांव में विचित्र घटनाएं देखने को मिलीं।” इन बंदरों ने पिल्लों को उठाया और उन्हें पेड़ों या ऊंचे घरों में ले गए। पहले तो ग्रामीणों को ज़्यादा समझ नहीं आया, लेकिन फिर उन्होंने देखा कि बंदर धीरे-धीरे पिल्लों को लेकर भाग रहे हैं।
बंदर जिन पिल्लों को पेड़ या ऊंचे घरों पर ले गए, उनमें से कुछ ऊपर से गिर पड़े और गिरने से उनकी मौत हो गई। यहीं से अफ़वाह फैलने लगी कि बंदर पिल्लों को मार रहे हैं और ये बात फैलती गई।
अत: उपरोक्त जांच और विश्लेषण में पाया गया कि ये खबर झूठी और भ्रामक है।