22 अगस्त,2021 को, DMK IT सेल के उप सचिव इसाई एस.डी ने अपनी टाइमलाइन पर एक युगल की शादी का वीडियो पोस्ट किया। इसमें कैप्शन दिया गया कि “तमिलनाडु एकमात्र ऐसा राज्य है जो ब्राह्मणवादी रीति-रिवाजों के बिना हिंदू विवाह करता है! उसे आत्म-सम्मान विवाह (सुयामरियाथाई) / सुधार विवाह (सेरथिरुथा) हिंदू विवाह (तमिल नाडु संशोधन) अधिनियम, 1967 के तहत पंजीकृत किया जा सकता है।
इसाई के ट्विटर पर क़रीब 73, 000 से अधिक फॉलोवर्स हैं। उनके द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो को तक़रीबन दो लाख देखा जा चुका है और लगभग 5,000 से अधिक लोगों ने उसे लाइक किया हुआ है।
तथ्यों की जांच:
भारतीय संविधान के हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधानों को देखने पर, हमने पाया कि तमिलनाडु इस तरह के एक विशेष प्रावधान की अनुमति वाला राज्य नहीं है, इसी तरह का प्रावधान पांडिचेरी में 1971 में पेश किया गया था। हिंदू विवाह अधिनियम के भीतर अभी भी खामियां मौजूद हैं। जो आदिवासियों और दलितों को इस अधिनियम के तहत शादी करने से रोकते हैं, जबकि ये वर्ग हिंदू के रूप में अपनी पहचान कराते हैं। दो प्रावधान सुयामरियाथाई और सेरथिरुथ, जबकि हिंदू विवाह के लिए पारंपरिक आवश्यकताएं नहीं हैं, फिर भी कुछ प्रतिबंधों को निर्धारित करते हैं जो कोर्ट मैरिज करने के समान नहीं हैं। इसलिए इसाई एसडी द्वारा पोस्ट किया गया दावा आंशिक रूप से भ्रामक है