racial attack in South Africa

फैक्ट चेकः दक्षिण अफ्रीका में वर्ष 2016 में नस्लीय हमले का वीडियो सूडान का बताकर सांप्रदायिक दावा किया गया

Fact Check Featured Misleading

सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक अश्वेत शख्स को जबरदस्ती ताबूत में बंद किया जा रहा है। यूजर्स इस वीडियो को सूडान में इस्लामिक चरमपंथियों द्वारा ईसाई समुदाय के शख्स को ताबूत में जिंदा दफनाने का बताते हुए शेयर कर रहे हैं।

इस वीडियो को शेयर करते हुए नितिन शुक्ला नामक यूजर ने लिखा, ‘सूडान में इस्लामिक आतंकवादियों द्वारा निर्दोष ईसाइयों को जिंदा दफनाया जा रहा है, दुनिया के हर कोने में सिर्फ एक ही समुदाय को दिक्कत क्यों है?’

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इसके अलावा इस वीडियो को सूडान का बताते हुए कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है, जिसे यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।

फैक्ट चेकः

DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो की जांच में पाया कि यह वीडियो हाल-फिलहाल में सूडान में हुई घटना का नहीं है। यह वर्ष 2016 में दक्षिण अफ्रीका में हुए नस्लीय हमले की घटना का वीडियो है। इस घटना के आरोपी दो श्वेत व्यक्तियों विलेम ओस्टुइज़न और थियो जैक्सन को गिरफ्तार किया गया था। हमें इस घटना के संदर्भ में एनडीटीवी, जनसत्ता और बीबीसी सहित कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं।

एनडीटीवी की रिपोर्ट में इस घटना के बारे में बताया गया है, ‘विक्टर म्लोत्श्वा को एक ताबूत के अंदर दुबका हुआ दिखाया गया है, जबकि एक व्यक्ति उसके सिर पर ढक्कन धकेल रहा है और दूसरा ताबूत में आग लगाने की धमकी दे रहा है। इस वीडियो ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। दोनों आरोपियों, विलेम ओस्टुइज़न और थियो जैक्सन ने अदालत को बताया कि म्लोत्श्वा जोहान्सबर्ग से लगभग 162 किलोमीटर (100 मील) पूर्व में मिडिलबर्ग स्थित उनके खेत में अनाधिकृत रूप से घुस आए थे और उनके पास चोरी के तांबे के तार थे।’

वहीं जनसत्ता की रिपोर्ट में घटना के बारे में बताया गया है, ‘साउथ अफ्रीका का एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में एक श्वेत शख्स को एक अश्वेत शख्स पर अत्याचार करते हुए दिखाया गया है। वीडियो में दिखाया गया है कि श्वेत शख्स दोस्त के साथ मिलकर अश्वेत शख्स को एक ताबूत में लेटा रहा होता है। इसके साथ ही वे दोनों उसको ताबूत में पूरा लेटाकर उसको पूरी तरह से बंद करने की कोशिश करते भी दिख रहे हैं।’

निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर शेयर किया गया वीडियो सूडान का नहीं है। यह वीडियो दक्षिण अफ्रीका में वर्ष 2016 में हुए नस्लीय हमले की घटना का है। यूजर्स द्वारा इस वीडियो को सूडान का बताकर सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया गया है।