फ़ेसबुक और ट्विटर पर सैकड़ों यूजर्स द्वारा एक पेंटिंग की एक तस्वीर शेयर की गई। इसमें दावा किया गया कि पांच पांडव भाइयों की एक पेंटिंग अफगानिस्तान में पंजशीर महल के अंदर रखी थी। यूजर्स ने दावा किया कि यह चित्र महाभारत के समय का चित्रण था जब पंजशीर के क्षेत्र को गांधार कहा जाता था। उन्होंने यह भी दावा किया कि पंजशीर पांच पांडवों के सम्मान में नामित “पंच शेर (पांच शेर)” का एक ही एक नाम है।
यह दावा @oyevivek द्वारा किया गया, जिसे दक्षिणपंथ से प्रभावित लेखक शेफाली वैद्य और भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने लाइक किया गया। यूजर के ट्वीट को 5,000 से अधिक लाइक और 1,100 रीट्वीट मिले हैं।
तथ्यों की जांच:
गूगल पर तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमने पाया कि “कृष्ण और पांडवों” शीर्षक वाली पेंटिंग वास्तव में एक रूसी आर्ट गैलरी की वेबसाइट आर्ट एसपीबी में डाली गई थी। पेंटिंग के कलाकार के बारे में दावा किया जाता है कि वह रसिकानंद हैं, जो एक रूसी कलाकार हैं। रसिकानंद भारतीय मूल के रूसी कलाकार हैं।
चूंकि यह दावा इतना वायरल किया गया था कि यहां तक कि खुद रसिकानंद ने भी इसे फर्जी करार देते हुए इसे पंजशीर की पेंटिंग के दावे को खारिज कर दिया। इसलिए हम इस नतीजे पर पहुंचे कि यह दावा पूरी तरह फर्जी और भ्रामक है।