सोशल मीडिया साइट्स पर सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील और राज्य सभा सांसद कपिल सिब्बल का एक ट्वीट स्क्रीनशॉट शेयर किया जा रहा है। इस ट्वीट में हिन्दी में लिखा है- “मैं आज भी अपनी बात पर कायम हूं राम मंदिर निर्माण से पहले आत्मदाह करूँगा”
प्रो.एन. जॉन कैम नामक यूज़र ने कैप्शन,“ये कब (आत्मदाह) करेगा? जनवरी 2024?” के साथ ट्वीट स्क्रीनशॉट X पर पोस्ट किया है।
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प्रो.एन. जॉन कैम के इस पोस्ट को 2500 से अधिक रिपोस्ट और 7000 से ज़्यादा लाइक मिल चुके हैं, जबकि इसे एक लाख से अधिक यूज़र्स ने देखा है।
फ़ैक्ट-चेक:
वायरल ट्वीट स्क्रीनशॉट की सच्चाई जानने के लिए DFRAC टीम ने पहले इस संदर्भ में गूगल पर कुछ की-वर्ड सर्च किया। इस दौरान टीम को सर्च रिज़ल्ट में कोई प्रासंगिक जानकारी नहीं मिली। अगर कपिल सिब्बल ने सच में ऐसा बयान दिया होता तो भारत के सभी प्रमुख अखबार और चैनल इसे रिपोर्ट करते। लेकिन किसी भी मीडिया संस्थान ने कपिल सिब्बल के इस बयान के बारे में रिपोर्ट नहीं की है।
हलांकि ‘योगी आदित्यनाथ की सेना’ नामक एक ब्लॉग पर हेडलाइन, “जब तक जिंदा हूँ, नही बनने दूंगा राम मंदिर : कपिल सिब्बल, काँग्रेस” के तहत एक लेख मिला, जिसमें बाताया गया है कि PM मोदी ने कपिल सिब्बल के बहाने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस राम मंदिर बाबरी मस्जिद मुद्दे को लटकाए रखना चाहती है।
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वहीं, DFRAC टीम ने ट्विटर पर एडवांस्ड सर्च किया, मगर हमें 29 जुलाई और 30 जुलाई 2020 के बीच कपिल सिब्बल द्वारा किया गया ऐसा कोई ट्वीट नहीं मिला।
29 जुलाई 2020 को उन्होंने इंग्लिश में ट्वीट कर लिखा था कि- प्रोफ़ेसर नक्सली हैं और ‘गोली मारो सालों को’ (नारा लगाने वाले) राष्ट्रवादी हैं!
वहीं, हमारी टीम को 4 दिसंबर 2023 को कपिल सिब्बल द्वारा किया गया एक ट्वीट मिली, जिसमें उन्होंने वायरल दावे को फेक क़रार दिया है।
ज्ञातव्य हो कि प्रो.एन. जॉन कैम का अकाउंट तब सुर्खियों में आया था, जब इस अकाउंट से एक ट्वीट कर फ़्रांस में दंगों को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वहां भेजने की मांग की थी। और योगी आदित्यनाथ ऑफ़िस ने प्रो.एन. जॉन कैम के इस ट्वीट पर अपनी पीठ थपथपाई थी।
दरअसल फ़्रांस में ट्रैफ़िक चेक के लिए न रुकने पर अल्जीरियाई मूल के 17 वर्षीय नौजवान की पुलिस की गोली से मौत के बाद देशव्यापी उग्र हिंसक प्रदर्शन हुए थे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- प्रो.एन. जॉन कैम नामक अकाउंट नरेंद्र विक्रमादित्य यादव का है, जिसे अपने कर्मचारियों से धोखाधड़ी के मामले में एक बार हैदराबाद पुलिस गिरफ़्तार भी कर चुकी है।
bbc, navbharattimes, oneindia, etvbharat
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि कपिल सिब्बल का वायरल ट्वीट स्क्रीनशॉट एडिटेड/फ़ेक है, क्योंकि यह ट्वीट 29 जुलाई 2020 का है, मगर 29 और 30 जुलाई 2020 में कपिल सिब्बल ने ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया है। इस बाबत कोई मीडिया रिपोर्ट भी नहीं है। इसलिए, प्रो.एन. जॉन कैम का दावा (सवाल) ग़लत है।