सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि पुलिस एक गाड़ी के बोनट लिटाकर 2 युवकों की लाठियों से पिटाई कर रही है। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि गुजरात में हिन्दू लड़कियों को जिहादी छेड़ रहे थे तभी पुलिस ने दोनों को पकड़कर पिटाई कर दी।
मुन्ना यादव नाम के यूजर इस वीडियो को शेयर कर लिखा- “धन्यवाद #गुजरात, Gहादी ने राह चलती हिंदू बहन से छेड़खानी की. वहां पर खड़े आला अधिकारी अफसरों ने जिहादी के पुर्जे कुछ इस तरीके से हिला दिया इनको सुधारने का यही एक अच्छा तरीका है तभी ये सुधरेंगे। बहुत अच्छा तरीका है।”
इस वीडियो को विष्णु मिश्रा, पंकड टोडरमल और आलोक कुमार राजपूत सहित कई यूजर्स ने हुबहू उसी कैप्शन के साथ शेयर किया है।
फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो का फैक्ट चेक करने के लिए DFRAC की टीम ने सबसे पहले वीडियो को कुछ फ्रेम्स में कन्वर्ट किया। फिर उन फ्रेम्स को अलग-अलग रिवर्स किया। हमें इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर 9 दिसंबर 2015 को अपलोड एक वीडियो मिला। इस वीडियो में बताया गया है कि गुजरात के सूरत में सड़कों पर कथित छेड़छाड़ करने वालों को पुलिस ने लाठियों से बेरहमी से पीटा।
वहीं News X के यूट्यूब चैनल पर 10 दिसंबर 2015 को अपलोड वीडियो में भी बताया गया है कि सूरत पुलिस ने लड़कियों से छेड़खानी करने वाले 2 युवकों की पिटाई कर दी।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहीं भी ना पीड़िता की पहचान बताई गई है और ना ही आरोपियों की पहचान बताई गई है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो हाल फिलहाल का नहीं बल्कि 7 साल पुराना 2015 का है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहीं भी पीड़ितों और आरोपियों की पहचान नहीं बताई गई है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा गलत है।