सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के लेटरहेड पर लिखी दो पेज की तह़रीर वायरल हो रही है। इसमें एक विस्तृत प्लान समझाया गया है। शीर्षक, “व्यापक प्रसार हेतु माननीय श्री सरसंघचालक जी के अतिगोपनीय कथन” के तहत बताया गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मुस्लिम लड़कियों की हिंदू धर्म में घर वापसी के लिए प्रति वर्ष दस लाख का लक्ष्य निर्धारित किया। इसके लिए आप सभी को पंद्रह दिनों की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
इस दो पेज के रोडमैप में 12 बिंदु हैं कि जिनके जरिए आप किसी मुस्लिम लड़की को इस्लाम छोड़ने पर मजबूर कर सकते हैं।
इन 12 प्वाइंट के अनुसार मुस्लिम लड़की से मिलें तो उसके नाम का अर्थ जानने की कोशिश करें, और तारीफ करें। मुस्लिम लड़कियां हिंदू लड़कियों के साथ हों तो हमेशा हाथ मिलाने की कोशिश करें। पहले अपनी एक हिन्दू लड़की से हाथ मिलाओ, फिर मुस्लिम लड़की से, ताकि वे हाथ मिलाने से मना न कर सकें। उसके सामने इस्लाम धर्म की इस तरह से प्रशंसा करें ताकि लड़की प्रभावित हो। फिर कुछ दिनों बाद, उससे कहो कि मैं इस्लाम धर्म अपनाना चाहता हूँ, मेरी मदद करो। कुछ और जानकारी मिली तो इस्लाम कबूल कर लूंगा और उसका मोबाइल ले लें मगर सावधान! कभी किसी तीसरे से नंबर न लें और उसे मैसेज करें। फिर बात से बात आगे बढ़ाआो और हिजाब, हलाला प्रथा पर प्रश्न करो। मुस्लिम लड़की को अहसास दिलाओ कि इस्लाम में लड़कियों का कोई सम्मान नहीं, वे बच्चा पैदा करने वाली मशीन भर हैं। मौक़ा मिलते ही शारीरिक संबंध बनाओ ताकि वो हिन्दू धर्म अपनाने पर मजबूर हो जाए आदि।
आख़िर में इस पर्चे में लिखा है कि कानूनी सहायता के साथ साथ मुस्लिम लड़की के साथ घर बसाने के लिए पांच लाख की एकमुक्त राशि भी दी जाएगी। आज के युग में इससे बड़ी धर्म की कोई पूजा नहीं है।
पैनकिलर नामक ट्विटर अकाउंट ने इसे शेयर कर लिखा,“प्रिय मुस्लिम लड़कियों, कृपया इस SS को संभाल कर रखें और हिंदू पुरूष को हाय कहने से पहले इसे पढ़ लें। अपनी बहनों की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है।” (हिन्दी अनुवाद)
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वहीं कई अन्य यूज़र्स ने भी इसे शेयर किया है।
ये लेटर पढ़ो और आँखे खोलो मुस्लिम बच्चियों, कैसे RSS तुम को मुर्दत बना रहा है।
— Mohammad Tanvir تنوير (@TanveerPost) April 8, 2023
तुम्हारे भोलेपन का फायदा उठा रहा है।
अगर ऐसा लेटर किसी मुस्लिम संगठन ने जारी कर दिया होता तो अब तक TV पर डिबेट हो रहा होता,
संगठन के लोग जेल मे होते,
इसे हिन्दू समाज पर हमला बता दिया गया होता।
1/2 pic.twitter.com/9eUrSHVsrJ
आलम मलिक नामक यूज़र ने इसे पोस्ट कर अरबी में थ्रेड लिखा है कि मुसलमानों के खिलाफ आरएसएस का घिनौना खेल, कॉलेज, ट्रेनिंग, यूनिवर्सिटी, ऑफिस, सोशल मीडिया में एक मुस्लिम लड़की को हिंदू लड़के प्यार के जाल में फंसाते हैं और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाते हैं, जब तक कि वह अपने परिवार को छोड़कर भागने को तैयार नहीं हो जाती, उसे घर बसाने के लिए 5 लाख की मदद मिलेगी। RSS खुलेआम मुस्लिम लड़कियों के सम्मान से खिलवाड़ करने की साजिश करता है, पूरा पढ़ो और अपनी बहन, बेटियों और सभी मुसलमानों को शेयर करो। (हिन्दी अनुवाद)
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फ़ैक्ट-चेक:
वायरल दो पेज के लेटर की हक़ीक़त जानने के लिए DFRAC टीम ने पहले तो उसे ग़ौर से देखा तो पाया कि इसमें नज़र आ रहा लोगो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वास्तविक लोगो से अलग है। दूसरा, ऑरिजिनल लोगो में टैगलाइन है जबकि वायरल पत्र में नहीं है, जैसा कि द् वायर की एक रिपोर्ट में आरएसएस का एक पत्र देखा जा सकता है।
आरएसएस प्रचारक राजेश पदमार के एक ट्वीट में एक प्रेस रिलीज़ में RSS का लोगो देखा जा सकता है।
Source:Twitter
साथ ही हमने आरएसएस की ऑफ़िशियल वेबसाइट और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी चेक किया, हमें ऐसा कोई बयान नहीं मिला। सबसे अहम ये है कि इस फर्ज़ी पत्र में आरएसएस से कोई आधिकारिक मुहर या हस्ताक्षर नहीं है।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि वायरल पत्र फ़ेक है, क्योंकि आरएसएस की तरफ़ से इसे जारी नहीं किया गया है, इसलिए सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा ग़लत है।