उत्तर प्रदेश के वाराणसी से गंगा विलास क्रूज यात्रा की शुरूआत हो चुकी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने क्रूज को वीडियो लिंक के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह क्रूज वाराणसी से शुरु होकर बिहार, पंश्चिम बंगाल और बांग्लादेश होते हुए 3200 किलोमीटर की यात्रा करके असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा।
वहीं इस क्रूज की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि गंगा विलास क्रूज बिहार के छपरा पहुंचते ही फंस गया था। इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक वीडियो शेयर कर बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा- “अब समझ आया क्रूज़ और नाव का फ़र्क़? अब क्या इन यात्रियों को हवाई जहाज़ के माध्यम से ‘वायु विलास’ कराएंगे?”
वहीं इस संदर्भ में अन्य वेरीफाइड यूजर ने भी दावा किया है, जिसमें पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह और प्रोफेसर अशोक स्वैन शामिल हैं।
वहीं कई अन्य यूजर्स ने भी ऐसा ही दावा किया है।
फैक्ट चेकः
बिहार के छपरा में क्रूज के फंसने की सच्चाई जानने के लिए DFRAC की टीम ने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमें एनडीटीवी की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रूज अपने शेड्यूल के हिसाब से पटना पहुंचा है। क्रूज के अधिकारियों ने छपरा में क्रूज के फंसने की खबरों का खंडन किया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि क्रूज में सवार पर्यटकों ने सैर के लिए नावों का सहारा लिया था।
इसके अलावा IWAI के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय ने बताया कि- “गंगा विलास तय कार्यक्रम के अनुसार पटना पहुंचा। क्रूज के छपरा में फंसने की खबर में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है। क्रूज निर्धारित समय के अनुसार अपनी आगे की यात्रा जारी रखेगा।”
वहीं पीआईबी फैक्ट चेक ने भी क्रूज के छपरा में फंसने का फैक्ट चेक किया है।
निष्कर्षः
तमाम मीडिया रिपोर्ट और IWAI के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय के बयान से स्पष्ट हो रहा है कि क्रूज छपरा फंसा नहीं था। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा गलत है।