उत्तराखंड के हल्द्वानी में हाई कोर्ट के आदेश के बाद करीब 4000 परिवारों पर गृहस्थी उजड़ने का खतरा मंडरा रहा है। इन लोगों में ज्यादा प्रभावित मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। वहीं इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट 5 जनवरी को सुनवाई करेगा। इस बीच सोशल मीडिया पर कई प्रकार के भ्रामक और फेक न्यूज वायरल हो रहे हैं। कई सोशल मीडिया यूजर्स हल्द्वानी के प्रभावित लोगों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी बता रहे हैं।
एक यूजर ने लिखा- “उत्तराखंड के #हल्द्वानी में SC के आदेश के बावजूद रेलवे की जमीन छोड़ने को तैयार नहीं है इस्लामिक जिहादी। मात्र 2.5 किलोमीटर के एरिया में 50,000 से ज्यादा बांग्लादेशी रोहिंग्या बस गए हैं ना कोई जमीन की रजिस्ट्री ना कोई कागजात यह लोग ना सिर्फ उत्तराखंड के लिए पूरे देश के लिए खतरा है”
वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- “हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा किए रोहिंग्या को हटाने का कोर्ट का आदेश है. सेना भी तैयार है, लेकिन कटपुतली cm @pushkardhami एक्शन लेने की नही सोच रहे. शायद मोई narendramodi दिल्ली की तरह इन रोहिंग्या को फ्लेट गिफ्ट कर दें, इसलिए रुके हों? हिंदू सब देख रहा है”
इसके अलावा कई अन्य यूजर्स भी ऐसे ही दावे के साथ पोस्ट शेयर कर रहे हैं।
फैक्ट चेकः
हल्द्वानी में जिन प्रभावित परिवारों को रोहिंग्या और बांग्लादेशी बताया जा रहा है, उसकी पड़ताल के लिए DFRAC ने गूगल पर सिंपल सर्च किया। हमें दैनिक जागरण की एक रिर्पोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि- “पुलिस को इनपुट मिला है कि जिले में कुछ रोहिंग्या मुसलमानों ने घुसपैठ की है। विशेष धर्म वाले क्षेत्रों में ये अपनी जमीन तलाश रहे हैं। हालांकि इनके आने का कोई ठोस सबूत अभी तक पुलिस के पास नहीं है। पर रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़े मामले को पुलिस हल्के में नहीं लेना चाहती। पुलिस अधिकारियों ने रोहिंग्या मुस्लमानों को लेकर जांच बैठा दी है। जिलों के सभी सीओ को अपने-अपने क्षेत्र में विशेष समुदाय के लोगों का सत्यापन कराने को कहा गया है। रोहिंग्यों से जुड़ा इनपुट सही मिला तो पुलिस इनके खिलाफ अगला कदम उठाएगी।”
वहीं रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के घुसपैठ की बात को लेकर कई रिपोर्ट हैं, लेकिन उनकी सही संख्या, लोकेशन और एरिया को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। वहीं रोहिंग्या शरणार्थियों के बारे में सर्च करने हमें “नवभारत टाइम्स” की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक- “वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने बताया था कि देश में करीब 40 हजार अवैध रोहिंग्या घुसपैठिये रह रहे हैं। ये घुसपैठिये देश के अलग-अलग राज्यों या शहरों में रहते हैं। रोहिंग्या जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में रहते हैं।”
वहीं हमें “आज तक” की भी एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट के मुताबिक- “केंद्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 40 हजार रोहिंग्या गैरकानूनी तौर पर रह रहे हैं. ज्यादातर रोहिंग्या मुसलमान इस वक्त जम्मू कश्मीर, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर और राजस्थान में रहते हैं।”
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि हल्द्वानी में रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों के रहने का कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। इस संदर्भ में पुलिस की जांच जारी है। इसके अलावा हल्द्वानी में 50 हजार रोहिंग्या शरणार्थियों के घुसपैठ का दावा भी गलत है।