चार साल बाद भी पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकल सका है, मगर क्राइम तक की वेबसाइट पर 17 जून को शीर्षक में ग्रे की जगह ग्रीन लिखते हुए ख़बर पब्लिश की गई है ,“पाकिस्तान का FATF की ग्रीन लिस्ट से हटा नाम”
क्राइम तक ने लिखा,“पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने का फैसला बर्लिन (जर्मनी) में चल रही मीटिंग में लिया गया है।”
फ़ैक्ट चेक:
इंटरनेट पर इस बाबत सर्च करने पर हमें बीबीसी उर्दू के यूट्यूब चैनल पर पाकिस्तान की केन्द्रीय मंत्री हिना रब्बानी खर का एक वीडियो मिला। इस वीडियो में उन्हें ये कहते हुए सुना जा सकता कि FATF ने पाकिस्तान के (टेरर फंडिंग रोकने के लिए) प्रफॉर्मेंस पर संतुष्टि जताई है और अब यहां से पाकिस्तान के FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने का प्रोसेस शुरू होता है।
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इस दौरान हमें दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि चार साल बाद भी पाकिस्तान FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं निकल सका। FATF के बयान के बयान में साफ़ कहा गया कि पाकिस्तान को टेरर फंडिंग रोकने के लिए अब भी सख्त क़दम उठाने की ज़रूरत है।
वहीं ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ ने भी शीर्षक- “पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट से तुरंत नहीं हटाया जाएगा, विज़िट करने के बाद होगा फैसला” के साथ एक रिपोर्ट पब्लिश की गई है।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट चेक से स्पष्ट है कि ‘क्राइम तक’ द्वारा दी गई खबर भ्रामक है। क्योंकि बड़ी कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान अभी भी FATF की ग्रे लिस्ट में बरक़रार है।
दावा: पाकिस्तान का FATF की ग्रे लिस्ट से हटा नाम
दावाकर्ता: क्राइम तक
फैक्ट चेक: भ्रामक
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