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फैक्ट चेकः क्या IAS अधिकारी ने महिला मरीज का अपमान किया?

सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है। इस वायरल कटिंग में देखा जा सकता है कि अस्पताल के बेड पर एक महिला बच्चे के साथ बैठी है। वहीं एक शख्स उस बेड पर पैर रखकर खड़ा है।

अखबार की कटिंग को शेयर करने वाले यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह तस्वीर छत्तीसगढ़ की है, जहां एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी महिला मरीज के बेड पर पैर रखकर उसका अपमान कर रहा है। पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर्स अखबार की कटिंग को सीएम भूपेश बघेल को टैग करके अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।

एक ट्विटर यूजर ने लिखा- “जैसे जहां के नदी नवारे, तैसे तहाँ के भरका। जैसे जाके बाप माहतारी तैसे ताके लरका। आईएएस हो जाने से संस्कार भी आ जाएं, यह कोई गारंटी नहीं है। आदरणीय @bhupeshbaghel जी कृपया संज्ञान में ले @INCChhattisgarh”

फैक्ट चेकः

वायरल हो रही अखबार कटिंग की जांच के लिए हमने सबसे ट्वीटर पोस्ट के कमेंट बॉक्स को देखा। कई यूजर्स ने लिखा था कि यह घटना पुरानी है और इस मामले पर आरोपी आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।

ट्वीट पर जवाब

इसके बाद हमने इस इस घटना को लेकर गूगल पर सर्च किया। हमें डेक्कन क्रोनिकल वेबसाइट की 10 मई 2016 की एक न्यूज मिली। इस खबर के मुताबिक डॉ. जगदीश सोनकर, पेशे से डॉक्टर हैं और यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनें हैं। अस्पताल के निरीक्षण के दौरान उन्होंने महिला मरीज के बेड पर पैर रख लिया था।

Deccan Chronicle News

इस घटना की तस्वीर वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर काफी विवाद हुआ था। जिसके बाद विवाद बढ़ता देख डॉ. सोनकर ने फेसबुक पोस्ट लिखकर माफी मांग ली थी। उन्होंने लिखा कि मैंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। उनका इरादा किसी का अपमान करना या फिर दुखी करने का नहीं था।

निष्कर्षः

अखबार की कटिंग का फैक्ट चेक करने के बाद यह स्पष्ट होता है कि सोशल मीडिया यूजर्स का दावा फेक है।

दावा- IAS अधिकारी ने महिला मरीज का किया अपमान

दावाकर्ता- सोशल मीडिया यूजर्स

फैक्ट चेक- भ्रामक

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