फैक्ट चेक: ईरान की सड़कों पर हिजाब जलाने का भ्रामक दावा वायरल

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सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में लोगों का एक हुजूम दिखाई दे रहा है। इस हुजूम में लड़कियां भी दिखाई दे रही है। जो आग में खुशी-खुशी कपड़े जला रही है। वायरल वीडियो ईरान का बताया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि ईरान में हिजाब की कानूनी बाध्यता खत्म कर दी गई और ईरान की जनता सड़कों पर आ कर सामूहिक रूप से हिजाब जला कर जश्न मना रही है।

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वायरल वीडियो को सोशल साईट X पर वेरिफाइड यूजर ओशियन जैन ने शेयर कर लिखा कि बिग ब्रेकिंग ईरान ने हिजाब की कानूनी बाध्यता खत्म की अब हिजाब लगाना है या नही ये वहां की महिलाओं की मर्जी पर डिपेंड होगा , कोई कानूनी बाध्यता नही ईरान की जनता सड़को पर आ कर सामूहिक रूप से हिजाब जला कर जश्न मना रही है हमारे यहां तो लोगो को स्कूल कॉलेजों में भी हिजाब चाहिए

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वहीं एक अन्य यूजर ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि ईरान ने हिजाब की कानूनी बाध्यता खत्म की अब हिजाब लगाना है या नही ये वहां की महिलाओं की मर्जी पर डिपेंड होगा, कोई कानूनी बाध्यता नही ईरान की जनता सड़को पर आ कर सामूहिक रूप से हिजाब जला कर जश्न मना रही है हमारे यहां तो लोगो को स्कूल कॉलेजों में भी हिजाब चाहिए

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इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी वायरल वीडियो को ऐसे ही दावे के साथ शेयर किया है। जिसे यहां पर देखा जा सकता है।

फैक्ट चेक:

Source: Sky News

वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले वायरल वीडियो को कीफ्रेम में कन्वर्ट किया। उसके बाद सभी कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसा ही एक वीडियो स्काई न्यूज़ की रिपोर्ट में मिला। जहां इस वीडियो को 21 सितंबर 2022 को पोस्ट किया गया था। इसके साथ ही वायरल वीडियो से जुड़ी इस मीडिया रिपोर्ट में हेडलाइन देते हुए बताया गया कि ‘ईरानी महिलाओं ने विरोध में हिजाब जलाए और बाल काटे’

Source: Sky News

वहीं आगे जानकारी देते हुए बताया गया कि 22 वर्षीय महसा अमिनी को देश की नैतिकता पुलिस ने 13 सितंबर को कथित तौर पर सख्त पोशाक नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था, और तीन दिन बाद एक हिरासत केंद्र में बेहोश होने के बाद अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई।

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इसके साथ ही बीबीसी की एक अन्य रिपोर्ट से हमें वायरल वीडियो के तीन साल पहले हिजाब कानूनों का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में ली गई महसा अमिनी की मौत के बाद हुए प्रदर्शन से जुड़े होने की पुष्टि होती है।

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इसके साथ ही आगे की जांच में हमें ऐसी कोई न्यूज़ या प्रमाणित जानकारी नहीं मिली कि ईरान में हिजाब को लेकर कानूनी बाध्यता समाप्त कर दी गई हो। बल्कि इसके विपरीत ईरानी दंड संहिता में अभी भी हिजाब पहनना अनिवार्य है। इसके साथ ही जो महिलाएं बिना उचित हिजाब के सार्वजनिक रूप से दिखाई देंगी, उन्हें दस दिन से दो महीने तक की कैद या 50,000 से 500,000 रियाल का जुर्माना देना होगा।

निष्कर्ष:

DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा ईरान में हिजाब की कानूनी बाध्यता खत्म होने पर ईरान की जनता का सड़को पर आ कर सामूहिक रूप से हिजाब जलाकर जश्न मनाने का दावा भ्रामक है। क्योंकि वायरल वीडियो तीन साल पुराना है और ये वीडियो पोशाक नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार की गई 22 वर्षीय महिला महसा अमिनी की मौत के बाद उपजे विरोध-प्रदर्शन का है।