नेहरू परिवार भारत का एक प्रमुख राजनीतिक परिवार है। इस परिवार के तीन सदस्य ‘जवाहरलाल नेहरू , इंदिरा गांधी और राजीव गांधी’ भारत के प्रधानमंत्री रह चुके हैं, जबकि कई अन्य सांसद भी रहे हैं। इस परिवार को लेकर अब सोशल मीडिया पर एक बड़ा दावा किया जा रहा है। जिसमे कहा जा रहा है कि नेहरू परिवार में आज तक किसी को कोई अंतराष्ट्रीय सम्मान नहीं मिला है।

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सोशल साईट फेसबुक पर पॉलिटिकल ज्ञान ने जवाहरलाल नेहरू और राहुल गांधी की तस्वीरों वाला एक इन्फोग्रोफिक शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होने लिखा कि बड़ा सवाल: नेहरू-गांधी परिवार को कोई अंतर्राष्ट्रीय सम्मान क्यों नहीं? इस तस्वीर को देखिए! एक तरफ भारत के पहले प्रधानमंत्री, जवाहरलाल नेहरू, जिनकी विरासत ने देश की नींव रखी। दूसरी तरफ, वर्तमान राजनीति के बड़े चेहरे, राहुल गांधी। लेकिन इस पोस्ट में लिखा गया हिंदी टेक्स्ट एक बेहद विस्फोटक दावा कर रहा है: “नेहरू परिवार को आज तक कोई भी अंतर्राष्ट्रीय सम्मान नहीं मिला है जानते क्यों ? क्योंकि दुनिया को भी पता है कि ये परिवार चोर, लुटेरा और गद्दार है !” सोचिए! क्या यह सच है? क्या किसी विशेष अंतर्राष्ट्रीय सम्मान का न मिलना वाकई इस बात का सबूत है कि यह परिवार ‘चोर, लुटेरा और गद्दार’ है? या यह केवल एक राजनीतिक हमला है जिसका उद्देश्य भारत के सबसे बड़े राजनीतिक परिवार को बदनाम करना है? इंदिरा गांधी को ‘आयरन लेडी’ कहा जाता था। राजीव गांधी ने सूचना क्रांति की शुरुआत की। नेहरू गुटनिरपेक्ष आंदोलन के वैश्विक नेता थे। सवाल यह है: क्या दुनिया ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया है? आइए इस पर बहस करें! क्या आप इस पोस्ट के विस्फोटक दावे से सहमत हैं? आपके हिसाब से उन्हें कौन-सी अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलनी चाहिए थी, या क्या उनके राजनीतिक कर्म हमेशा उन पर भारी पड़े हैं? अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं! लाइक करें अगर आप इस आरोप को सही मानते हैं। कमेंट करें और अपना नजरिया पेश करें।
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फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने गूगल पर सबसे पहले भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को मिलने वाले अंतराष्ट्रीय सम्मान से जुड़ी जानकारी एकत्रित की। इस दौरान हमें पंडित नेहरू को इंडोनेशिया द्वारा स्टार ऑफ़ द रिपब्लिक ऑफ़ इंडोनेशिया से सम्मानित किये जाने की जानकारी मिली।

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इसके साथ ही हमें दक्षिण अफ्रीका द्वारा प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को मरणोपरांत ऑर्डर ऑफ द कम्पैनियंस ऑफ ओ आर टैम्बो (स्वर्ण) पुरस्कार प्रदान किए जाने की भी जानकारी मिली।

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इसके अलावा नेहरू को दक्षिण अफ्रीका का एक प्रमुख सम्मान “ऑर्डर ऑफ द कम्पैनियंस ऑफ ओ आर टैम्बो” (स्वर्ण) मरणोपरांत प्रदान किया गया था। इसके अलावा अन्य सम्मान और उपाधि भी नेहरू को प्रदान की गई थी।

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वहीं जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को मिले राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय सम्मान से जुड़ी जानकारी को एकत्रित किया। हमने पाया कि इंदिरा गांधी को 1972 में भारत रत्न, बांग्लादेश की मुक्ति के लिए मैक्सिकन अकादमी पुरस्कार (1972), द्वितीय वार्षिक पदक, एफएओ (1973) और 1976 में नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा साहित्य वाचस्पति (हिंदी) से सम्मानित किया गया। श्रीमती गांधी को 1953 में अमेरिका का मदर्स अवार्ड, कूटनीति में उत्कृष्ट कार्य के लिए इटली का इस्लबेला डी’एस्टे पुरस्कार और येल विश्वविद्यालय का हावलैंड मेमोरियल पुरस्कार भी मिला। फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन के एक सर्वेक्षण के अनुसार लगातार दो वर्षों 1967 और 1968 में वह फ्रांसीसियों द्वारा सर्वाधिक प्रशंसित महिला थीं। 1971 में अमेरिका में हुए एक विशेष गैलप पोल सर्वेक्षण के अनुसार वह दुनिया में सर्वाधिक प्रशंसित व्यक्ति थीं। 1971 में उन्हें पशुओं के संरक्षण के लिए अर्जेंटीना सोसायटी द्वारा डिप्लोमा ऑफ ऑनर प्रदान किया गया।

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इसके साथ ही हमने आगे की जांच में राजीव गांधी को मिले सम्मान से जुड़ी जानकारी हासिल की। इस दौरान हमें जानकारी मिली कि राजीव गांधी ने 1985 में हनोई, वियतनाम में आयोजित एक समारोह में अपनी मां इंदिरा गांधी के लिए गोल्ड स्टार ऑर्डर सम्मान प्राप्त किया था।

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इसके अलावा प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 1985 में दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में अपनी मां इंदिरा गांधी के लिए 1984 का जवाहरलाल नेहरू अंतरराष्ट्रीय समझ पुरस्कार ग्रहण किया। यह पुरस्कार उन्हें उनके अंतरराष्ट्रीय शांति और सहयोग के प्रयासों के लिए मरणोपरांत प्रदान किया गया था। इस दौरान तंजानिया, मेक्सिको, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति और स्वीडन तथा ग्रीस के प्रधानमंत्री ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।

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हमने जांच को ओर आगे बढ़ाया। इस दौरान हमें नेहरू परिवार की बहू सोनिया गांधी को मिले 2006 में बेल्जियम के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ लियोपोल्ड से सम्मानित’ होने की जानकारी मिली।
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वहीं वर्ष 1994-95 में लायंस क्लब इंटरनेशनल द्वारा सोनिया गांधी को लायंस क्लब इंटरनेशनल ह्यूमैनिटेरियन अवार्ड उनके सामाजिक कार्यों और मानवाधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता के लिए प्रदान किया गया।

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इसके अलावा सोनिया गांधी ने 2011 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान के लिए मरणोपरांत प्रदान किए गए बांग्लादेश फ्रीडम ऑनर पुरस्कार को ढाका में बांग्लादेश के राष्ट्रपति से ग्रहण किया। इस समारोह में पुरस्कार के रूप में 200 तोला सोने का विशेष पदक और तीन पृष्ठों का प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया, जिसमें इंदिरा गांधी की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका का उल्लेख था।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि नेहरू परिवार में किसी को अंतराष्ट्रीय सम्मान नहीं मिलने का दावा फेक और निराधार है। क्योंकि नेहरू परिवार के कई सदस्यों को अंतराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है।

