सोशल मीडिया पर भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की एक डेलीगेशन के साथ तस्वीर शेयर की गई है। इस तस्वीर को संविधान निर्माण और डॉ. बीआर अंबेडकर से जोड़ते हुए शेयर किया गया है।
इस तस्वीर को शेयर करते हुए Swami Anand Swaroop नामक यूजर ने लिखा, ‘ये चित्र 1946 का है जब पूरी संविधान लिखने रिसर्च करने वाली टीम नेहरू के साथ बैठी है जरा देखिए बीएन राव कहाँ बैठे हैं , इस फोटो में आप अंबेडकर को नहीं देखेंगे इस लिए की उन्होंने संविधान पर कुछ किया ही नहीं तो फोटो में कहा रहेंगे और इस समय तक तो संविधान सभा में भी नहीं आए थे। नीले आतंकवादी बीएन राव साहब को क्लर्क कह का अपमानित कह रहे हैं लेकिन पूरी सनातनी टीम उत्तेजित नहीं है इस लिए की सत्य ख़ुद बोलता है और उसको स्थापित होने में समय लगता है। अब ये सत्य लगभग स्थापित हो चुका है की संविधान निर्माता सर बीएन राव हैं कोई अंबेडकर नहीं। भारत की सरकार और राज्य सरकारों को इस सत्य को स्वीकार करना ही पड़ेगा और बीएन राव साहब को उचित सम्मान देना ही पड़ेगा । जैसे हर कार्यालय , न्यायालय , में उनका अनिवार्य रूप से चित्र लगे हर परिसर में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित हो और बीएन राव साहब को भारत रत्न दे भारत सरकार।’

इसके अलावा इस तस्वीर को कई अन्य यूजर्स द्वारा भी वर्ष 1946 का बताकर संविधान निर्माण और बीआर अंबेडकर से जोड़ते हुए शेयर किया गया है। जिसे यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल तस्वीर की जांच के लिए गूगल लेंस की मदद से रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर अमेरिका की हैरी एस. ट्रूमैन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी एवं संग्रहालय की वेबसाइट पर पोस्ट मिली। इस तस्वीर के साथ जानकारी दी गई है कि यह अक्टूबर 1949 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधिमंडल की तस्वीर है। इस तस्वीर के साथ डिस्क्रिप्शन लिखा गया है, ‘प्रधानमंत्री नेहरू के साथ संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधिमंडल। बाईं ओर से बैठे हैं, एक अनजान आदमी, जवाहरलाल नेहरू, एक अनजान आदमी, एक अनजान आदमी। एल्बम “हिज़ एक्सीलेंसी जवाहरलाल नेहरू, भारत के प्रधानमंत्री का संयुक्त राज्य अमेरिका का दौरा” से।’ (हिन्दी अनुवाद)

आगे की जांच करने पर हमने पाया कि वायरल तस्वीर में एक नंबर लिखा है, जो 72-625 है। हमने जांच के दौरान पाया कि यह हैरी एस. ट्रूमैन प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी और संग्रहालय द्वारा जवाहरलाल नेहरू की डेलीगेशन वाली तस्वीर को दिया गया एक्सेशन नंबर (Accession Number) है, जो विजिटर्स के लिए होता है।

निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर शेयर की तस्वीर वर्ष 1946 में संविधान सभा की बैठक की नहीं है। यह तस्वीर अक्टूबर 1949 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधिमंडल की है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।

