कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हवाले से सोशल मीडिया पर एक बड़ा दावा वायरल हो रहा है। जिसमे कहा गया है कि वोट चोरी का आरोप लगाने पर कोर्ट ने डांट-फटकार लगाते हुए राहुल गांधी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

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सोशल साईट X पर यूजर मनोज श्रीवास्तव ने वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा कि *वोट-चोरी का आरोप लगाने वाले* *राहुल गांधी को* *कोर्ट ने डाट-फटकार लगाने के साथ ही* *1 लाख का जुर्माना भी लगाया*

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वहीं एक अन्य यूजर ठाकुर साहब ने वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा कि वोट चौरी के आरोप बेबुनियाद !! राहुल गांधी नाक रगड़ कर माफी मांगे, साथ ही एक लाख का जुर्माना भरे __ मद्रास हाईकोर्ट

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इसके अलावा एक अन्य यूजर मुन्ना कुमार ने भी वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा कि वोट-चोरी का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी को मद्रास हाईकोर्ट कोर्ट से करा फटकार लगा और साथ साथ याचिका करता को 1 लाख का जुर्माना भी लगाया। कांग्रेस पार्टी को करा तमंचा पर गया
फैक्ट चेक :

वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने गूगल पर दावे से जुड़े कुछ कीवर्ड सर्च किये। इस दौरान हमें लाईव लॉं डॉट इन की एक रिपोर्ट मिली। इस रिपोर्ट में बताया गया कि “कोर्ट ने याचिका को “भ्रमित” बताते हुए याचिकाकर्ता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसे एक महीने के भीतर तमिलनाडु विधिक सेवा प्राधिकरण को जमा करना होगा।’’

इसके साथ ही हमें समाचार पत्र हिंदुस्तान की एक अन्य रिपोर्ट मिली। जिसमे बताया गया कि अधिवक्ता वी वेंकट शिवकुमार द्वारा दायर जनहित याचिका में चुनाव आयोग को यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया कि आयोग सभी निर्वाचन क्षेत्रों के लिए प्रासंगिक मतदाता सूची डेटा को मशीन द्वारा पढ़े जाने वाले प्रारूप में अदालत के सामने प्रस्तुत करे और इसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराए। याचिका में इन आरोपों के जवाब में की गई सभी कार्रवाइयों, जांचों, ऑडिट और उपायों की डिटेल रिपोर्ट उपलब्ध करने का अनुरोध किया गया था। हालांकि मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव और जस्टिस जी अरुल मुरुगन की पीठ ने कहा कि मतदाता सूची से संबंधित एक याचिका सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है। हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि यह सिर्फ प्रचार के लिए दायर की गई है। अदालत ने कहा कि याचिका का कोई आधार नहीं है है, इसमें ठोस सबूतों का अभाव है और यह पूरी तरह से राजनीतिक दावों पर आधारित है। कोर्ट ने आगे कहा कि याचिका अस्पष्ट है, इसमें कोई ठोस विवरण भी नहीं है और इसके जरिए चुनाव आयोग को स्पष्टीकरण जारी करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि मद्रास हाईकोर्ट द्वारा राहुल गांधी पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगाने का दावा भ्रामक है। क्योंकि कोर्ट ने राहुल गांधी पर नहीं बल्कि याचिकाकर्ता वी वेंकट शिवकुमार पर ये जुर्माना लगाया था।

