सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें एक युवक को भगवा कपड़े पहने हुए देखा जा सकता है। वहीं उसके आस-पास बड़ी संख्या में मुस्लिम बैठे हुए दिखाई देते हैं। इसी बीच दाढ़ी-टोपी में अचानक एक शख्स आता है और उस युवक से कहता है कि तू हिन्दू है न ? बाहर जाओ! और फिर युवक को वहाँ से बाहर निकाल दिया जाता है।

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सोशल साईट X पर वेरिफाइड यूजर भरतराष्ट्रसेन ने वायरल वीडियो को शेयर कर लिखा कि ‘हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई वाली कहावत सिर्फ़ सरकारी स्कूलों तक ही सीमित है, मस्जिदों और मदरसों में सिर्फ़ मुसलमान भाई-भाई हैं, बाकी सब काफ़िर हैं, यही सिखाया जाता है। यह वीडियो देखिए कि कैसे एक धर्मनिरपेक्ष हिंदू को मस्जिद से खदेड़ दिया गया। इस वीडियो को रीपोस्ट करें और उन लोगों के साथ शेयर करें जो कोटा की दो मुस्लिम लड़कियों को गरबा में हिस्सा लेने से रोकने पर हिंदुओं को गाली दे रहे थे।
फैक्ट चेक:

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वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले वायरल वीडियो को कीफ्रेम में कन्वर्ट किया। उसके बाद सभी कीफ्रेम को अलग-अलग रिवर्स सर्च किया। ऐसे में हमें ऐसा ही एक वीडियो यूट्यूब पर मिला। ये वीडियो 06 अप्रेल 2024 को यूट्यूब चैनल Prank Buzz से शेयर किया गया था। इसके साथ ही वीडियो को कैप्शन देते हुए लिखा गया कि ‘‘जब एक हिंदू संन्यासी किसी मुस्लिम की मस्जिद में इफ्तार के लिए जाता है? हिंदू बनाम मुस्लिम सामाजिक प्रयोग’’

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इसके साथ ही आगे की जांच में वीडियो के सबंध में एक अस्वीकरण (Disclaimer) भी मिला। जिसमे वीडियो के बारे में जानकारी देते हुए लिखा गया कि यह वीडियो एक सामाजिक प्रयोग है जिसे केवल शिक्षा और जागरूकता के उद्देश्य से बनाया गया है। इसका उद्देश्य नफ़रत फैलाना या किसी भी धर्म, समुदाय या आस्था को ठेस पहुँचाना नहीं है। इस वीडियो में भाग लेने वाले स्वयंसेवक या सहमति प्राप्त व्यक्ति हैं, और इसकी सामग्री विभिन्न समुदायों – इस मामले में, हिंदू और मुस्लिम – के बीच सामाजिक सद्भाव, एकता और समझ को उजागर करने के लिए डिज़ाइन की गई है। हम सभी धर्मों और मान्यताओं का सम्मान करते हैं, और हम नफ़रत फैलाने वाली भाषा, भेदभाव या किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक विभाजन के विरुद्ध दृढ़ता से खड़े हैं। यदि सामग्री का कोई भी भाग आहत करने वाला या आपत्तिजनक लगता है, तो कृपया समझ लें कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं था। दर्शकों को विवेक का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। आइए शांति, प्रेम और एकता फैलाएँ।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है। क्योंकि ये एक स्क्रिपटेड वीडियो है। वीडियो को हिंदू और मुस्लिम के बीच सामाजिक सद्भाव, एकता और समझ को उजागर करने के लिए बनाया गया है। लेकिन यूजर ने वीडियो के एक हिस्से को गलत मंशा से शेयर किया है।

