नेपाल में जेन-जी आंदोलन के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। ये वीडियो नेपाल का बताया जा रहा है। यह वीडियो एक शपथग्रहण समारोह का है। दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो हिन्दू राष्ट्र नेपाल के मुसलमान प्रधानमंत्री बालेन्द्र शाह के शपथग्रहण समारोह का है।

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सोशल साईट X पर वायरल वीडियो को शेयर करते हुए यूजर आजम खान पैरोडी ने लिखा – हिन्दू राष्ट्र नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप मे शपथ ग्रहण करते एक मुसलमान और ईमानदार लीडर बालेन्द्र शाह…. माशाअल्लाह

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वहीं एक अन्य यूजर अवधी वाले अभिषेक ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए लिखा – नेपाल के नए प्रधानमंत्री पदभार लेते हुए । नेपाल की कमान अब संभालने को पूरी तरीके से तैयार हैं बालेंद्र शाह नेपाल की सत्ता अब एक बुद्धिस्ट के हाथों में है। चीन की सत्ता भी एक बुद्धिस्ट के हाथों में है। देखने वाली बात होगी कि क्या नेपाल अब विकास की राह पर चलेगा यह भविष्य के गर्त में छिपा हुआ है।

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इसके अलावा कई अन्य यूजर ने भी ऐसे ही मिलते-जुलते दावों के साथ वायरल वीडियो को शेयर किया है।
फैक्ट चेक:

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वायरल वीडियो के साथ किये गए दावे की जांच के लिए DFRAC ने सबसे पहले वीडियो को कीफ्रेम में कन्वर्ट किया। उसके बाद अलग-अलग कीफ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान हमें ऐसी ही एक वीडियो यूट्यूब पर मिला। यह वीडियो तीन साल पहले 30 मई 2022 को शेयर किया गया। वीडियो के बारे में नेपाली भाषा में जानकारी देते हुए लिखा गया कि काठमांडू महानगरपालिकाः नवनिर्वाचित मेयर बालेन उपमेर सुनिताको शपथ, पदभार ग्रहण आजै (हिन्दी अनुवाद – नवनिर्वाचित महापौर बालेन और उप महापौर सुनीता ने आज पद की शपथ ली)

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इसके साथ ही हमें आगे की जांच में बालेन शाह के राजधानी काठमांडू के महापौर पद की शपथ लेने जुड़ी 30 मई 2022 को पब्लिश एक अन्य मीडिया रिपोर्ट मिली।

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इसके साथ ही हमने जांच को आगे बढ़ाते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री से सबंधित खबरों की भी जांच की। इस दौरान हमें 12 सितंबर 2025 को पब्लिश बीबीसी हिन्दी की मीडिया रिपोर्ट मिली। जिसमें बताया गया कि नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं सुशीला कार्की अब नेपाल की पहली अंतरिम महिला प्रधानमंत्री बन गई हैं। सुशीला कार्की को राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। सुशीला कार्की केपी शर्मा ओली की जगह लेंगी।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल वीडियो के साथ किया गया दावा भ्रामक है। क्योंकि वायरल वीडियो तीन साल पुराना है और बालेन शाह के राजधानी काठमांडू के महापौर पद की शपथग्रहण समारोह से सबंधित है।

