अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को निशाना बनाते हुए टैरिफ का ऐलान किया है। उन्होने एक बार फिर से धमकी दी है कि जो ब्रिक्स देश अमेरिकी हितों की अनदेखी करेंगे, उन्हें अतिरिक्त 10% टैरिफ झेलना होगा। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हुआ है। जिसमे कहा गया कि अमेरिकी डॉलर से निर्भरता कम करने के लिए ब्रिक्स देश जल्द ही अपनी नई डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेंगे।

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सोशल साईट X पर वेरिफाईड यूजर वर्ल्ड अफेयर्स ने लिखा कि ब्रेकिंग: ब्रिक्स देशों का कहना है कि वे अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से जल्द ही नई डिजिटल मुद्रा लॉन्च करेंगे।

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कई अन्य यूजर ने भी ऐसा ही दावा किया है। जिसे यहां पर देखा जा सकता है।
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने दावे से जुड़े कुछ कीवर्ड गूगल पर सर्च किये। इस दौरान हमें ऐसी कोई न्यूज़ नहीं मिली। जिससे साबित होता हो कि ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए अपनी नई डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने जा रहे हो।

इस दौरान हमें टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट मिली। जिसमे विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के हवाले से कहा गया कि “डॉलर-मुक्ति एजेंडे में नहीं है। सीमा पार भुगतान, हाँ, ब्रिक्स ने स्थानीय मुद्राओं के बारे में बात की है, लेकिन डॉलर-मुक्ति एजेंडे में नहीं है।”

इसके अलावा हमें एक माह पुरानी द हिन्दू की एक अन्य रिपोर्ट मिली। जिसमे भारत में ब्राज़ील के राजदूत केनेथ फ़ेलिक्स हज़िंस्की दा नोब्रेगा के हवाले से कहा गया कि ब्रिक्स की वैकल्पिक मुद्रा बनाने की कोई योजना नहीं है।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साबित होता है कि वायरल दावा फेक है। क्योंकि ब्रिक्स देशों ने डॉलर से निर्भरता कम करने के लिए अपनी नई डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।

