पिछले दिनों जकार्ता स्थित भारतीय दूतावास में रक्षा अताशे (भारतीय नौसेना) कैप्टन शिव कुमार का ऑपरेशन सिंदूर दिया एक बयान जमकर वायरल हुआ है। कैप्टन शिव कुमार के इस बयान के बाद जमकर भ्रामक सूचनाएं भी शेयर की गई थीं। इस बीच सोशल मीडिया पर कैप्टन शिव कुमार को लेकर एक और फेक न्यूज वायरल है। भारतीय गृह मंत्रालय के एक आदेश की कॉपी को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि कैप्टन शिव कुमार को वापस बुला लिया गया है। यह फेक न्यूज पाकिस्तानी यूजर्स द्वारा जमकर शेयर किया गया है।
एक यूजर ने लिखा, ‘कैप्टन शिव कुमार सिंह को सच बोलने की कीमत चुकानी पड़ी है, क्योंकि भारतीय वायुसेना के नुकसान के बारे में खुलासा होने के बाद उन्हें शीघ्र ही स्वदेश वापस भेज दिया गया।’

वहीं इस दावे के साथ कई अन्य यूजर्स ने भी पोस्ट शेयर किया है, जिसे यहां, यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल लेटर की जांच के लिए भारतीय गृह मंत्रालय की वेबसाइट के प्रेस रिलीज सेक्शन को देखा। हमें कैप्टन शिव कुमार को वापस बुलाए जाने के संबंध में कोई भी लेटर या सूचना नहीं मिली। इसके बाद हमारी टीम ने गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमें किसी भी मुख्यधारा की मीडिया द्वारा प्रकाशित ऐसी कोई सूचना नहीं मिली, जिसमें यह उल्लेखित किया गया हो कि कैप्टन शिव कुमार को वापस बुलाया गया है।
वहीं आगे की जांच पर हमें पीआईबी का एक पोस्ट मिला, जिसमें सोशल मीडिया पर कैप्टन शिव कुमार को वापस बुलाए जाने के दावे का फेक बताया गया है। इस पोस्ट में यह भी जानकारी दी गई है कि गृह मंत्रालय का फेक लेटर वायरल किया गया है। कैप्टन शिव कुमार अभी भी जकार्ता में रक्षा अताशे के पद पर कार्यरत हैं।
इससे पहले भी जब कैप्टन शिव कुमार ने भारत को कुछ विमान का नुकसान होने का बयान दिया था, उस वक्त भी भ्रामक सूचनाएं जमकर वायरल हुई थीं, जिसका DFRAC की टीम ने फैक्ट चेक किया था, जिसे यहां क्लिक करके पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर गृह मंत्रालय का वायरल लेटर फेक है, साथ ही कैप्टन शिव कुमार को वापस बुलाए जाने का दावा भी गलत है।