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DFRAC विशेषः फेसबुक पर भारतीय सेना के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा बांग्लादेशी नेटवर्क

Featured Hate MONITOR Report

फेसबुक पर भारतीय सेना के खिलाफ लक्षित दुष्प्रचार का एक संगठित और चिंताजनक अभियान सामने आया है, जिसमें बड़ी संख्या में बांग्लादेशी फेसबुक यूज़र्स शामिल हैं। ये यूज़र्स सोशल मीडिया पर भारतीय सेना की छवि को धूमिल करने के लिए एक संगठित गिरोह की तरह दुष्प्रचार कर रहे हैं। अपने प्रोपेगेंडा अभियान के तहत इन यूजर्स ने भारत, चीन, म्यांमार और नेपाल के देशों की सेना के नाम से फर्जी अकाउंट बनाए हुए हैं। इन अकाउंट्स के ज़रिए भारतीय सेना और सैन्य अधिकारियों पर अपमानजनक कंटेंट शेयर किया जा रहा है, साथ ही कश्मीर, मणिपुर और अन्य संवेदनशील मुद्दों को उकसाने वाला कंटेंट भी परोसे जा रहे हैं। DFRAC ने इस विशेष रिपोर्ट में ऐसे ही ग्रुप के संगठित अभियान का भांडाफोड़ किया है, जो सेना और अधिकारियों के खिलाफ लक्षित प्रोपेगेंडा कर रहा है। यह रिपोर्ट उन पैटर्न्स, अकाउंट्स और कंटेंट का विश्लेषण करती है, जिनके माध्यम से भारत विरोधी प्रचार को सुनियोजित तरीके से फैलाया जा रहा है। इस रिपोर्ट के प्रमुख बिन्दू इस प्रकार हैं-

  1. फेक फेसबुक अकाउंट्स

    1.1 फेक फेसबुक अकाउंट्स की प्रोफाइलिंग

    1.2 डिलिटेड अकाउंट्स या निष्क्रिय अकाउंट्स

    1.3 फेसबुक अकाउंट क्रिएशन और बार बार नाम बदलना

    1.4 जियोग्राफिकल लोकेशन

    2. नेटवर्किंग और शेयरिंग पैटर्न

    2.1 फेक फेसबुक प्रोफाइल्स का नेक्सस  

    2.2 अकाउंट प्रमोशन का ईको सिस्टम

    2.3 अल्गोरिद बूस्ट के लिए कंटेंट शेयरिंग

    2.4 कंटेंट का कॉपी-पेस्ट पैटर्न

    2.5 बांग्लादेशी यूजर्स की संदिग्ध भूमिका  

    3. प्रोपेगेंडा कंटेंट

    3.1 शहीद सैनिकों का अपमान

    3.2 सेना के अधिकारियों का अपमान

    3.3 भारत और सेना के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल

    3.4 लद्दाख और पूर्वोत्तर पर विवादित पोस्ट

    3.5 प्रोपेगेंडा के लिए गलत मानचित्रों का प्रयोग

    4. सैद्धांति दृष्टिकोण

    4.1 मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस-Psychological Operations (PsyOps) 

    4.2 धारणा प्रबंधन (Perception Management)

    4.3 सूचना ऑपरेशंस- Information Operations (InfoOps) 

    5. फेक न्यूज और फैक्ट चेक

    6. निष्कर्ष

    1. फेक फेसबुक अकाउंट्सः

      DFRAC की टीम ने इस विशेष रिपोर्ट में ऐसे नेटवर्क की करतूतों को उजागर किया है, जो सीमापार बैठे होकर भारत विरोधी नैरेटिव को बढ़ावा दे रहे हैं और सोशल मीडिया को एक साइबर युद्ध के हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं।

      1.1 फेक फेसबुक अकाउंट्स की प्रोफाइलिंगः

      DFRAC की टीम ने ऐसे 7 फेक फेसबुक अकाउंट्स के एक ग्रुप की पहचान की है, जो अलग-अलग देशों की सेनाओं या उनसे जुड़े होने का दावा करते हैं। इन सभी की प्रोफाइल पर उन देशों के सेनाओं की तस्वीरें लगी हैं या फिर राष्ट्रीय झंडे का इस्तेमाल किया गया है। सेनाओं और राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल इस रणनीति के तहत किया गया है कि उनको उस देश से जुड़ा अकाउंट मान लिया जाए। ये सभी अकाउंट्स लगातार सेना विरोधी प्रोपेगेंडा और भ्रामक सूचनाएं शेयर करते हैं। इन अकाउंट्स में चार अभी भी सक्रिय हैं, जिसमें 1- चाइना मिलिट्री फोर्स, 2- म्यांमार डिफेंस फोर्स, 3- चाइनीज आर्मी और 4- इंडियन डिफेंस अपडेट है।

      1.2 डिलिटेड अकाउंट्स या निष्क्रिय अकाउंट्सः

      DFRAC की टीम ने अपनी जांच के दौरान पाया कि इस ग्रुप के तीन अकाउंट्स ऐसे हैं, जो या तो निष्क्रिय हो चुके हैं या फिर उन्हें डिलीट कर दिया गया है। इन तीनों अकाउंट्स में पहला- अराकान आर्मी फोर्स, दूसरा- नेपाली आर्मी फोर्स और तीसरा- जुम्मालैंड आर्मी फोर्स हैं। हमने इन अकाउंट्स के बारे में फेसबुक पर सर्च किया, लेकिन हमें यह तीनों अकाउंट्स नहीं मिले। यहां हम डिलीट इन तीनों अकाउंट्स के बारे में बताते चलें कि अराकान आर्मी फोर्स दरअसल म्यांमार के रखाइन प्रांत के नाम पर है। रखाइन को ही अराकान कहते हैं। अराकान आर्मी को म्यांमार की विद्रोही सेना भी कहते हैं, जिसने रखाइन के कई शहरों पर कब्जा भी किया था। डॉयचे वेले (D.W.) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिमी रखाइन राज्य में बौद्ध लोगों के राजनीतिक संगठन, यूनाइटेड लीग ऑफ अराकान (यूएलए) की सैन्य शाखा के रूप में कार्य करता है। 2017 में म्यांमार की सेना ने राज्य में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई शुरू की, जिससे लगभग 750,000 रोहिंग्या भारत और बांग्लादेश सहित कई पड़ोसी देशों में भागने के लिए मजबूर हो गए। 

      वहीं “जुम्मालैंड” बांग्लादेश में चटगांव पहाड़ी इलाकों (CHT) को संदर्भित करता है, जो एक ऐसा क्षेत्र है जहां स्वदेशी आदिवासी समूह रहते हैं जिन्हें सामूहिक रूप से जुम्मा लोग कहा जाता है। “जुम्मा” शब्द स्वयं “झूम” से लिया गया है, जो इन जनजातियों द्वारा की जाने वाली एक प्रकार की स्थानांतरित खेती है। चकमा, मरमा और अन्य जैसे विभिन्न जातीय समूहों सहित जुम्मा लोगों की अलग-अलग संस्कृतियां, भाषाएं और धर्म हैं, जो अक्सर बहुसंख्यक बंगाली आबादी से भिन्न होते हैं। उन्हें विस्थापन, भूमि हड़पने और हिंसा सहित ऐतिहासिक और चल रही चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। इन फेसबुक अकाउंट्स द्वारा किए गए पोस्ट में तंज करते हुए ये आरोप लगाए गए हैं कि भारत और म्यांमार की रणनीति है कि बांग्लादेश से जुम्मालैंड (चटगांव का इलाका) को अलग किया जाए। हमें इन अकाउंट्स की जांच के दौरान कई पोस्ट ऐसे मिले, जिसमें अराकान आर्मी, नेपाली आर्मी और जुम्मालैंड आर्मी का जिक्र किया गया था।

      1.3 फेसबुक अकाउंट क्रिएशन और बार बार नाम बदलनाः

      इस ग्रुप का सबसे पहला अकाउंट म्यांमार डिफेंस फोर्स को बनाया गया था। इस पेज को 28 मार्च 2019 को बनाया गया था। इस फेज की गतिविधियों पर नजर डालें तो जब यह पेज बनाया गया था, तब इसका नाम म्यांमार डिफेंस फोर्स था, फिर इसे बदलकर म्यामांर डिफेंस आर्मी किया। 16 जनवरी 2024 को इस पेज का नाम फिर बदलकर इसे द वोल्फ ऑफ बंगाल किया गया। इसके बाद 16 अक्टूबर 2024 को फिर से म्यांमार डिफेंस फोर्स कर दिया गया, जो अभी इस नाम से संचालित हो रहा है।

      इस ग्रुप का दूसरा अकाउंट इंडियन डिफेंस अपडेट है। इस फेसबुक पेज को 3 जून 2019 को बनाया गया था। इस ग्रुप का तीसरा पेज चाइना मिलिट्री फोर्स है। इस अकाउंट को 16 जून 2020 में बनाया गया था, तब इसका नाम China Military Fours रखा गया था, हालांकि इसके अगल ही दिन फोर्स की स्पेलिंग Force की जगह Fours लिखे जाने के बाद इसे बदलकर China Military Force किया गया था। इस ग्रुप चौथा अकाउंट चाइनीज आर्मी है, जिसे 22 अगस्त 2024 को बनाया गया था।

      1.4 फेसबुक अकाउंट्स की जियोग्राफिकल लोकेशनः

      इन अकाउंट्स की जांच के दौरान हमें जानकारी प्राप्त हुई कि ना तो इंडियन डिफेंस अपडेट्स का संचालन भारत से होता है और ना ही म्यांमार डिफेंस आर्मी का संचालन म्यांमार से होता है। इन दोनों की फेसबुक पेज ट्रांसपैरेंसी चेक पर पता चला कि यह दोनों अकाउंट्स बहरीन से संचालित होते हैं। वहीं हमने पाया कि चाइना मिलिट्री फोर्स की लोकेशन में फेंगताई-चीन (Fengtai, China) लिखा हुआ है, लेकिन जब फेसबुक पेज ट्रांसपैरेंसी चेक किया गया तो सामने आया कि इसका संचालन बांग्लादेश से किया जाता है।

      2. नेटवर्किंग और शेयरिंग पैटर्न: 

        हमने जांच के दौरान पाया कि इन अकाउंट्स के बीच मजबूत नेटवर्किंग और शेयर पैटर्न जबरदस्त थी। सभी अकाउंट्स एक-दूसरे के पोस्ट पर रीच लाने के लिए ना सिर्फ कंटेंट को शेयर कर रहे थे, बल्कि कमेंट और लाइक्स के जरिए भी रीच को बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे।

        2.1 फेक फेसबुक प्रोफाइल्स का नेक्ससः

        स्वयं को सेना या रक्षा संस्थाओं से जुड़ा दिखाने की कोशिश करने वाले अकाउंट्स जैसे इंडियन डिफेंस अपडेट, म्यांमार डिफेंस फोर्स, चाइनीज आर्मी और चाइना मिलिट्री फोर्स आपस में कॉमन कनेक्शन रखते हैं। इन सभी अकाउंट्स की गतिविधियों, पोस्ट पैटर्न और नेटवर्क कनेक्शन का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि ये आपस में गहराई से जुड़े हुए हैं। यह नेटवर्क एक सुनियोजित रणनीति के तहत संचालित हो रहा है, जिसका उद्देश्य भारत और पड़ोसी देशों की सेनाओं को लेकर भ्रम फैलाना, नकली सूचनाएं प्रचारित करना और जनता की धारणाओं को प्रभावित करना है।

        2.2 अकाउंट प्रमोशन का ईको सिस्टमः

        इंडियन डिफेंस अपडेट्स, म्यांमार डिफेंस फोर्स, चाइनीज आर्मी और चाइना मिलिट्री फोर्स सोशल मीडिया पर सक्रिय रुप से कार्य करते हैं। ये किसी व्यक्तिगत कोशिशों का हिस्सा प्रतीत नहीं होते हैं, बल्कि एक संगठित और सुनियोजित तरीके से प्रमोशन ईको सिस्टम के तहत काम करते हैं। इस ईको सिस्टम का मकसद इन अकाउंट्स और इनके कंटेंट की पहुंच बढ़ाना, प्रोपेगेंडा नैरेटिव को तेज़ी से फैलाना और सोशल मीडिया अल्गोरिदम को प्रभावित करना प्रतीत होता है। ये फेक अकाउंट्स नियमित रूप से एक-दूसरे की पोस्ट्स को लाइक, कमेंट और शेयर करते रहते हैं, जिससे इनके कंटेंट के वायरल होने लगे। इनके इस प्रयास से अल्गोरिदम को यह संकेत मिलता है कि कंटेंट लोकप्रिय है, जिसका परिणाम यह होता है कि कंटेंट की विजिबिलिटी और अधिक बढ़ जाती है। हमने जांच में कई बार यह पाया गया कि इनकी रणनीति सफल भी रही और उनके पोस्ट्स की रीच लाखों में पहुंच गई थी। इन फेक अकाउंट्स ने फेसबुक पर एक ऐसा ईको चेंबर माहौल तैयार किया है, इसमें यूजर्स को बार-बार एक ही तरह का कंटेंट दिखाया जाता है ताकि उनकी सोच और धारणा धीरे-धीरे उसी दिशा में ढलने लगे, जिसे प्रोपेगेंडा नेटवर्क बढ़ाना चाहता है। यह ईको सिस्टम न केवल प्लेटफॉर्म अल्गोरिदम को भ्रामक करता है, बल्कि जनता की सोच पर भी गहरा असर डालता है।

        2.3 अल्गोरिदम बूस्ट के लिए कंटेंट शेयरिंगः

        फेक अकाउंट्स इंडियन डिफेंस अपडेट्स, म्यांमार डिफेंस फोर्स, चाइनीज आर्मी और चाइना मिलिट्री फोर्स के बीच एक समयबद्ध और समन्वित पैटर्न देखने को मिला, जिसमें वे कुछ ही मिनटों के भीतर एक ही कंटेंट को कई बार पोस्ट करते और शेयर करते थे। इससे अल्गोरिदम को शेयर किए जाने वाले कंटेंट की कृत्रिम लोकप्रियता का आभास कराया गया। इन अकाउंट्स ने प्रोपेगेंडा कंटेंट को धड़ल्ले से शेयर किया, ताकि कुछ ही मिनटों में इसकी रीच ज्यादा से ज्यादा लोगों तक हो सके। इन अकाउंट्स की रणनीति थी कि उनका प्रोपेगेंडा कंटेंट फेसबुक के अल्गोरिदम सिस्टम से मैच कर जाए और वायरल हो जाए। जैसे हमने देखा कि इंडियन डिफेंस अपडेट के नॉर्मल पोस्ट पर बहुत कम लाइक्स और शेयर थे, लेकिन जैसे ही पूरे ग्रुप ने इस कंटेंट को एम्प्लीफाई किया, वैसे ही इसे जमकर लाइक्स और शेयर किए गए। जिसका नतीता यह हुआ कि पोस्ट्स पर लाइक्स और कमेंट्स की बाढ़ आ गई, किसी पोस्ट पर 23 हजार तो किसी की 24 हजार लाइक्स थे और 200 से ज्यादा बार शेयर किए गए।

        2.4 कंटेंट का कॉपी-पेस्ट पैटर्न

        इन फेक फेसबुक अकाउंट्स ने ना सिर्फ एक-दूसरे से जुड़े नेटवर्क के रूप में काम किया, बल्कि इनके पोस्ट में कॉपी-पेस्ट कंटेंट पैटर्न भी देखने को मिला। इस पैटर्न को हम सूचना युद्ध की संगठित रणनीति का हिस्सा मान सकते हैं, क्योंकि इन अकाउंट्स ने सेना की नकली पहचान लेकर प्रोपेगेंडा के लिए अपमानजनक, भ्रामक और झूठी खबरों को शेयर किया। हमने पाया कि इस तरह के कॉपी-पेस्ट पैटर्न वाले कंटेंट का उद्देश्य ना सिर्फ कंटेंट को सभी अकाउंट्स पर पोस्ट करना था, बल्कि एक ऐसा माहौल तैयार करना था, जिसमें यूजर्स को एक ही तरह का कंटेंट हर जगह देखने को मिले और उसे सच मान लिया जाए।

        3. प्रोपेगेंडा कंटेंट:

          इन अकाउंट्स पर प्रोपेगेंडा कंटेंट की भरमार है। ये कंटेंट सेना का अपमान करने वाले, गाली-गलौज और अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले, सैनिकों को नीचा दिखाने वाले और भारत के खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित थे। यहां हम इस प्रकार के कंटेंट का एनालिसिस कर रहे हैं।

          3.1 शहीद सैनिकों का अपमानः

          इंडियन डिफेंस अपडेट के अकाउंट से एक पोस्ट शेयर किया गया, जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों के कई शहीद जवानों के शवों देखा जा सकता है। इस फोटो के साथ अंग्रेजी भाषा में कैप्शन लिखा गया, जिसका हिन्दी अनुवाद है, ‘हमारे सभी मजबूत सैनिक अभी सो रहे हैं क्योंकि उन्होंने कल रात कड़ी मेहनत की थी और हमारे माननीय जनरल बिची सिंग सर ने कहा कि नींद सबसे पहले है अपने आप को किसी भी हमले से दूर रखने के लिए ताकि आप एक बारूदी सैनिक बन जाएं।’ इस पोस्ट पर सबसे ज्यादा लॉफिंग रिएक्शन दिए गए हैं।

          मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह फोटो वर्ष 2010 में चिंतलनार में घात लगाकर किए गए हमले का है, जिसमें 76 सुरक्षा बलों के जवान मारे गए थे। इस हमले को आज भी देश का सबसे घातक माओवादी हमला माना जाता है।

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          3.2 सेना के अधिकारियों का अपमानः

          इन अकाउंट्स द्वारा भारत और म्यांमार की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए अपमानजनक पोस्ट किए गए हैं। यह अकाउंट्स भारतीय सेना जनरल के जनरल बिची सिंग सर और जनरल बोडा नाथ सर तथा म्यांमार सेना के अधिकारियों के जनरल चुचु सर और जनरल मौंग सर जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया है।

          3.3 भारत और सेना के अपमानजनक शब्दों का इस्तेमालः 

          इन फेसबुक यूजर्स के पोस्ट्स का विश्लेषण करने पर सामने आया कि पोस्ट्स में भारत और भारतीय सेनाओं के लिए अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल किए गए हैं। इन अपमाजनक शब्दों को इस प्रकार लिखा गया है, जिसमें अपमान का बोध प्रकट होता है। उदाहरण के तौर पर आम भारतीयों से लेकर पुलिस और सैन्य बलों द्वारा संबोधन के लिए ‘जय हिन्द’ नारे का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इन यूजर्स ने ‘जय हिन्द’ की जगह ‘Gay Hind (गे हिन्द)’ शब्द इस्तेमाल किए हैं। भारतीय सेना के लिए अंग्रेजी में Powerful पावरफुल की जगह Powderful Army (पावडरफुल आर्मी) जैसे शब्द इस्तेमाल किए गए हैं। वहीं Successful की जगह Sucksexfull जैसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ है।

          इसके अलावा कुछ ऐसे फोटोग्राफ्स इस तरह से इस्तेमाल किए गए हैं, जिसमें भारतीय सेना का मजाक और अपमान किया गया है। उदाहरण के तौर पर देखें तो एक फोटो में देखा जा सकता है कि एक सैनिक के पैर में लगी चोट लगी है। घायल सैनिक की इस फोटो को शेयर करते हुए भारतीय सेना के इजरायल के साथ खड़े होने की बात कहकर मजाक उड़ाया गया है।

          3.4 लद्दाख और पूर्वोत्तर पर विवादित पोस्टः

          इन अकाउंट्स का उद्देश्य ना सिर्फ सेना और भारतीय संस्थाओं के खिलाफ प्रोपेगेंडा करने का था, बल्कि भारत के संवेदनशील और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे लद्दाख और पूर्वोत्तर पर भी विवादित और भ्रामक पोस्ट्स शेयर करना था। इन विवादित पोस्टों में भारत की संप्रभुता को लेकर संदेह पैदा करना और विदेशी नैरेटिव को बढ़ावा देना भी शामिल था। इन यूजर्स ने खासतौर पर चाइनीज आर्मी के फेसबुक अकाउंट से मणिपुर संघर्ष, अरूणाचल प्रदेश नक्शा विवाद और लद्दाख को लेकर विवादित और भ्रामक पोस्ट किए हैं।

          3.5 प्रोपेगेंडा के लिए गलत मानचित्रों का प्रयोगः

          इन सभी अकाउंट्स के बांग्लादेश के कई विवादित नक्शे को शेयर किया गया है। इस विवादित नक्शे में भारत के पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों तथा पूर्वोत्तर के कई राज्यों को बांग्लादेश के रुप में दर्शाया गया है। इस तरह के कई नक्शे इन यूजर्स ने बार-बार पोस्ट किए हैं, जिसमें भारतीय राज्यों को बांग्लादेश में दिखाया गया है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि विवादित नक्शे के साथ किए गए इन पोस्टों में से अधिकतर में कैप्शन को बंगाली भाषा में लिखा गया है।

          4. सैद्धांति दृष्टिकोणः

          मौजूदा डिजिटल युग में युद्ध सिर्फ सीमाओं पर नहीं लड़ा जाता, बल्कि सीमारहित वर्चुअल दुनिया में भी सूचनाओं के स्तर पर एक अदृश्य युद्ध हमेशा लड़ा जाता है, जिसे सूचना युद्ध कह सकते हैं। इसके लिए सूचनाओं के साथ छेड़छाड़, फेक न्यूज, भ्रामक सूचनाएं और प्रोपेगेंडा का प्रयोग किया जाता है। यह युद्ध लोगों की सोच, धारणाओं और नजरिए को प्रभावित करने के लिए एक रणनीति के तहत किए जाते हैं, जिसका स्केल मौजूदा दौर में एक इंडस्ट्री की तरह होता चला जा है। इस सूचना युद्ध का सबसे बड़ा हथियार सोशल मीडिया बन गया है। सोशल मीडिया पर उदाहरण के लिए हम इन्हीं फेक फेसबुक अकाउंट्स को ले सकते हैं, जिनके नाम भारत, म्यांमार और चीन की सेनाओं के नाम पर हैं, लेकिन संचालित बांग्लादेश और बहरीन से हो रहे हैं। इस रिपोर्ट में सामने आए संदिग्ध फेसबुक अकाउंट्स और उनके नेटवर्क को इसी सूचना युद्ध की व्यापक रणनीतियों से जोड़ा जा सकता है। इन रणनीतियों को समझने के लिए हमें तीन प्रमुख अवधारणाओं पर ध्यान देने की जरूरत-

          4.1मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस-Psychological Operations (PsyOps)
          मनोवैज्ञानिक ऑपरेशंस सूचना युद्ध की सबसे प्रभावशाली रणनीति मानी जाती है। इसका उद्देश्य जनता या दुश्मन की मानसिकता, सोच और व्यवहार को इस तरह प्रभावित करना होता है कि वे तयशुदा नैरेटिव को सच मानने लगें। सोशल मीडिया पर फेक अकाउंट्स द्वारा पोस्ट किए गए सेना विरोधी संदेश, शहीदों का अपमान और भ्रामक नक्शों का इस्तेमाल इसी PsyOps का हिस्सा है। ये ऑपरेशन जनता में अविश्वास, भ्रम और नकारात्मक भावनाएँ पैदा करने के लिए डिज़ाइन किए जाते हैं ताकि समाज की एकता और संस्थाओं की साख को चोट पहुंचाई जा सके।

          धारणा प्रबंधन (Perception Management)

          धारणा प्रबंधन का अर्थ है लोगों की धारणाओं और विचारों को नियंत्रित करना और उन्हें अपने लक्ष्य के अनुरूप ढालना। सूचना युद्ध में यह रणनीति बहुत कारगर होती है क्योंकि जब बार-बार एक ही तरह का कंटेंट (जैसे सेना विरोधी पोस्ट, शहीदों पर अपमानजनक टिप्पणी) लोगों के सामने आता है, तो उनकी धारणा प्रभावित होने लगती है। इस रिपोर्ट में पहचाने गए संदिग्ध अकाउंट्स ने लगातार सेना और संस्थाओं को नकारात्मक फ्रेम में पेश कर धारणा प्रबंधन की कोशिश की। विवादित नक्शों का प्रयोग, शहीदों को अपमानित करना और गलत सूचनाएं फैलाना इसी रणनीति के तहत किया गया है।

          4.3 सूचना ऑपरेशंस- Information Operations (InfoOps)

          सूचना ऑपरेशंस सूचना युद्ध की एक व्यापक रणनीति है जिसमें PsyOps, Perception Management, Disinformation, Cyber Operations और Social Media Manipulation जैसी कई तकनीकें शामिल होती हैं। इसका लक्ष्य न केवल दुश्मन या टारगेट समूह की सोच और धारणाओं पर असर डालना है, बल्कि उनके सूचना संसाधनों को कमजोर करना और अपनी बात को स्थापित करना है। संदिग्ध फेसबुक नेटवर्क और उनकी गतिविधियाँ एक क्लासिक सूचना ऑपरेशंस का उदाहरण पेश करती हैं, जहां अकाउंट्स ने मिलकर सेना विरोधी नैरेटिव को वायरल किया, फेक कंटेंट को प्रमोट किया और एक ईको चैंबर तैयार किया जिसमें लोग सिर्फ वही सुन और देख सकें, जो प्रोपेगेंडा फैलाने वाला नेटवर्क चाहता था।

          5. फेक न्यूज और फैक्ट चेकः

          इन अकाउंट्स ने प्रोपेगेंडा के लिए फेक और भ्रामक सूचनाओं का खूब जमकर सहारा लिया। यहां हम इन फेक फेसबुक अकाउंट्स द्वारा फैलाए गए फेक और भ्रामक सूचनाओं का फैक्ट चेक प्रदान कर रहे हैं।

          फेक/भ्रामक सूचना-एकः

          इंडियन डिफेंस अपडेट ने 8 मई को किए गए एक पोस्ट में दावा किया कि पाकिस्तान के साथ सीमा पर हुए संघर्ष में 50 से ज्यादा भारतीय सैनिक मारे गए। इस यूजर ने इस पोस्ट को इस प्रकार से किया है जैसे यह प्रतीत हो कि यह भारतीय सेना द्वारा संचालित अकाउंट है,  क्योंकि इसके आखिरी में लिखा है कि हम इसका बदला जल्द लेंगे। DFRAC की टीम ने फैक्ट चेक करने पर पाया कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष में 50 भारतीय सैनिकों के मारे जाने का दावा झूठा है। क्योंकि ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है, जिसमें 50 भारतीय सैनिकों के मारे जाने की बात कही गई हो।

          फेक/भ्रामक सूचना-दोः

          इंडियन डिफेंस अपडेट ने CNN न्यूज के हवाले से एक इंफोग्राफिक शेयर किया है। इस इंफोग्राफिक में मई महीने में भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान भारत और पाक को हुए सैन्य नुकसान होने का आंकड़ा दिया गया है, इस आंकड़े के मुताबिक भारत को ज्यादा सैन्य नुकसान उठाना पड़ा है। वायरल इंफोग्राफिक फेक है। सीएनएन की तरफ से ऐसा कोई इंफोग्राफिक जारी नहीं किया गया है। वहीं भारत और पाकिस्तान की सेनाओं की तरफ से आधिकारिक रुप से नुकसान का कोई आंकड़ा भी नहीं दिया गया है।

          फेक/भ्रामक सूचना-तीनः

          इंडियन डिफेंस अपडेट के फेसबुक पेज से एनडीटीवी के एक ट्विट का स्क्रीनशॉट शेयर किया गया है। स्क्रीनशॉट में टेक्स्ट लिखा है कि नई दिल्ली ने आपातकालीन बैठक बुलाई, क्योंकि BD (बांग्लादेश) ने सेवन सिस्टर्स (पूर्वोत्तर के सात राज्य) पर आक्रमण करने की योजना बनाई है। हेडलाइन के साथ हैशटैग NDTVworld और एक रिपोर्ट का आंशिक लिंक दिया गया है।

          DFRAC की जांच में जांच में पाया कि इंडियन डिफेंस अपडेट ने एनडीटीवी का फेक स्क्रीनशॉट शेयर किया है। ओरिजिनल स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है कि बांग्लादेश में पुलिसवालों के हड़ताल पर जाने के बाद छात्रों द्वारा ट्रैफिक मैनेजमेंट करने की खबर दी गई है।

          फेक/भ्रामक सूचना-चारः

          चाइनीज आर्मी ने एक पोस्ट शेयर करते हुए दावा किया था कि लद्दाख के जिस पैगोंगे त्सो लेक पर आमिर खान की फिल्म ‘थ्री इटियट्स’ की शूटिंग हुई थी, वह अब चीन के कब्जे में है। इसके पोस्ट में लिखा गया है कि एशिया की शांति के लिए यह रखा जाना चाहिए। DFRAC की टीम ने जांच में पाया कि यह वर्ष 2020 में इसी दावे के साथ वायरल हुआ था। लेकिन यह वीडियो चीन के पर्यटकों का पैंगोंग त्सो लेक के चीन साइड वाले हिस्से का है। यह भारतीय क्षेत्र वाले पैंगोंग त्सो लेक का नहीं है। इसलिए यह दावा गलत है।

          6. निष्कर्षः

          सोशल मीडिया पर सक्रिय संदिग्ध फेक फेसबुक अकाउंट्स इंडियन डिफेंस अपडेट, म्यांमार डिफेंस फोर्स, चाइनीज आर्मी और चाइना मिलिट्री फोर्स कोई व्यक्तिगत अकाउंट्स नहीं है, बल्कि इनकी गतिविधियां बताती हैं कि ये एक संगठित सूचना युद्ध का हिस्सा हैं, जिनका उद्देश्य भारतीय सेना और राष्ट्रीय संस्थाओं की छवि को धूमिल करना तथा लद्दाख और पूर्वोत्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के खिलाफ प्रोपेगेंडा करना शामिल है। इन अकाउंट्स ने कॉपी-पेस्ट कंटेंट पैटर्न, अल्गोरिदम बूस्टिंग कंटेंट शेयरिंग, और अकाउंट प्रमोशन के ईको सिस्टम जैसी रणनीतियों का इस्तेमाल किया ताकि प्रोपेगेंडा कंटेंट को व्यापक स्तर पर फैलाया जा सके। विवादित नक्शों और सेना विरोधी पोस्ट्स के माध्यम से न केवल जनमानस में भ्रम फैलाने की कोशिश की गई बल्कि भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर भी प्रश्नचिह्न लगाने का प्रयास किया गया। यह पूरा नेटवर्क एक नेक्सस के रुप में कार्य कर रहा है और भारत को लेकर प्रोपेगेंडा कर रहा है। सेना की पहचान लिए ऐसे नेटवर्क सोशल मीडिया पर एक चुनौती साबित हो रहे हैं, जिनसे सतर्क रहने की जरूरत है।