
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें देखा जा सकता है कि सेना के जवान एक घर में रेड मारकर कई लोगों को गिरफ्तार करते हैं। इस दौरान घर से भारी मात्रा में हथियार बरामद होते हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो को पश्चिम बंगाल में दंगाईयों को गिरफ्तार किए जाने का बताकर शेयर किया जा रहा है।
विनी नामक यूजर ने इस वीडियो को शेयर कर लिखा, “पश्चिम बंगाल में क्रूरता, दंगा और महिलाओं के साथ अभद्रता करने वालों को गिरफ्तार करते भारतीय सैनिक”

निर्मल कुमार झा नामक वेरीफाइड यूजर ने भी इस वीडियो को शेयर कर ऐसा ही दावा किया है। निर्मल के बायो के मुताबिक वह समता पार्टी के राष्ट्रीय सचिव हैं।

फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो की जांच की। हमने पाया कि इस वीडियो के 3 मिनट 27 सेकेंड पर गिरफ्तार किए गए आरोपियों का एक ग्रुप वीडियो है। हमारी टीम ने इस ग्रुप वीडियो को फ्रेम्स में कन्वर्ट कर गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें इसके संदर्भ में ‘द बिजनेस स्टैंडर्ड‘ की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 29 अक्टूबर 2024 को प्रकाशित की गई थी।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश सेना की 23वीं ईस्ट बंगाल रेजिमेंट की डेयरिंग टाइगर्स यूनिट ने 28 अक्टूबर को राजधानी के मोहम्मदपुर में जिनेवा कैंप में छापेमारी के दौरान सात लोगों को हिरासत में लिया और स्थानीय हथियारों के साथ 2 विदेशी रिवॉल्वर जब्त किए। सेना ने कहा कि छापेमारी एक गुप्त सूचना के आधार पर की गई थी कि गिरोह का नेता बुनिया सोहेल जिनेवा कैंप में है। हालांकि, ऑपरेशनल टीम उसे पकड़ नहीं पाई। उसके सात साथियों को हिरासत में लिया गया।
वहीं हमें न्यू एज बीडी सहित बांग्लादेश के अन्य मीडिया संस्थानों की रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें बांग्लादेश सेना की 23वीं ईस्ट बंगाल रेजिमेंट की डेयरिंग टाइगर्स यूनिट द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार किए जाने की रिपोर्ट लिखी गई है।

यहां दिए गए कोलाज में देखा जा सकता है कि वायरल वीडियो में दिख रहे सभी सातों आरोपी ‘द बिजनेस स्टैंडर्ड’ की रिपोर्ट में प्रकाशित आरोपियों की फोटो से मैच कर रहे हैं।

निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पश्चिम बंगाल का नहीं है। यह वीडियो अक्टूबर 2024 में बांग्लादेश में हथियारों के साथ गिरफ्तार किए गए आरोपियों का है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।