भारत के उत्तरप्रदेश में इन दिनों मंदिर-मस्जिद विवाद गहराया हुआ है। प्रदेश में खुदाई कर प्राचीन मंदिरों की खोज की जा रही है। इसी बीच कन्नौज से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां दावा किया गया कि कन्नौज में मुसलमानों ने मंदिर को हटाकर मज़ार बना दी।
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न्यूज़ चैनल ज़ी उत्तरप्रदेश/उत्तराखंड ने अपनी इस स्पेशल रिपोर्ट में दावा किया कि कन्नौज में कुछ लोगों ने एक पुराने मंदिर की जमीन पर मज़ार वाली साजिश रची है। जिस जगह पर कभी शिवलिंग था। वहाँ मजार बना दी गई है। मज़ार किसकी है। कौन से पीर-फकीर का शव यहाँ दफन था। इसकी कोई जानकारी किसी के पास नहीं है। चूंकि यहाँ मंदिर था तो उसे हटाया गया। मज़ार जिहाद किया गया। कन्नौज के के उमरन गांव में एक वीरान जगह के टीले पर एक पुराना शिव मंदिर हुआ करता था। आसपास के गाँव वाले यहाँ पर शुभ कार्यों के दिन पूजा-अर्चना करने आते थे। लेकिन धीरे-धीरे मंदिर गायब कर दिया गया मज़ार बना दी गई। ये मज़ार देखकर लोग भड़क गए। विश्व हिन्दू परिषद और अन्य हिन्दू संगठनों को लेकर लोग जब यहाँ लोग पहुंचे पहुंचे तो मुस्लिम समुदाय का विरोध देखने को मिला। तो हँगामा मच गया। ठीक मंदिर की जगह पर मज़ार बना देने वालों की साजिश कुछ गाँव वालों ने पहले ही देख ली थी। लेकिन उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं हो रही थी। मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग तो शिकायतकर्ता के जान के प्यासे हो गए। धमकियाँ देने लगे। शिकायत पर कार्रवाई नहीं होने की वजह से हिन्दू संगठन के लोगों ने थाने के घेराव कर दिया। पुलिस के लिए लोगों का गुस्सा संभालना मुश्किल हो गया। लोगो का आरोप है कि पुलिस मंदिर हटाकर मज़ार बनाने वालों पर कार्रवाई से बच रही है। गाँव वालों का दावा है कि जमीन के कागजों में भी मंदिर के होने के प्रमाण है। बावजूद इसके प्रशासन कार्रवाई से बच रहा है। हालांकि हिन्दू संगठनों के हंगामे के बाद धमकी देने वालों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
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इसके अलावा कई अन्य मीडिया रिपोर्ट में भी ऐसा ही मिलता-जुलता दावा किया है। इन रिपोर्ट में भी मुसलमानों द्वारा मंदिर को हटाकर मज़ार बनाने की बात कहीं गई है।
फैक्ट चेक:
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वायरल दावे की जांच के लिए DFRAC ने कुछ कीवर्ड सर्च किये। इस दौरान हमें X पर कन्नौज पुलिस का एक ट्वीट मिला। ट्वीट में मंदिर हटाकर मज़ार बनाने के दावे को असत्य करार देते हुए कहा गया कि जांच में धार्मिक स्थल को तोड़कर बनाई गई मजार का कोई प्रकरण न आज व बीते दिनों में नहीं हुआ है। तथ्यात्मक आधार नहीं है और यह पूरी तरह भ्रामक एवं असत्य है । कन्नौज पुलिस इसका खण्डन करती है। जिनके द्वारा यह आरोप लगाया गया 15 वर्ष पूर्व की बात होना बताया गया। थाना ठठिया क्षेत्रांतर्गत ग्राम उमरन में जमीन के स्वामित्व को लेकर दो पक्षों में विवाद है जो मा0 न्यायालय में वाद विचाराधीन है जिसको लेकर दोनो पक्षों में विवाद हुआ था । प्रकरण में प्राप्त प्रार्थना पत्र के आधार पर थाना ठठिया पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया है। विधिक कार्यवाही की जा रही है। संपूर्ण प्रकरण की जांच एसडीएम तिर्वा व क्षेत्राधिकारी तिर्वा की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है। भ्रामक , असत्य ख़बर न फैलाए।
निष्कर्ष:
अत: DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि मीडिया रिपोर्ट में मुसलमानों द्वारा मंदिर को हटाकर मज़ार बनाने का दावा फेक है।