सोशल मीडिया पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से संबंधित एक खबर वायरल हो रही है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि कर विभाग कर चोरों पर शिकंजा कसने के लिए डिजी यात्रा के आंकड़ों का इस्तेमाल करेगा।
डिजी यात्रा, भारत सरकार की एक डिजिटल पहल है, जिसके ज़रिए यात्रियों की हवाई यात्रा का अनुभव आसान और सुविधाजनक बनाया जाता है। इसमें यात्रियों की पहचान चेहरे की पहचान (फ़ेशियल रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी यानी FRT) के ज़रिए की जाती है। इस सुविधा से यात्रियों को हवाई अड्डे पर लंबी लाइन में खड़े होने और दस्तावेज़ दिखाने की ज़रूरत नहीं होती।
फैक्ट चेकः
DFRAC टीम ने वायरल दावे की पड़ताल की। हमने पाया कि वायरल दावा गलत है। हमें @IncomeTaxIndia के एक्स हैंडल पर 30 दिसंबर 2024 का एक पोस्ट मिला जिसमें वायरल दावे का खंडन किया गया है। @IncomeTaxIndia के पोस्ट में लिखा गया है, “समाचार लेखों में बताया जा रहा है कि डिजीयात्रा डेटा का उपयोग टैक्स चोरी करने वालों पर नकेल कसने के लिए किया जाएगा। इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि आज तक @IncomeTaxIndia विभाग द्वारा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।”
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि कर विभाग द्वारा कर चोरों को पकड़ने के लिए डिजी यात्रा के डेटा के इस्तेमाल करने का वायरल दावा गलत है। इनकम टैक्स डिपाटर्मेंट ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।