सोशल मीडिया पर एक दावा वायरल हो रहा है। एक पोस्ट को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 5 करोड़ से ज़्यादा अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या रह रहे हैं। आपके हिसाब से अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के साथ कैसा व्यवहार होना चाहिए?”
इसके अलावा,दूसरे यूज़र ने भी इस वीडियो को शेयर कर इसी तरह के दावे किए। जिसे यहाँ क्लिक करके देखा जा सकता है
फैक्ट चेकः
जांच करने पर DFRAC ने पाया कि यह दावा गलत है। हमें वायरल दावे से संबंधित से संबंधित कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली। हालांकि हमें 5 दिसंबर, 2019 को प्रकाशित आजतक की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि भारत में लगभग 20 मिलियन (2 करोड़) अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हैं। तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा सांसद झरना दास भैया के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह आंकड़ा दिया था। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि भारत में लगभग 40,000 रोहिंग्या म्यांमार में हिंसा और उत्पीड़न से भागकर सालों से राजधानी नई दिल्ली सहित देश भर में अलग अलग जगहों पर रह रहे हैं।”
इसके अलावा, हमें Voice of America की 17 जुलाई, 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बताया गया है कि 2019 के UNHCR के अनुमान के अनुसार, 40,000 से ज़्यादा रोहिंग्या शरणार्थी भारत में हैं, जिनमें से लगभग 22,000 यू.एन. एजेंसी के साथ पंजीकृत हैं। शरणार्थी ज़्यादातर छोटे-मोटे काम करते हैं और जर्जर झुग्गी-झोपड़ियों वाली कॉलोनियों में रहते हैं। भारत ने 1951 के U.N.रिफ्यूजी कन्वेंशन पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और वह मुस्लिम रोहिंग्या शरणार्थियों को ‘अवैध अप्रवासी’ मानता है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि “भारत में 5 करोड़ अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासी” का दावा गलत है। किसी भी मौजूदा आधिकारिक डेटा में ऐसी कोई संख्या नहीं दी गई है।