सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि यह ज्ञानवापी परिसर मामले के याचिकाकर्ता हरिहर पांडेय की तस्वीर है। जिनका हाल ही में निधन हो गया है।
एक यूजर ने तस्वीर शेयर कर लिखा, “पहचाना इस व्यक्ति कों किसी ने, ज्ञानवापी मस्जिद की जिसने पेटिशन फाइल की थी, वो भैय्या हरिहर पांडे बिना अपना सपना पूरा किये ही अलविदा के गए, दुःखद समाचार! परिवार को सब्र और गलत कामो से रोकने हिदायत दे। ज्ञानवापी परिसर मामले के याचिकाकर्ता हरिहर पांडेय का रविवार को सुबह बीएचयू में निधन हों गया। तीन याचिकाकर्ताओ में से पहले ही दो याचिकाकर्ता सोमनाथ व्यास और रामनारायण शर्मा की मौत हो चुकी है। कितना गलत हो रहा अंधभक्तों के साथ मुझसे देखा नहीं जाता।”
इसके अलावा अन्य यूजर्स ने भी तस्वीर शेयर कर ऐसा ही दावा किया है। जिसे यहां, यहां, यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC टीम ने पड़ताल के लिए वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें यह तस्वीर 30 Nov 2024 को हिन्दी समाचारपत्र अमर उजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट में मिली। इस रिपोर्ट में यह तस्वीर अधिवक्ता राजाआनंद ज्योति सिंह की बताई गई है जबकि इसी रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि वाराणसी सेंट्रल बार के पूर्व उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह का निधन हो गया है। फूड प्वाजनिंग के बाद मकबूल आलम रोड स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होनें आखिरी सांस ली। अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह एक दवा कारोबारी के यहां पार्टी में शामिल होने के बाद घर लौटे थे।
इसके अलावा हिन्दी अखबार हिन्दुस्तान की वेबसाइट पर भी 30 नवंबर को वाराणसी सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष राजा आनंद ज्योति सिंह की अचानक मौत की खबर प्रकाशित की गई है। जबकि एक्स पर राजा आनन्द ज्योति सिंह के नाम से अकाउंट पर उन्हें उपाध्यक्ष दी सेंट्रल बार एसोसिएशन वाराणसी 2021,संयोजक ज्ञानवापी मुक्ति महापरिषद बताया गया है।
ज्ञानवापी मामले के याचिकाकर्ता हरिहर पांडे के निधनः
aajtak की 11 दिसंबर 2023 की एक रिपोर्ट में ज्ञानवापी मामले के याचिकाकर्ता हरिहर पांडे के निधन की खबर प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की तरफ से याचिका दायर करने वाले 77 वर्षीय हरिहर पांडेय का बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में निधन हो गया है। 1991 में ज्ञानवापी से जुड़े मूल वाद लॉर्ड विशेश्वरनाथ केस को पंडित सोमनाथ व्यास, रामरंग शर्मा और हरिहर पांडे ने दाखिल किया था। पंडित सोमनाथ व्यास और रामरंग शर्मा की पहले ही मौत हो चुकी है।
इसके अलावा abpnews की रिपोर्ट में भी हरिहर पांडे के निधन की खबर प्रकाशित की गई है।
निष्कर्ष:
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि वायरल तस्वीर वाराणसी सेंट्रल बार के पूर्व उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंह की है, न कि ज्ञानवापी मामले के याचिकाकर्ता हरिहर पांडे की। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।