सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि एक सड़क पर दो गुटों के बीच नारेबाजी हो रही है। इस बीच एक ग्रुप के कुछ लोगों के पास औरंगजेब और टीपू सुल्तान की फोटो वाली तख्तियां भी हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन हिन्दू एकता पदयात्रा’ को औरंगजेब की तस्वीर दिखाते हुए मुस्लिमों ने आपत्तिजनक नारेबाजी की।
जीतेंद्र कुमार सिंह नामक एक यूजर ने वीडियो शेयर कर लिखा, “बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री जी के पदयात्रा को मुसलमानो ने औरंगजेब की फोटो दिखाकर नारे लगाए औरंगजेब तेरा बाप औरंगजेब तेरा बाप हिंदुओं ने बड़ी शांति का परिचय दिया आप खुद वीडियो देखीये कि दंगा करने के लिए कितना उकसाया गया लेकिन हिंदू चुपचाप पदयात्रा में चलते रहे अगर हिंदू जवाब देते तो फिर वह पूरी गैंग विक्टिम कार्ड प्ले करती की धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा में मुसलमानो पर हमला किया गया”
वहीं इस वीडियो को ऐसे ही दावे के साथ कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है, जिसे यहां, यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमने पाया कि इस वीडियो को कई यूजर्स द्वारा 19 और 20 नवंबर को महाराष्ट्र के संभाजीनगर का बताते हुए शेयर किया है।
इसके अलावा आगे की जांच करने पर हमें बागेश्वर धाम से ट्विटर हैंडल से किया एक ट्विट मिला, जिसमें बताया गया है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा 21 नवंबर से 29 नवंबर के बीच बागेश्वर धाम से रामराजा सरकार और ओरछा धाम तक जाएगी। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का उल्लेख किया गया है कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा 21 नवंबर से 29 नवंबर के बीच चलेगी।
वहीं वायरल वीडियो की जांच में हमारी टीम ने पाया कि इसमें कई राजनीतिक पार्टियों के झंडे, चुनाव चिन्ह और उनके नेताओं की फोटो साफ दिखाई दे रहे हैं। जिसमें बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और प्रकाश अंबेडकर की तस्वीर शामिल हैं। वहीं प्रकाश अंबेडकर की तस्वीर वाले पोस्टर में दिए गए लोकेशन में भड़कल गेट-औरंगाबाद लिखा साफ देखा जा सकता है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान औरंगाबाद का है। इसलिए धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के हिन्दू एकता पदयात्रा को मुस्लिमों द्वारा औरंगजेब की फोटो दिखाकर आपत्तिजनक नारे लगाने का दावा गलत है।