सोशल मीडिया पर एक अखबार की न्यूज कटिंग शेयर की जा रही है। जिसमें हेडलाइंस लिखा है, “1992 के दंगों में शामिल होना गलती थी, माफ करो- उद्धव ठाकरे”। इस न्यूज कटिंग में यह दावा किया गया है कि उद्धव ठाकरे ने मुस्लिमों के साथ बैठक में यह बात कही है।
इस न्यूज कटिंग को शेयर करते हुए ऋषि बागरी नामक यूजर ने लिखा, “कल तक जो शेखी बघार रहे थे कि 1992 के दंगों से मुंबई को शिवसेना ने बचाया, उसी दंगो के लिए आज उद्धव ठाकरे मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगते हुए दिख रहे है।”
वहीं इस न्यूज कटिंग को कई अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है। जिसे यहां, यहां, यहां, यहां और यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने पाया कि वायरल न्यूज कटिंग में अखबार का नाम राष्ट्रीय उजाला और स्टोरी लिखने वाले संवाददाता का नाम प्रणव डोगरा लिखा है। हमारी टीम ने राष्ट्रीय उजाला के बारे में सर्च किया। हमें राष्ट्रीय उजाला के फेसबुक पेज पर एक स्पष्टीकरण मिला, जिसमें वायरल न्यूज कटिंग को फेक करार दिया गया है।
अखबार की स्पष्टीकरण में लिखा है, “सभी को सूचित किया जाता है कि कुछ फेक न्यूज़ क्लिपिंग्स सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय उजाला समाचार पत्र के नाम से प्रसारित की जा रही हैं। यह स्पष्ट किया जाता है कि रिपोर्टर्स प्रणव डोगरा और अंकित पाठक का हमारे समाचार पत्र से कोई संबंध नहीं है। कृपया ऐसी भ्रामक खबरों पर ध्यान न दें और इनकी जानकारी मिलने पर तुरंत हमें सूचित करें। राष्ट्रीय उजाला सत्यता और पत्रकारिता की उच्चतम मान्यताओं का पालन करता है।”
वहीं शिवसेना (UBT) के ऑफिशियल एक्स हैंडल से भी ट्वीट कर इस न्यूज कटिंग को फेक करार दिया गया है।
वहीं हमारी टीम को उद्धव ठाकरे की 1992 के मुंबई दंगों के लिए मुस्लिमों से माफी मांगने के संदर्भ में किसी विश्वसनीय मीडिया संस्थान द्वारा प्रकाशित कोई रिपोर्ट नहीं मिली।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल न्यूज कटिंग फेक है। राष्ट्रीय उजाला के फेसबुक पेज से इस न्यूज कटिंग को फेक करार दिया गया है और यह भी बताया है कि प्रणव डोगरा और अंकित पाठक नामक रिपोर्टर्स का उनके अखबार से संबंध नहीं है। इसलिए यूजर्स का दावा गलत है।