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Source: linkedin
अतबान हनीफ एक पाकिस्तानी नागरिक है। वह कराची के रहने वाले है और खुद को दुनिया से डिजिटल मार्केटर, इन्फ्लुएंसर, किसान और एक्टिविस्ट के रूप में परिचित कराते है। वे सोशल मीडिया विशेषकर X (ट्विटर) पर काफी एक्टिव है। उनके ट्वीट में हमेशा भारत निशाने पर रहता है। वे अक्सर कश्मीर के बहाने भारत को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश करते है। इसके लिए वे झूठी और भ्रामक खबरों का भी सहारा लेते है।
Source: Rocket Reach
इस रिपोर्ट में हम अतबान हनीफ के बारे में निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर जानेंगे।
- अवामी वेबपोर्टल
- अवामी वर्कर्स पार्टी
- अतबान हनीफ़ का फैलाया हुआ फेक और मिसलिडिंग कंटेंट
- अतबान हनीफ़ का भारत के खिलाफ खड़ा किया गए नरेटिव
अवामी वेबपोर्टल
Source: archive.vn
Source: awamiweb.com
अवामी वेब एक पाकिस्तानी न्यूज़ पोर्टल है। जो पाकिस्तान के कराची से ओपरेट होता है। इस पोर्टल को 2010 में शुरू किया गया था। ये पाकिस्तान की राजनीतिक दल अवामी वर्कर्स पार्टी के मुख पत्र की तरह कार्य करता है। इस वेब पोर्टल की रीच मिलियन में रही है। बीते कुछ दिनों से इस पोर्टल को बंद कर दिया गया है। इससे पहले पोर्टल को रिडाइरेक्ट किया गया था।
इस पोर्टल को 20 से ज्यादा लोगों की टीम के साथ शुरू किया गया था। हालांकि ये पोर्टल अब सोशल साइट्स विशेषकर X (ट्विटर) तक ही सीमित होकर रह गया। टीम के ज़्यादातर सदस्य अब अपने एजेंडे में लगे हुए है। अतबान हनीफ भी अब अपने भारत विरोधी अजेंडे को अंजाम दे रहा है। इसके लिए वह बाकायदा फेक और मिसलिडिंग कंटेंट फैला रहा है। इसके साथ उसने भारत के खिलाफ एक हेट भरा नरेटिव भी खड़ा किया है।
अतबान हनीफ़ का फैलाया हुआ फेक और मिसलिडिंग कंटेंट
- पुलवामा हमले के आरोपी की मौत के बारे में फैलाया झूठ
अतबान हनीफ ने भारत के कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के मददगार बिलाल अहमद कुचे, की मौत को लेकर भी झूठ फैलाया। कूचे को पुलवामा हमले के बाद गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि कुचे की किश्तवाड़ जेल में मौत हुई थी।
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दरअसल, अतबान हनीफ ने कूचे की मौत को लेकर हेलो पाकिस्तान अकाउंट के एक ट्वीट को कोट-रीकोट करते हुए लिखा कि “किश्तवाड़ जेल में बिलाल अहमद कुचे की मौत कश्मीरी बंदियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर गंभीर सवाल उठाती है। झूठे आरोपों में गिरफ्तार किए गए और लगातार उत्पीड़न के शिकार हुए, उनकी मौत #IIOJK में भारत के उत्पीड़न का एक और काला अध्याय है। अंतर्राष्ट्रीय ध्यान महत्वपूर्ण है।
फैक्ट चेक:
डीएफआरएसी की टीम ने अतबान हनीफ के इस दावे की गहनता से जांच की। हमने प्रमुख समाचार स्रोतों—जैसे लाइवमिंट, इंडिया टीवी, हिंदुस्तान टाइम्स और इंडिया टुडे की रिपोर्टों का अध्ययन किया, तो पाया कि कुचे की मौत दिल का दौरा पड़ने के कारण हुई। उन्हें कुछ दिन पहले किश्तवाड़ जेल में बीमार होने के बाद अस्पताल ले जाया गया था, जहां उनकी मृत्यु हुई। रिपोर्टों में ऐसा कोई उल्लेख नहीं है कि उन्हें हिरासत में लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।
बिलाल अहमद कुचे पर आरोप था कि उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों को समर्थन और शरण प्रदान की। उनके खिलाफ कई धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया था, जिनमें रणबीर दंड संहिता, शस्त्र अधिनियम, और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं।
- किसान आंदोलन 2.0 को लेकर सिखों की जमीन छिनकर हिंदुओं को देने का फैलाया झूठ
भारत में किसान समय-समय पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन आयोजित करते रहते है। हाल ही में किसानों ने इस साल एमएसपी की कानूनी गारंटी और सी2+50% फॉर्मूले के तहत फसलों का दाम तय करने को लेकर राजधानी दिल्ली की शंभू बार्डर को घेरा था।
इस आंदोलन को लेकर अतबान हनीफ ने झूठ फैलाया कि भारत सरकार सिखों की ज़मीनें छिनकर हिंदुओं को सौंप रही है। मजबूरन सिखों को दिल्ली की ओर कूच करना पड़ा है।
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अतबान हनीफ ने किसान आंदोलन का एक वीडियो शेयर कर लिखा कि सिख किसान दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं और उनका आरोप है कि मुख्यतः हिंदू बहुल भारत सरकार अन्यायपूर्ण कानूनों के माध्यम से उनकी जमीन हिंदू किसानों को हस्तांतरित करने का प्रयास कर रही है।
फैक्ट चेक:
Source: tv9hindi
अतबान हनीफ के हनीफ के दावे की सत्यता की जांच के लिए DFRAC टीम ने गहनता से “द इकोनॉमिक टाइम्स” और “न्यूज़18” जैसी प्रमुख मीडिया रिपोर्टें का अध्ययन किया। न्यूज़18 की रिपोर्ट में बताया गया कि किसानों का यह मेगा विरोध केंद्र सरकार से उनकी लंबित मांगों को स्वीकार करने के लिए है। किसानों की मुख्य मांगों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाना शामिल है।
वहीं “द इकोनॉमिक टाइम्स” की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस बार किसानों की मुख्य मांग सभी फसलों के लिए MSP की कानूनी गारंटी है। अन्य प्रमुख मांगों में बेहतर गन्ना मूल्य और 60 वर्ष से अधिक आयु के किसानों के लिए मासिक पेंशन की मांग भी शामिल है।
- दिल्ली में माओवादी हमले में RAW एजेंट की मौत का फैलाया झूठा
अतबान हनीफ ने राजधानी दिल्ली में माओवादियों के ट्रेन पर हमले और हमले में दो RAW एजेंट की मौत का भी झूठा दावा किया।
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सोशल साइट @X पर एक वीडियो शेयर कर उन्होने लिखा कि दिल्ली में सरिता विहार पुलिस स्टेशन के पास एक और दुखद माओवादी हमला एक ट्रेन को निशाना बनाकर किया गया, जिसमें रॉ के दो वरिष्ठ एजेंट मारे गए। पूर्व चेतावनी के बावजूद, यह रेलवे क्षेत्र का चौथा हमला है जिसे रोकने में अधिकारी विफल रहे हैं। #DelhiAttack #माओवादी हिंसा #भारतीयरेलवे
फैक्ट चेक:
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो की वास्तविकता का पता लगाने के लिए वीडियो की की-फ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें कई प्रमुख मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट मिलीं। “हिंदुस्तान टाइम्स“, “ABPlive“, “NDTV” और “बिजनेस स्टैंडर्ड” ने 3 जून, 2024 को प्रकाशित रिपोर्ट में बताया कि दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के सरिता विहार में झांसी जाने वाली ताज एक्सप्रेस के तीन डिब्बों में आग लग गई थी।
रिपोर्टों के अनुसार, यह घटना 3 जून को दोपहर 3 बजे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से ट्रेन के रवाना होने के कुछ समय बाद हुई। ओखला और तुगलकाबाद रेलवे स्टेशनों के बीच आग लग गई थी। राहत की बात यह है कि इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, और ट्रेन को तत्काल रोक दिए जाने के कारण यात्री सुरक्षित बच निकलने में सफल रहे।
रिपोर्ट में कहीं पर भी ट्रेन पर माओवादी हमले और हमले में RAW एजेंट के मारे जाने का उल्लेख नहीं किया गया।
- आर्मी जवानों के वाहन हादसे की तस्वीर को बताया ग्रेनेड हमला
अतबान हनीफ ने कश्मीर में आर्मी जवानों के साथ हुए वाहन हादसे को मणिपुर हिंसा से जोड़कर वायरल किया और झूठा दावा किया कि मणिपुर के मंत्री काशिम वाशुम के आवास पर ग्रेनेड हमला हुआ है।
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अतबान हनीफ ने एक क्षतिग्रस्त कार की तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा कि मणिपुर के मंत्री काशिम वाशुम के आवास पर ग्रेनेड हमला क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा करता है। सौभाग्य से, कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन संपत्ति का नुकसान बढ़ते तनाव को दर्शाता है। इस हमले के पीछे कौन है?
फैक्ट चेक:
वायरल तस्वीर की वास्तविकता की जांच के लिए हमने तस्वीर को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान ये तस्वीर हमें “The Free Press Journal” और “Times Now” की रिपोर्ट में मिली।
जिमसे बताया गया कि ये तस्वीर जम्मू-कश्मीर के राजौरी में मंजाकोट इलाके में सेना का एक वाहन सड़क दुर्घटना की है। भारतीय सेना के अनुसार ये हादसा उस वक्त हुआ था। जब सैनिक आतंकवाद रोधी ड्यूटी के लिए निकले थे। इस सड़क हादसे में लांस नायक बलजीत सिंह की मौत हो गई।
- डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के मिसाइल परीक्षण पर फैलाया झूठ
अतबान हनीफ ने भारतीय नौसेना और डीआरडीओ के सफल मिसाईल परीक्षण को लेकर भी झूठ फैलाया और दावा किया डीआरडीओ और भारतीय नौसेना का मिसाइल परीक्षण कामयाब नहीं हुआ। जबकि ऐसा नहीं था।
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एक मिसाइल परीक्षण के वीडियो को शेयर कर अतबान हनीफ ने लिखा कि डीआरडीओ और भारतीय नौसेना का मिसाइल परीक्षण लक्ष्य पर नहीं लगा और इसके बजाय दुर्घटनाग्रस्त हो गया। ऐसा लगता है कि अब रणनीति पर पुनर्विचार करने या शायद कहीं और सफल मॉडल देखने का समय आ गया है।
फैक्ट चेक:
वायरल दावे की जांच के लिए हमने डीआरडीओ और भारतीय नौसेना के मिसाइल परीक्षण से जुड़ी खबरों को वीडियो का एनालिसिस किया। इस दौरान हमें “द इक्नोमिक्स टाईम्स” और इंडिया न्यूज़ की रिपोर्ट मिली। जिसमे बताया गया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय नौसेना ने 12 सितंबर को लगभग 1500 बजे ओडिशा के तट पर चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) से वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (वीएल-एसआरएसएएम) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह उड़ान परीक्षण एक भूमि-आधारित वर्टिकल लॉन्चर से कम उड़ान वाले उच्च गति वाले हवाई लक्ष्य के विरुद्ध किया गया। परीक्षण के दौरान, हथियार प्रणाली ने लक्ष्य को सफलतापूर्वक ट्रैक किया और उस पर हमला किया।
अतबान हनीफ़ का भारत के खिलाफ खड़ा किया गए नरेटिव
अतबान हनीफ़ ने भारत विरोधी नरेटिव खड़ा किया हुआ है। जो पाकिस्तान के एजेंडे को पूरा करता है। अतबान हनीफ़ कश्मीर के मुद्दे, मानवाधिकार, मुसलमानों की सुरक्षा आदि मुद्दो से जुड़ी खबरों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करते है। ताकि वे भारत को निशाना बना सके। इसके साथ ही वे भारत विरोधी नरेटिव के लिए फेक खबरों का भी खूब सहारा लेते है।
कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत के खिलाफ पाकिस्तानी एजेंडा
कश्मीर को लेकर अतबान हनीफ़ भारत के खिलाफ सुनियोजित रूप से पाकिस्तानी एजेंडे को फैला रहा है। उनके निशाने पर कश्मीरियों को सुरक्षा दे रही इंडियन आर्मी है। वे अपने झूठे दावों में कश्मीर में अस्थिरता, असुरक्षा, मानवअधिकारों का हनन आदि को प्रसारित करते है। लेकिन इसके विपरीत भारत कश्मीर को पाकिस्तान के आतंक से मुक्त करके वहां लोकतंत्र की बहाली कर रहा है। हाल में अतबान हनीफ़ के निशाने पर कश्मीर में हो रहा विधानसभा चुनाव है।
वहीं अतबान हनीफ़ का दखल भारत के आंतरिक मुद्दों में भी सीधा दाखल है। वे भारत की राजनीतिक, आर्थिक और विदेशीनीति से जुड़े मामलों में भी है। वे भारत की छवि को खराब करने के उद्देश्य से भारत से जुड़ी हर खबर को तोड़-मरोड़ कर परोसते है। वे छोटे-छोटे से मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते है। जिसकी हकीकत से कोई सबंध नहीं होता।
निष्कर्ष:
अतबान हनीफ एक पाकिस्तानी इन्फ़लुएंसर है। जो भारत से जुड़े मामलों को प्रभावित करने की कोशिश करते है। अतबान हनीफ ने अपनी टीम के साथ भारत के खिलाफ एक डिजिटल वारफेयर छेड़ा हुआ है। जो भारत से जुड़े मुद्दों को तोड़-मरोड़कर कर दुनिया के सामने रखती है। ताकि भारत के खिलाफ एक नरेटिव खड़ा किया जा सके। जिसके सहारे पाकिस्तान भारत को घेर सके।