Mahmoud Abbas

फैक्ट चेकः फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने PM मोदी को जायनिस्ट गुलाम नहीं कहा, फेक दावा वायरल

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स ने फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास की एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि महमूद अब्बास ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘जायनिस्ट गुलाम’ कहा है।

यह दावा आयरनक्लैड नामक एक पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल से किया गया है, जो भारत के बारे में लगातार गलत सूचना फैलाते रहता है। इस हैंडल ने महमूद अब्बास की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “#ब्रेकिंग: फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भारतीय पीएम मोदी को ‘ज़ायनिस्ट गुलाम’ कहा” (हिन्दी अनुवाद)

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खुद को दक्षिण अफ्रीका में ‘सत्य और एकजुटता आंदोलन’ का नेता कहने वाले मेहमत वेफा डैग ने भी इस तस्वीर को शेयर करते हुए ऐसा ही दावा किया है।

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इसके अलावा, @asadnasir2000 नामक एक अन्य एक्स हैंडल ने भी इसी कैप्शन के साथ यह तस्वीर पोस्ट की है।

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फैक्ट चेकः

DFRAC टीम ने गूगल पर कुछ कीवर्ड सर्च किया। हमें फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास का पीएम मोदी पर दिए गए बयान के संदर्भ में कोई मीडिया रिपोर्ट्स नहीं मिलीं। इसके विपरीत, हमें पीएम मोदी के एक्स हैंडल पर 23 सितंबर, 2024 की एक पोस्ट मिली। इस पोस्ट में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी की दो तस्वीरें हैं।

पीएम मोदी के पोस्ट के कैप्शन में लिखा: “न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की। क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। फिलिस्तीन के लोगों के साथ दीर्घकालिक मित्रता को और मजबूत करने के लिए विचारों का आदान-प्रदान किया” (हिन्दी अनुवाद)

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इसके अलावा, द इकोनॉमिक टाइम्स, हिंदुस्तान टाइम्स और एनडीटीवी जैसे कई मीडिया संस्थानों ने इस संबंध में खबर प्रकाशित की है। रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मौजूदा इजरायल-गाजा संघर्ष के बाद पहली बार फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की और गाजा में मानवीय संकट और क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की और फिलिस्तीन के लोगों को निरंतर मानवीय सहायता सहित भारत के अटूट समर्थन की पुष्टि की।

निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से यह स्पष्ट है कि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास द्वारा भारतीय पीएम मोदी को ‘ज़ायनिस्ट गुलाम’ कहने का वायरल दावा पूरी तरह से झूठा है, क्योंकि इस दावे का समर्थन करने वाली कोई भी मीडिया रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध नहीं है। इसके बजाय, पीएम नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात कर गाजा संकट पर चिंता व्यक्त की थी और फिलिस्तीन के लिए भारत के समर्थन की बात कही थी।