सोशल मीडिया पर भारतीय उद्योगपति रतन टाटा के हवाले से दावा किया जा रहा है कि उनके द्वारा दिए गए अनुदान से जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो जीप मिली हैं। यूजर्स इसके साथ स्कॉर्पियो गाड़ी की 4 तस्वीरों का एक कोलाज भी शेयर कर रहे हैं।
एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना को देश के सबसे बड़े उद्योगपति आदरणीय श्री रतनटाटा की और से मिले अनुदान से मिली 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो जीप…देश की सेना को बहुत बहुत बधाई और देश की राष्ट्रवादी सरकार का आभार , जिन्होंने माँ भारती के इन लाड़ले सपूतों के बारे में इतना कुछ सोचा…बहुत बहुत धन्यवाद देश के सच्चे सपूत एवम् महामानव श्री रतनटाटाजी आपका भी…प्यारे दोस्तों,..इससे बडी और सच्ची देशसेवा और राष्ट्रभक्ति की मिसाल हो ही नहीं सकती…जय हिंद की सेना”
वहीं इस दावे के साथ कई अन्य यूजर्स ने भी पोस्ट शेयर किया है। जिसे यहां, यहां और यहां देख सकते हैं।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल दावे की जांच के लिए गूगल ओपन सर्च किया, लेकिन हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें बताया गया हो कि रतन टाटा के अनुदान के बाद जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो मिली हैं। वहीं हमारी टीम ने रतन टाटा के ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) हैंडल और इंस्टाग्राम अकाउंट को भी देखा। हमें यहां भी अनुदान के संदर्भ में ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली।
इसके बाद हमने इन तस्वीरों को गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया। हमने पाया कि ये तस्वीरें एक वेबसाइट पर 1 अप्रैल 2012 को पोस्ट की गई हैं, जहां इन तस्वीरों के संदर्भ में बताया गया है कि यह 2012 डिफेंस एक्सपो में महिंद्रा रक्षक प्लस गाड़ियों की तस्वीर है।
इसके अलावा इन तस्वीरों को 7 जुलाई 2016 को भी एक फेसबुक यूजर ने पोस्ट किया था।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि रतन टाटा से अनुदान में भारतीय सेना को 2500 बुलेटप्रूफ स्कॉर्पियो गाड़ियां मिलने का दावा भ्रामक है। वहीं वायरल स्कॉर्पियो की तस्वीरें डिफेंस एक्सपो 2012 की है। इसलिए यूजर्स का दावा गलत है।