सोशल मीडिया पर एक फोटो और एक वीडियो वायरल है। फोटो में देखा जा सकता है कि एक बच्ची रोते हुए हाथ जोड़े बैठी है, वहीं एक बच्चा रोते हुए हाथ में एक तख्ती लिए खड़ा है। वहीं वीडियो में छोटे बच्चों को घायल दिखाया गया है। यूजर्स इस फोटो और वीडियो को बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार का बता रहे हैं।
फोटो और वीडियो शेयर करते हुए दिलीप कुमार सिंह नामक यूजर ने लिखा, “एजेंडाधारी और वोटों के व्यापारी सब मौन हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्याओं, बलात्कार, आगजनी पर #AllEyesonBangladesh“
यति शर्मा नामक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए यही कैप्शन लिखा है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने वायरल फोटो की जांच करने पर पाया कि यह AI द्वारा जनरेटेड फोटो है। हमारी टीम ने एआई इमेज डिटेक्शन टूल ‘AI or Not’ की वेबसाइट पर फोटो की जांच की, जिसमें सामने आया कि यह फोटो 100% AI जनरेटेड है।
वहीं वीडियो की जांच करने पर हमने पाया कि वीडियो के कोने में अरबी भाषा में लोकेशन लिखा हुआ है। गूगल लेंस की मदद से ट्रांसलेट करने पर लोकेशन में नुसीरत शिविर, ग़ाज़ा लिखा हुआ है।
इसके अलावा कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को फिलिस्तीन के ग़ाज़ा का बताते हुए जुलाई के महीने में शेयर किया है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा AI जनरेटेड फोटो और फिलिस्तीन के ग़ाज़ा का वीडियो बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार का बताकर शेयर किया गया है।