सोशल मीडिया पर 4 तस्वीरों का एक कोलाज शेयर किया गया है। इन तस्वीरों को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि केरल के वायनाड में भूस्खलन के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
इन तस्वीरों के कोलाज को शेयर करते हुए डीडी न्यूज के पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने लिखा, “वायनाड के सांसद राहुल गांधी, और वायनाड की भविष्य की सांसद प्रियंका वाड्रा दिल्ली में हैं पर वायनाड के आपदा पीड़ितों के बीच सेना और RSS के लोग काम कर रहे हैं। वही सेना जिसे वायनाड के सांसद कहते हैं कि चीन वाले पीट रहे हैं। वही RSS जिसे वायनाड के सांसद आतंकवादी संगठन कहते हैं।”
यूजर्स लिख रहे हैं, “वायनाड की त्रासदी में संघ यानी आरएसएस के स्वयंसेवक सहायता में जुट गए पर राहुल का चुनाव क्षेत्र होते हुए भी नहीं गया। वो जातीय वेमनस्य फैलाने हेतु लोकसभा में जातीय जनगणना के षड्यंत्र में व्यस्त है।”
इस कोलाज को अन्य यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है। जिसे यहां, यहां, यहां और यहां देखा जा सकता है।
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने पाया की जिन तस्वीरों को वायनाड का बताकर शेयर किया गया है। वो पुरानी तस्वीरें हैं। इन तस्वीरों को 2018 और 2019 में कई यूजर्स द्वारा शेयर किया जा चुका है। हम यहां इन चारों तस्वीरों का फैक्ट चेक प्रदान कर रहे हैं।
पहली तस्वीरः इस तस्वीर को डॉ. जीतेंद्र अमलानी नामक @X यूजर ने 16 अगस्त 2018 को पोस्ट किया था। इस यूजर ने इस फोटो को केरल का बताया था।
दूसरी तस्वीरः यह तस्वीर ‘RSS Rengali,Sambalpur’ नामक फेसबुक यूजर द्वारा 18 अगस्त 2018 को पोस्ट की गई थी।
तीसरी तस्वीरः इस तस्वीर को साल 2018 में http://vsktamilnadu.org नामक वेबसाइट पर केरल बाढ़ 2018 का बताकर पोस्ट किया गया है।
चौथी तस्वीरः एक फेसबुक यूजर ‘Gola Bazar Gorakhpur गोला बाजार गोरखपुर’ ने 21 अगस्त 2019 को 30 सेकेंड का एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में 14 सेकेंड पर चौथी तस्वीर को देखा जा सकता है।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा पुरानी तस्वीरों को केरल के वायनाड में RSS कार्यकर्ताओं द्वारा राहत और बचाव कार्य किए जाने का बताकर शेयर किया गया है। इसलिए यूजर्स का दावा भ्रामक है।