सोशल मीडिया पर कई अकाउंट्स ऐसे सक्रिय हैं, जो लगातार सांप्रदायिक नफरत, भड़काऊ पोस्ट, फेक और भ्रामक न्यूज तथा गाली-गलौज करने में सक्रिय रहते हैं। ये यूजर्स समाज में भेदभाव और घृणा पैदा करने के लिए कुछ चुनिंदा घटनाओं का सहारा लेते हैं। ये यूजर्स बड़ी चालाकी से इन घटनाओं पर शब्दों की कलाबाजी दिखाते हुए एक अपराधी द्वारा किए गए अपराधों के साथ धर्म को जोड़ते हुए पूरे समाज को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हैं। कई बार ये यूजर्स आधी-अधूरी जानकारी शेयर कर लोगों के बीच प्रोपेगेंडा करते हैं। ऐसे ही एक यूजर का नाम अजीत भारती है। अजीत भारती सोशल मीडिया साइट्स पर लगातार सक्रिय रहते हैं और इनकी लोगों तक व्यापक पहुंच भी है।
इस रिपोर्ट के मुख्य बिन्दू निम्नलिखित हैं-
- कौन हैं अजीत भारती?
- सुप्रीम कोर्ट के जजों पर अजीत भारती के विवादित पोस्ट
- अजीत भारती के नफरत का विश्लेषण
- अजीत भारती द्वारा फैलाए गए भ्रामक न्यूज
1- कौन हैं अजीत भारती?
अजीत भारती को दक्षिणपंथी पत्रकार कह सकते हैं। वह वेबसाइट ऑप इंडिया के हिंदी संपादक के रूप में काम कर चुके हैं। फिलहाल अजीत भारती अपना खुद का यूट्यूब चैनल चलाते हैं, जिस पर 5.85 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं। अजीत भारती नियमित रूप से घटनाओं पर वीडियो बनाते हैं, जिसमें वह बड़ी चालाकी से नफरत परोसते हैं।
अजीत भारती के एक्स (ट्विटर) पर 3 लाख 92 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। उनके बायो के मुताबिक वह एक पत्रकार हैं और कई किताबें लिख चुके हैं। इसके अलावा फेसबुक पर भी अजीत भारती के 1 लाख हजार 57 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं।
जब नफरती ट्विट पर अजीत भारती का अकाउंट हुआ था सस्पेंडः
अजीत भारती के ट्विटर पर गाली-गलौज, अभद्र भाषा, भ्रामक न्यूज और नफरती पोस्ट करने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए अजीत भारती के ट्विटर अकाउंट को 2020 में ट्विटर ने सस्पेंड कर दिया था। The Daily Switch की रिपोर्ट के मुताबिक अजीत भारती के खिलाफ यह कार्रवाई उनके एक ट्वीट पर की गई थी, जिसमें उन्होंने रेडिकल इस्लाम पर विवादित टिप्पणी की थी।
अजीत भारती को लेकर क्या है मौजूदा विवाद?
अजीत भारती के खिलाफ कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) की कानूनी इकाई के सचिव बीके बोपन्ना ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इस प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि भारती ने अपने एक्स हैंडल के माध्यम से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर गलत सूचना फैलाई थी। शिकायत में कहा गया था कि अजीत भारती ने एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें कथित रुप से वह कहते हैं कि राहुल गांधी ने अयोध्या में राम मंदिर के स्थान पर बाबरी मस्जिद वापस लाने का इरादा रखते हैं। जिसके बाद कर्नाटक पुलिस अजीत भारती के घर पहुंची थी।
वहीं कर्नाटक उच्च न्यायालय ने अजीत भारती को लेकर दर्ज मामले पर रोक लगा दी। ‘बार और बेंच’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, “अदालत ने दर्ज किया कि यदि ट्वीट कुछ समाचार पत्रों की रिपोर्टों का परिणाम है, जो कि कुछ पूर्व कांग्रेस नेताओं द्वारा भी दावा किया गया था और याचिकाकर्ता ने भी ऐसे दावे के संबंध में ट्वीट किया है, तो यह दावा बनाम दावा हो जाता है। इसलिए, समस्या की उत्पत्ति पूर्वोक्त उद्धृत दावे में निहित है, जिसके परिणामस्वरूप याचिकाकर्ता ने ट्वीट किया है।”
अजीत भारती पर अदालत की अवमानना का मामलाः
अजीत भारती पर कोर्ट की अवमानना की केस चलाने की अनुमति भी साल 2021 में अटॉर्नी जनरल द्वारा दी चुकी थी। ‘इंडियन एक्सप्रेस’ की 14 सितंबर 2021 की रिपोर्ट के अनुसार अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट और जजों की आलोचना करने वाले एक वीडियो को लेकर अजीत भारती के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की सहमति दे दी थी। इस रिपोर्ट में एजी वेणुगोपाल का बयान भी प्रकाशित किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अजीत भारती के वीडियो की सामग्री, जिसे लगभग 1.7 मिलियन दर्शकों ने देखा, भारत के सर्वोच्च न्यायालय और न्यायपालिका के लिए घोर अपमानजनक है, जिसका स्पष्ट रूप से न्यायालयों को बदनाम करने का इरादा है।
वहीं अजीत भारती पर कोर्ट की अवमानना का केस चलाए जाने की अनुमति के संदर्भ में हिन्दी अखबार हिन्दुस्तान सहित अन्य मीडिया संस्थानों जैसे, द वायर और क्विंट सहित तमाम वेबसाइट्स पर भी खबर प्रकाशित की गई थी।
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2- सुप्रीम कोर्ट के जजों पर अजीत भारती के विवादित पोस्टः
साल 2021 में अजीत भारती पर कोर्ट की अवमानना केस के बाद भी वह अपनी आदतों से बाज नहीं आए। अजीत भारती लगातार सुप्रीम कोर्ट के जजों पर अपमानजनक टिप्पणियां करने के साथ-साथ जजों पर भ्रामक सूचनाएं भी शेयर करते रहते हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डी.वाई. चंद्रचूड़ के एक बयान पर अजीत भारती ने लिखा कि भारतीय जजों ने न्याय की देवी को दासी बना रखा है। भारती ने ट्वीट किया, “अच्छा! आप लोगों के निर्णयों और ज्ञान को बार-बार सुन कर तो लगता है कि आपने न्याय की देवी को अपनी दासी बना कर रखा हुआ है और सुप्रीम कोर्ट का प्रभाव क्षेत्र उसी भवन मात्र तक ही है जहाँ आप विराजमान होते हैं। कृपया हमें हरा तूतिया न समझें।” वहीं एक ट्वीट में अजीत भारती ने सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ पर आरोप लगाया कि वह संविधान को फॉलो नहीं करते हैं।
एक ट्वीट में अजीत भारती ने कोर्ट पर हिन्दू-मुस्लिम के बीच भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए अपमानजनक टिप्पणी भी की। अजीत भारती के सुप्रीम कोर्ट के जजों पर की गई टिप्पणियों का एक कोलाज यहां दिया जा रहा है।
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3- अजीत भारती के नफरत का विश्लेषणः
अजीत भारती के सोशल मीडिया पर पोस्ट में इस्लामोफोबिया की झलक दिखती है। वह अपनी पोस्टों में मुस्लिमों के लिए मुल्ला, मुल्लों और जिहादी जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं। वह अपनी पोस्टों में अभद्र भाषा और गाली-गलौज सहित विवादित टिप्पणियां भी करते हैं। अजीत भारती अपने पोस्ट में किसी मुस्लिम शख्स द्वारा किए गए अपराध को शब्दों की कलाबाजी का सहारा लेते हुए पूरे मुस्लिम समुदाय को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश करते हैं। उदाहरण के तौर पर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच एक क्रिकेट मैच पर अजीत भारती ने भारतीय मुस्लिमों को मुल्ला संबोधित करते नफरती ट्विट किया। उन्होंने इस ट्वीट में महिलाओं के ऊपर पर भी घटिया टिप्पणी की।
एक पोस्ट में अजीत भारती मुस्लिमों को लेकर खुद से कॉन्सपिरेसी थियरी बनाते हैं और यह लिखते हैं कि भारतीय मुसलमान चाहते हैं कि वहाँ (पाकिस्तान-बांग्लादेश) के मुसलमान भारत में आएं और यहां से एक और हिस्सा काट कर कोई मुस्लिम देश बना लें। भारती ने ट्वीट किया, “जब भारत के मुल्लों के लिए CAA में कुछ है ही नहीं तो ये जाहिल रो क्यों रहे हैं? जब हम कहते हैं पूरा पाकिस्तान और बांग्लादेश आदि मिला कर ‘अखंड भारत’ बना देंगे, तो भी रोते हैं। ये चाहते हैं कि वहाँ के मुसलमान भारत में आएँ और यहाँ से एक और हिस्सा काट कर कोई मुस्लिम देश बने। इसलिए इनको CAA में हिन्दू नहीं चाहिए, बल्कि भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुसलमानों को शरण दे। वो लोग यहाँ बच्चे पैदा करेंगे, हिन्दू टैक्स दे कर उन्हें पालेगा, वहीं आतंकियों की संस्थाएँ ऐसे लोगों की छाती पर बम बाँध कर मरने के लिए इन्हें तैयार करेगी। इनकी व्यथा विचित्र भी है और घातक भी।”
अजीत भारती के कुछ इस्लामोफोबिया से ग्रसित पोस्ट को यहां दिए ग्राफिक्स में देखा जा सकता है।
रमजान के महीने को प्वाइंट करते हुए पोस्टः
इस्लाम में रमजान के महीने को पवित्र महीना माना गया है। मुस्लिमों के लिए यह इबादत का महीना होता है, कई विशेष प्रार्थनाएं भी आयोजित की जाती हैं। अजीत भारती ने बड़ी चालाकी से पवित्र रमजान के महीने में किसी मुस्लिम शख्स द्वारा किए गए अपराधों को रमजान के महीने को प्वाइंट किया है। वह अपने कई पोस्टों में इस प्रकार प्रदर्शित करने की कोशिश करते हैं कि रमजान के पवित्र महीने में यह सबकुछ हो रहा है। उदाहरण के लिए, एक पति द्वारा अपनी पत्नी का गला काटने की घटना पर वह लिखते हैं, ‘हैशटैग रमजान मुबारक’। इसके अलावा वह अन्य घटनाओं पर भी रमजान मुबारक लिखते हैं। इसके अलावा अजीत भारती ने रमजान के महीने में मुस्लिमों द्वारा की गई आपराधिक घटनाओं को खासतौर पर हाईलाइट करने के लिए उनकी सूची बनाने की मुहिम भी चलाई थी।
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अभद्र भाषा और गाली वाले पोस्टः
अजीत भारती सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणियां करने के लिए जाने जाते हैं। जजों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के साथ-साथ वह सोशल मीडिया पर सक्रिय पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर भी विवादित टिप्पणियां करते रहते हैं। ‘ऑल्ट न्यूज’ के फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर ने अजीत भारती की गाली वाली पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसमें भारती ने जुबैर को माँ की गंदी-गंदी गालियां लिखी थीं।
अजीत भारती ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन पर भी अपमानजनक टिप्पणी की है। दरअसल डॉ. हर्षवर्धन ने मुस्लिमों के साथ साल 2023 में ईद मनाने का एक पोस्ट किया था। उन्होंने लिखा, “मेरा जन्म तुर्कमान गेट के फाटक तेलियान में हुआ था और मैं अपने मुस्लिम पड़ोसियों की गोद में पला-बढ़ा हूं। मैंने पैगंबर साहब की शिक्षाओं के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करने वाले लोगों को बेहद करीब से देखा है। #EidUlFitr पर आप सभी के स्नेह और आशीर्वाद से अभिभूत हूँ| सभी को #EidMubarak1444”
हर्षवर्धन की इस पोर्ट पर अजीत भारती ने अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल करते हुए लिखा, “आप बक@द हैं। न हिन्दू हैं, न मुसलमान। स्वीकार्यता के लिए सत्य को नकार देना हिन्दुओं की पुरानी मूर्खता है। कुछ लोग अनभिज्ञता में पहले ऐसा करते थे, कुछ लोग आँखें बंद कर के आज भी बकलोली पेले जा रहे हैं।”
अपने ट्वीट में अजीत भारती ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा और रवीश कुमार पर भी अपमानजनक टिप्पणी की हैं। एक पोस्ट में भारती ने पत्रकार राहुल देव पर अभद्र टिप्पणी की, तो वहीं एक पोस्ट में गीतकार मनोज मुंतशिर को भला बुरा कहा है।। अजीत भारती द्वारा अलग-अलग समय पर किए गए इन सभी अभद्र टिप्पणियों को यहां दिए कोलाज में देखा जा सकता है।
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4- अजीत भारती द्वारा फैलाए फेक/भ्रामक न्यूज:
अजीत भारती ने सोशल मीडिया पर कई भ्रामक सूचनाएं भी शेयर किए हैं, जिसमें से कई ट्वीट को उन्होंने डिलीट भी किया है, हालांकि उन ट्विट्स का आर्काईव वर्जन मौजूद है। हम यहां पर अजीत भारती द्वारा फैलाए गए भ्रामक सूचनाओं का फैक्ट चेक प्रदान कर रहे हैं।
फेक/भ्रामक न्यूज-1
अजीत भारती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया था। इस वीडियो में राहुल गांधी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “देश का एक्सरे कर देंगे, दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। माइनोरिटीज को पता चल जाएगा कि इस देश में उनकी भागीदारी कितनी है। इसके बाद हम फाइनेंशियल और इंटस्टिट्यूशनल सर्वे करेंगे। ये पता लगाएंगे हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है, कौन से वर्ग के हाथों में है। और इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे। जो आपका हक बनता है, वो हम आपके लिए आपको देने का काम करेंगे।”
फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने पाया कि राहुल गांधी का एडिटेट और अधूरा बयान शेयर किया गया है। राहुल गांधी अपने ओरिजिनल बयान में OBC, SC, ST, EWS और अल्पसंख्यकों का जिक्र करते हैं। राहुल का यह बयान हैदराबाद में कांग्रेस के मेनिफेस्टो लॉन्च रैली का है। इस वीडियो को राहुल गांधी के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर 6 अप्रैल 2024 को लाइव किया गया था। इस वीडियो में राहुल गांधी के बयान को 31:55 मिनट से 33:10 मिनट के ड्यूरेशन में सुना जा सकता है। राहुल गांधी अपने बयान में कहते हैं- “देश का एक्सरे कर देंगे, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पिछड़े वर्ग को, दलितों को, आदिवासियों को, गरीब जनरल कास्ट के लोगों को और माइनोरिटीज को पता लग जाएगा कि इस देश में उनकी भागीदारी कितनी है। इसके बाद हम फाइनेंशियल और इंटस्टिट्यूशनल सर्वे करेंगे। यह पता लगाएंगे हिंदुस्तान का धन किसके हाथों में है, किस वर्ग के हाथों में है। और इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे। जो आपका हक बनता है, वो हम आपके लिए आपको देने का काम करेंगे।”
फेक/भ्रामक न्यूज-2
अजीत भारती ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “रामनवमी पर ‘उनकी’ तैयारी हो चुकी है, आप क्या कर रहे हैं? राँची में छतों पर पत्थर रख लिए गए हैं। यही समाचार बंगाल, बिहार, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश से कल पत्थरबाजी के बाद मिलेंगे। सावधान रहिए, सतर्क रहिए, डरिए बिलकुल नहीं।“
फैक्ट चेकः
रांची पुलिस ने इस मामले पर पोस्ट कर वीडियो की सच्चाई बताई है। पुलिस के मुताबिक, “जुलूस के मार्गों की ड्रोन से निगरानी एक सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया है। यह अनेक जिलों में किया जाता है और यदि किसी के छत पर कोई निर्माण सामग्री यथा पत्थर, ईट, बालू आदि पड़ा रहता है तो उसे हटाने के लिए संबंधित मकान मालिकों को दिया गया। इसमें कहीं कोई सांप्रदायिक अथवा षड्यंत्र वाला आयाम नहीं है। *षड्यंत्र को बेनकाब* करने जैसे सनसनीखेज खबर बिना किसी ठोस आधार के किसी न्यूज चैनल के द्वारा चलाना विधि सम्मत नही है।”
फेक/भ्रामक न्यूज-3
अजीत भारती ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, “Wow! अधिवक्ता बोलते रहे और चंद्रचूड़ उठ कर निकल गया, बिना कुछ बताए! यह वीडियो बताता है कि न्यायपालिका में पारिवारिक प्रतिभा और उचित डीएनए सीक्वेंस-धारी जजों का घमंड कितना ऊँचा और अभद्र होता है। ये सुप्रीम कोर्ट है। सुप्रीम कोर्ट!”
फैक्ट चेकः
यह वीडियो 18 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग है। सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध लाइवस्ट्रीम के ड्यूरेशन 27 मिनट 6 सेकेंड पर वायरल हिस्से को देखा जा सकता है, जिसमें CJI चंद्रचूड़ खुद को व्यवस्थित करने के लिए कुर्सी ठीक करते हैं और सुनवाई जारी रहती है। वो उठकर कहीं जाते नहीं हैं।
फेक/भ्रामक न्यूज-4
अजीत भारती ने एक वीडियो शेयर कर दावा किया कि वायरल वीडियो कथित तौर पर बिहार का है। इस वीडियो में सुना जा सकता है कि लोगों के हाथों में मोबाइल नहीं तलवार चाहिए की बात कही जा रही है। वहीं इस वीडियो में और भी भड़काऊ बातें कही गई हैं।
फैक्ट चेकः
वायरल वीडियो साल 2017 का है। इस वीडियो को एडिट करके उसमें अलग से गाने और ऑडियो को जोड़ा गया है। 2017 यूट्यूब पर अपलोड वीडियो में देखा जा सकता है कि इसमें कोई भड़काऊ गाना नहीं हैं।
निष्कर्षः
अजीत भारती सोशल मीडिया पर लगातार अपमानजनक और आपत्तिजनक पोस्ट करते रहते हैं। कई पोस्ट में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जजों, वरिष्ठ पत्रकारों और राजनेताओं पर भी अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। इसके अलावा वह लगातार नफरती पोस्ट भी करते रहते हैं। अजीत भारती की इन्हीं हरकतों की वजह से उनका अकाउंट भी सस्पेंड हुआ था और उन पर कोर्ट की अवमानना का केस भी चलाया गया था।