Himanta Biswa Sarma

फैक्ट चेकः असम में मुस्लिम जनसंख्या को लेकर हिमंत बिस्वा सरमा ने किया भ्रामक दावा

Fact Check hi Featured Misleading

सोशल मीडिया साइट एक्स पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने एक बयान का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “1951 में असम में मुसलमानों की आबादी सिर्फ़ 14% थी। आज उनकी आबादी लगभग 40% है। जनसांख्यिकीय परिवर्तन हमारे लिए राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह अस्तित्व का मुद्दा है।”

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फैक्ट चेकः

DFRAC की असम में 1951 में मुस्लिमों की आबादी 14 प्रतिशत होने के संदर्भ में गूगल पर कुछ कीवर्ड्स सर्च किया। हमें भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त का कार्यालय गृह मंत्रालय, भारत सरकार की वेबसाइट पर 1961 के जनगणना के आंकड़ों का अपलोड पीडीएफ मिला, जिसमें सभी धर्मों का आंकड़ा दिया गया है।

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इस पीडीएफ के पेज संख्या-iv पर देश के विभिन्न राज्यों में मुस्लिम जनसंख्या के दशकीय वृद्धि (1951 से 1961) को दर्शाया गया है। इसमें असम राज्य के बारे में देखा जा सकता है कि 1951 में मुस्लिमों की आबादी 22.60 प्रतिशत थी, जो 1961 में बढ़कर 23.29 प्रतिशत हो गई थी।

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वहीं गूगल पर कुछ और कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें टाइम्स ऑफ इंडिया और स्क्रॉन.इन की रिपोर्ट्स मिलीं। TOI की 7 अक्टूबर 2008 की रिपोर्ट के अनुसार असम में मुस्लिम आबादी 1951 से 2001 के बीच 24.7% से बढ़कर 30.9% हो गई है। हालांकि, 1991 से 2001 की जनगणना के बीच मुस्लिम आबादी में वृद्धि 1991 में 28.4% से केवल 2.5 प्रतिशत अंक रही है।

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वहीं स्क्रॉल.इन की 16 जनवरी 2018 को प्रकाशित एक रिपोर्ट में असम में 1901 से लेकर 2011 तक मुस्लिमों की जनसंख्या के आंकड़े दिए गए हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार 1951 में मुस्लिम जनसंख्या 24.68 प्रतिशत थी। इसके अलावा 2011 में 34.22 प्रतिशत मुस्लिम आबादी थी।

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निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा सहित तमाम सोशल मीडिया यूजर्स का यह दावा गलत है कि असम में 1951 में मुस्लिमों की आबादी 14 प्रतिशत थी।