कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी के साथ वोटिंग के बाद ऊंगली पर लगी स्याही दिखाते हुए एक सेल्फी सोशल मीडिया पर पोस्ट की है। राहुल गांधी की इस सेल्फी को शेयर कर कई यूजर्स ने दावा किया है कि राहुल गांधी के पीछे दिख रही दीवार पर जीसस की तस्वीर लगी है।
यूजर्स का दावा है कि राहुल गांधी खुद को जनेऊधारी ब्राह्मण बताते हैं, इसके बावजूद इसके उनके रुम में किसी हिन्दू भगवान की तस्वीर नहीं है। MrSinha_ नामक यूजर ने राहुल-सोनिया की तस्वीर शेयर कर लिखा, ””जनेऊधारी ब्राह्मण” राहुल गांधी के कमरे में ईसा मसीह की तस्वीर है. उसी कमरे में हिंदू देवताओं की कोई तस्वीर नहीं है… नाइस!!!!” (हिन्दी अनुवाद)
इसके अलावा कई अन्य यूजर्स ने भी राहुल गांधी की फोटो शेयर कर ऐसा ही दावा किया है।
फैक्ट चेकः
DFRAC टीम ने वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए राहुल के पीछे दिखाई दे रही तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च किया। हमारी जांच में सामने आया कि यह रशियन फिलॉसफर और पैंटर निकोलस रोएरिच द्वारा 1932 में बनाया गया बैनर ऑफ पीस ‘मैडोना ओरिफ्लेम्मा’ की पेंटिंग है। इसमें थ्री डॉट के साथ नजर आ रहा बैनर ऑफ पीस है, जो मानवता के लिए निकोलस रोएरिच के दृष्टिकोण को दर्शाता है।
एक वेबसाइट के मुताबिक, 1914 के दौरान, निकोलस और हेलेना रोएरिच ने युद्ध और शांति दोनों समय के दौरान सांस्कृतिक ट्रेजरर्स की सुरक्षा के लिए एक संधि का प्रस्ताव रखा। यह समझौता कलात्मक और वैज्ञानिक संस्थानों और ऐतिहासिक स्मारकों की सुरक्षा के लिए समर्पित पहली अंतर्राष्ट्रीय संधि है। अंततः 15 अप्रैल, 1935 को इस पर हस्ताक्षर किये गये।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से स्पष्ट है कि राहुल गांधी के पीछे दिखाई दे रही तस्वीर जीसस की नही है, बल्कि यह रशियन कलाकार द्वारा 1932 में बनाई गई पेंटिंग मैडोना ओरिफ्लेम्मा है। इसलिए सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है ।