सोशल मीडिया पर एक विचलित कर देने वाला वीडियो शेयर किया जा रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि ऑरेंज कलर कपड़ा पहने एक व्यक्ति के हाथ पैर बंधे हुए हैं और उसके ऊपर टैंक चढ़ा दी जाती है, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो जाती है।
यूज़र्स, इस वीडियो को यमन का बताते हुए सवाल कर रहे हैं कि क्या यह क्रूर व्यवहार सही है? मानवाधिकार वाले केवल भारत जैसे देश में घटना होन पर चिल्लाते हैं?
फ़ैक्ट-चेक:
DFRAC टीम ने वायरल वीडियो के की-फ्रेम को रिवर्स सर्च किया। इस दौरान टीम को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं।
हिन्दुस्तान द्वारा 27 अक्टूबर 2015 को पब्लिश न्यूज़ के अनुसार- इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया यानी ISIS ने 24 अक्टूबर को एक वीडियो जारी किया था, जिसमें एक 19 साल के सीरियाई सैनिक, फादी अम्मार जिदान से जबरन इस बात को कबूल कराया गया था कि उसने आतंकवादियों के शवों पर टैंक चढ़ाया था।फिर युद्धक टैंक के नीचे कुचल कर उसे मार दिया गया।
वहीं, इस घटना को अन्य मीडिया हाउसेज़ ने भी कवरेज दी थी।
dailystar.co.uk, express.co.uk & alalam.ir
निष्कर्ष:
DFRAC के इस Fact Check से स्पष्ट है कि वायरल वीडियो अक्टूबर 2015 का है और यह यमन का नहीं, सीरिया का है, इसलिए सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा भ्रामक है।