दक्षिणी भारत में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हैं। इसके अलावा दो केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप और पुडुचेरी हैं। पिछले दिनों कर्नाटक और केरल के मुख्यमंत्रियों ने अलग-अलग दिनों में टैक्स का हिस्सा और आर्थिक मदद की मांग को लेकर दिल्ली में जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ धरना दिया था। इस धरने के बीच सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने टैक्स और आर्थिक भेदभाव का आरोप लगाकर पोस्ट शेयर किया है। लेकिन इनमें कुछ यूजर्स ऐसे थे, जो इसकी आड़ लेकर अलगाववादी प्रोपेगेंडा करने लगे। इन यूजर्स में साउथ इंडिया पोर्टल और साउथ इंडिया इंडिपेंडेंस मूवमेंट शामिल है, जो लगातार एजेंडा चलाते रहते हैं।
यूजर्स की प्रोफाइलः
साउथ इंडिया पोर्टल का एक्स हैंडल @DravidaNaduFree है। इसके 3934 फॉलोवर्स हैं। वहीं साउथ इंडिया इंडिपेंडेंस मूवमेंट का हैंडल @onlydravidian और इसके 1968 फॉलोवर्स हैं। यह दोनों हैंडल्स अलग देश द्रविड़नाडु की वकालत करते हैं और लगातार इसके लिए भ्रामक और तथ्यहीन कंटेंट पोस्ट करते हैं। इन हैंडल्स से दक्षिणी भारत को एक अलग राष्ट्र के रुप में प्रचारित किया जाता है। कई पोस्ट में अलग देश और अलग झंडे की बात की गई है।
गणतंत्र दिवस पर ब्लैक डे अभियानः
पिछले महीने गणतंत्र दिवस से पहले ‘साउथ इंडिया पोर्टल’ ने कई पोस्ट शेयर कर 26 जनवरी के दिन ‘ब्लैक डे’ मनाने की अपील की थी। यह बिल्कुल वही पैटर्न दिखाता है, जो कश्मीर में अलगाववादियों और पाकिस्तान से संचालित सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा राष्ट्रीय पर्व पर ब्लैक डे अभियान चलाया जाता है।
पाकिस्तानी हैंडल्स द्वारा फॉलो और शेयरः
इस दोनों हैंडल्स के फॉलोवर्स में पाकिस्तान से जुड़े कई सोशल मीडिया यूजर्स हैं, जो इनकी विभाजनकारी कंटेंट को रिपोस्ट और लाइक करते रहते हैं। साउथ इंडिया पोर्टल पर तिरंगा जलाए जाने की फोटो पोस्ट की गई, जिसे कई पाकिस्तानी हैंडल्स ने रिपोस्ट किया। वहीं एक ट्वीट में दक्षिण भारत की तुलना फिलिस्तीन से की गई है।
खालिस्तान का समर्थनः
“साउथ इंडियन पोर्टल” ने कई मौकों पर खालिस्तान का समर्थन करते हुए इसे जरूरी बताया है। उसने एक पोस्ट में खालिस्तानी झंडे के साथ भारत के गलत मानचित्र को पोस्ट किया है।
दोनों अकाउंट हुए विथहेल्डः
DFRAC की टीम जब “साउथ इंडियन पोर्टल” पर विस्तृत रिपोर्ट कर रही थी, इसी दौरान इस अकाउंट को भ्रामक, तथ्यहीन और भड़काऊ पोस्ट के कारण भारत में विथहेल्ड कर दिया गया था। वहीं साउथ इंडिया इंडिपेंडेंस मूवमेंट अकाउंट को साल 2023 में ही विथहेल्ड कर दिया गया था।
निष्कर्षः
सोशल मीडिया पर टैक्स और आर्थिक भेदभाव का आरोप लगाकर अभियान चलाया गया। इन अभियानों से ना सिर्फ लोगों को गुमराह किया जा रहा है, बल्कि अलगाववाद के बीज भी बोने की कोशिश की जा रही है। वहीं हमने अपने पड़ताल में पाया कि इसमें पाकिस्तानी यूजर्स की संलिप्तता भी रही है, जो ना सिर्फ ऐसे अकाउंट्स को फॉलो करते हैं, बल्कि ऐसी भड़काऊ और तथ्यहीन पोस्ट को शेयर भी करते हैं।