बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर “इंडिया आउट” अभियान अचानक से उभरा है, इसके पीछे भारत पर बांग्लादेश की राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया है। इस अभियान को चलाने वाले यूजर्स बांग्लादेशी नागरिकों से भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करने का आग्रह भी कर रहे हैं। इसके लिए 3 हैशटैग भी चलाए जा रहे हैं, जिसमें 1- #IndiaOut 2- #BoycottIndia और 3- #BoycottIndianProducts शामिल है।
हालांकि सोशल मीडिया पर बहिष्कार का यह ट्रेंड स्वाभाविक प्रतीत होता दिखाई नहीं दे रहा है, क्योंकि अगर इसकी तह में जाएंगे तो पाएंगे कि इस अभियान की शुरूआत करने वाला ग्रुप हमेशा से बांग्लादेश में भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहा है। इन यूजर्स में कई ऐसे लोग हैं, जो बांग्लादेश की राजनीतिक पार्टियों (मुख्य रूप से बीएनपी) से या तो परोक्ष रूप से जुड़े रहे हैं, या फिर उनका समर्थक होने का दावा करते हैं। DFRAC की इस रिपोर्ट में ऐसे सभी बिंदुओं को शामिल करते हुए विस्तार से विश्लेषण किया जा रहा है।
1- “इंडिया आउट” कैंपेन की शुरूआतः
बांग्लादेशी पत्रकार ज़ुल्करनैन साइर ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया कि “इंडिया आउट” तब ज्यादा बढ़ा है, जब पिनाकी भट्टाचार्य ने इस पर पोस्ट करना शुरु किया था। उन्होंने लिखा- “इंडिया आउट अभियान को विशेषज्ञों की अपेक्षा से अधिक लोकप्रियता मिली है। निर्वासित बांग्लादेशी सामाजिक कार्यकर्ता पिनाकी भट्टाचार्य, जो पेशे से एक चिकित्सा विशेषज्ञ भी हैं, ने बांग्लादेश में अत्यधिक विवादास्पद और एकतरफा चुनावों के बाद भारतीय वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया।”
Source- Zulkarnain Saer
‘अल जजीरा’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिनाकी भट्टाचार्य, जो 2018 में कथित सरकारी उत्पीड़न के बांग्लादेश से भाग गए थे, इस बढ़ते सोशल मीडिया आंदोलन में प्रमुख व्यक्ति के रूप में उभरे हैं और भारत पर हसीना को सत्ता में बनाए रखने के लिए बांग्लादेश के हालिया चुनावों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया है।
Source- Al Jazeera
कौन हैं पिनाकी भट्टाचार्य:
पिनाकी भट्टाचार्य खुद को ब्लॉगर और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। अपने युवा वर्षों में, वह वामपंथी छात्र आंदोलन का हिस्सा थे। बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास, समाज और मानवाधिकारों पर 19 पुस्तकों के साथ वह एक प्रमुख ऑनलाइन व्यक्ति बन गए हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर 1.2 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं। वहीं फेसबुक पर उनके 5 लाख 45 हजार फॉलोवर्स और एक्स पर 52,400 फॉलोवर्स हैं।
पिनाकी भट्टाचार्य पर क्या केस दर्ज हैं?
पिनाकी भट्टाचार्य पर बांग्लादेश की काउंटर टेररिज्म एंड ट्रांसनेशनल क्राइम (CTTC) द्वारा डिजिटल सुरक्षा अधिनियम (DSA) के तहत मुकदमा दायर किया जा चुका है। पिनाकी पर अफवाहें और गलत सूचना फैलाने के आरोप लगे थे।
Source- TBS
पिनाकी भट्टाचार्य पर नकली दवाओं के आरोप
In Depth News की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिनाकी भट्टाचार्य बांग्लादेश से तब भाग गए, जब अधिकारियों ने उनकी फार्मास्युटिकल फैक्ट्री के अंदर नकली दवा और एम्फ़ैटेमिन के उत्पादन के आरोप लगाए थे।
Source- In Depth News
पिनाकी पर ISI के लिए काम करने के आरोप!
Weeklyblitz की एक रिपोर्ट में विश्वसनीय सूत्रों के हवाले पिनाकी के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से कथित जुड़ाव के बारे में लिखा गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि- “विश्वसनीय स्रोत के अनुसार, वर्षों पहले, एक कट्टर भारत विरोधी व्यक्ति पिनाकी को पाकिस्तानी जासूसी एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने भारत के खिलाफ प्रचार करने और बांग्लादेश में भारत विरोधी भावना को बढ़ावा देने के लिए काम पर रखा था। बांग्लादेश के खिलाफ अपने नापाक प्रचार के अलावा, पिनाकी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के खिलाफ प्रचार अभियान चलाने में स्पष्ट रूप से सक्रिय रहे हैं। पिनाकी भट्टाचार्य के अन्य निशाने पर संयुक्त राज्य अमेरिका, इज़राइल, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और धर्मनिरपेक्ष ताकतें हैं। पिनाकी जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ भारत के अन्य हिस्सों में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के भी समर्थक रहे हैं।”
Source- Weeklyblitz
पिनाकी भट्टाचार्य का #BoycottIndianProducts अभियानः
पिनाकी भट्टाचार्य ने लिखा- “मैंने कहा कि महिलाओं को इस बहिष्कार आंदोलन का नेतृत्व करना चाहिए। महिलाएं नेतृत्व में आगे आई हैं। मातृशक्ति की ताकत से हम आगे बढ़ेंगे। बस देखें कि यह कैसे काम करता है। हमारी लड़ाई कहां गई? हमारी लड़ाई अजेय है।”
पिनाकी भट्टाचार्य ने भारतीय प्रोडक्ट के बहिष्कार के टाइटल के साथ यूट्यूब पर कई वीडियो बनाए हैं। उन्होंने पहला वीडियो 17 जनवरी 2024 को यूट्यूब पर अपलोड किया था। इस वीडियो के साथ दिए गए डिस्क्रिप्शन में उन्होंने लिखा था- “हमारी क्रय शक्ति से भारत मजबूत हो रहा है। वह आर्थिक रूप से मजबूत होकर हमारा हक खा रहा है। हमने आज इंडिया के उत्पादों के बहिष्कार की घोषणा की है। आइए, तीन महीने में स्टार बॉक्स रिलीज़ होने तक हम भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करेंगे। कोई जुलूस नहीं, कोई सभा नहीं, कोई रक्तदान नहीं, कोई मारपीट नहीं, कोई जेल नहीं। बस एक शांतिपूर्ण बहिष्कार। भारत मत जाओ। इलाज के लिए बैंकॉक-सिंगापुर जाएं, भारत नहीं। जब आप भारत जायेंगे तो हम ऐसी व्यवस्था करेंगे कि जनता की नफरत आप पर पड़े।”
पिनाकी ने भारतीय प्रोडक्ट के बहिष्कार को लेकर यूट्यूब पर कुल 9 वीडियो बनाए हैं, जिसे नीचे दिए कोलाज में देखा जा सकता है।
17 जनवरी को यूट्यूब पर भारत और भारतीय प्रोडक्ट्स के बहिष्कार का आह्वान करने के बाद पिनाकी ने फेसबुक और एक्स प्लेटफॉर्म पर भी लगातार पोस्ट शेयर करते रहे। उन्होंने 18 जनवरी को भारतीय प्रोडक्ट्स के बहिष्कार वाले हैशटैग चलाए, जिसके बाद वह बांग्लादेश में सोशल मीडिया पर वायरल होते चले गए।
पिनाकी के चैनल पर #Boycott IndianProducts की व्यूवरशिपः
पिनाकी के यूट्यूब चैनल का विश्लेषण करने पर, यह देखा गया कि उसने #Boycott IndianProducts के हैशटैग के साथ 7 वीडियो प्रकाशित किए गए हैं। इन सभी वीडियो को बड़े पैमाने पर दर्शकों ने देखा है। यह पाया गया कि इस विषय पर एक वीडियो को 1.3 मिलियन से अधिक दर्शकों ने देखा था।
#IndiaOut चलाने वाले सोशल मीडिया अकाउंटः
#IndiaOut हैशटैग के साथ कई बांग्लादेशी यूजर्स ने पोस्ट शेयर किया है। लेकिन इन अकाउंट्स में Revolt (@revolt_71) नामक एक अकाउंट है, जो लगातार #BoycottIndia, #IndiaOut और #BoycottIndianProducts पर ट्वीट करता रहता है। इस अकाउंट के बारे में जानकारी इकट्ठा करने पर सामने आया कि इसने इससे पहले भी कई बार #BoycottIndia और #IndiaOut जैसे हैशटैग का उपयोग करके ट्वीट किए थे। जैसे ही पिनाकी भट्टाचार्य ने #BoycottIndianProducts को शुरु किया, वैसे ही रिवोल्ट नामक यूजर भी लगातार पोस्ट करना शुरु कर दिया।
हमारी जांच में यह भी सामने आया कि @revolt_71 का यूजरनेम चेंज किया गया है, इससे पहले यह FC MP (@sambayorker) नाम से संचालित होता था, जो खुद को एक फुटबॉल प्रशंसक के रूप में प्रस्तुत करता था।
इस अकाउंट ने विशेष रूप से अपने कंटेंट को फुटबॉल से संबंधित पोस्ट से हटाकर हैशटैग #BoycottIndia और #IndiaOut पर केंद्रित कर दिया है, जो इसके संदेश और जुड़ाव में एक रणनीतिक बदलाव का संकेत देता है।
@Revolt_71 के ट्वीट्स का विश्लेषण करते समय, हमने पाया कि इस अकाउंट से #IndiaOut, #BoycottIndia, #BoycottIndiaProducts के हैशटैग के साथ भारी मात्रा में ट्वीट किए हैं। जिसमें #IndiaOut पर 61 ट्वीट, #BoycottIndia पर 34 ट्वीट और #BoycottIndiaProducts के साथ 15 ट्वीट किए गए थे।
हैशटैग की टाइमलाइनः
नीचे दिया गया ग्राफ़िक हैशटैग “BoycottIndianProducts” की टाइमलाइन दिखाता है। हमने 19 जनवरी से 13 फरवरी 2024 तक के ट्वीट को देखा। यहां देखा जा सकता है कि शुरू में रुझान धीमी गति से शुरू हुआ, लेकिन 7 फरवरी से इसने अपनी रफ्तार पकड़ी। यह देखा जा सकता है कि यह रुझान 10 फरवरी 2024 को 130 से अधिक पोस्ट के साथ अपने चरम पर था, जो एक ही दिन में पोस्ट किए गए थे।
किन-किन यूजर्स ने हैशटैग को बढ़ाया?
19 जनवरी से 13 फरवरी 2024 की अवधि के #Boycott IndianProducts के हैशटैग के डाटा का विश्लेषण करने पर, हमें पता चला कि कई बांग्लादेशी अकाउंट्स हैशटैग को बढ़ावा देने में शामिल थे। यहां देखा जा सकता है कि @alsbddk75118 ने हैशटैग पर सबसे अधिक ट्वीट किए थे। उन्होंने करीब 50 से अधिक ट्वीट्स किए। इसके बाद @Borno1405 ने 27 ट्वीट्स और @revolt_71 ने 25 ट्वीट्स किए थे।
निष्कर्षः
भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का ट्रेंड चलाने वाले पिनाकी भट्टाचार्य के सोशल मीडिया और यूट्यूब चैनल का विश्लेषण करने पर सामने आया है कि वह भारत के विरोधी रहे हैं। इसके अलावा उन पर कई गंभीर आरोपों में केस भी दर्ज हैं। पिनाकी के बहिष्कार के ट्रेंड के बाद वह यूजर्स भी इसमें कूद पड़े, जो अलग-अलग मौकों पर सोशल मीडिया पर भारत विरोधी अभियानों का हिस्सा रहे हैं। इनमें कुछ यूजर्स बांग्लादेश की विपक्षी पार्टियों से भी जुड़े रहे हैं, जो यह प्रतीत करता है कि बांग्लादेश में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का ट्रेंड प्रायोजित है, जिसे एक नेक्सस की तरह अंजाम दिया जा रहा है।