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फैक्ट चेकः पाकिस्तानी थिंक टैंक ने लद्दाख प्रदर्शन पर फैलाया झूठ

Did Ladakh Demand Freedom From the Indian Government? Truth Behind Viral video

सोशल मीडिया साइट एक्स (ट्विटर) पर वायरल एक वीडियो में देखा जा सकता है कि सड़कों पर लोगों की भारी भीड़ है। यूजर्स का दावा है कि लद्दाख में कंपकंपा देने वाली सर्दियों में भी बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। यहां लोग सड़कों पर उतर आए और मोदी शासन तथा भारत सरकार से आज़ादी की मांग कर रहे हैं। वीडियो को एक्स (ट्विटर) पर कई यूजर्स ने शेयर किया है।

एक पाकिस्तानी थिंक टैंक द इंटेल कंसोर्टियम ने इस वीडियो को एक्स (ट्विटर) पर शेयर करते हुए लिखा: “#ब्रेकिंग लद्दाख में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुआ, “मोदी शासन” भारत सरकार से आजादी की मांग की गई। #Kashmir #India”

Source: X(Twitter)

इसके अलावा, हमने पाया कि कई अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को एक्स (ट्विटर) पर शेयर किया और इसी तरह के दावे किए हैं।

Source: X(Twitter)

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फैक्ट चेकः

वायरल वीडियो की हकीकत जानने के लिए DFRAC टीम ने इसे कुछ कीफ्रेम में बदला और गूगल पर रिवर्स सर्च किया। इस प्रक्रिया के दौरान हमें कई मीडिया रिपोर्टें मिलीं। 4 फरवरी, 2024 को इंडिया टुडे द्वारा प्रकाशित एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को लद्दाख के लेह जिले में बड़े पैमाने पर विरोध रैलियां देखी गईं, क्योंकि स्थानीय लोगों ने अपनी चार मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था, जिसमें 1- लद्दाख को राज्य का दर्जा, 2- लद्दाख को जनजातीय दर्जा देते हुए इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने, 3- स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण और 4- लेह तथा कारगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट, शामिल है।

इसके अलावा, रिपोर्ट में कहा गया है: “इस क्षेत्र में बंद का आह्वान लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) ने किया था, जिसने 23 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग की गई थी।” (हिन्दी अनुवाद)

Source: India TodayLivemintThe Wire और ABP News

इसके अलावा, लाइवमिंट की 4 फरवरी, 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक लद्दाख में व्यापक बंद देखा गया, क्योंकि हजारों लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के लिए छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा की वकालत करते हुए मार्च में भाग लिया। विरोध प्रदर्शन लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, जिसमें पुरुषों और महिलाओं ने कड़ाके की ठंड के बावजूद लेह के मुख्य शहर में मार्च किया।

इसके अलावा, द वायर और एबीपी की रिपोर्ट्स में भी उपरोक्त वायरल वीडियो के संदर्भ में ऐसी ही कवरेज की गई है।

निष्कर्षः

DFRAC के फैक्ट चेक से यह स्पष्ट है कि लद्दाख में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शन को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया है। लद्दाख के स्थानीय निवासी पूर्ण राज्य का दर्जा सहित 4 मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।

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