मीडिया और सोशल मीडिया पर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी (@GiorgiaMeloni) का एक बयान जमकर शेयर किया जा रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि मेलानी ने कहा कि यूरोप में इस्लाम के लिए कोई जगह नहीं है। इटली में चल रहे इस्लामिक कल्चर सेंटर को सऊदी अरब से फंड मिलता है और सऊदी अरब में शरिया कानून लागू है।
इस वीडियो को रेडियो जेनेवा (@RadioGenoa) ने शेयर किया है। उन्होंने कैप्शन में मेलोनी के हवाले से लिखा- “मेरा मानना है कि इस्लामी संस्कृति और हमारी सभ्यता के मूल्यों और अधिकारों के बीच अनुकूलता की समस्या है। इटली में इस्लामी सांस्कृतिक केंद्रों को सऊदी अरब द्वारा वित्त पोषित किया जाता है जहां शरिया लागू है। यूरोप में हमारी सभ्यता के मूल्यों से बहुत दूर इस्लामीकरण की प्रक्रिया चल रही है!”
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मेलोनी के इस बयान पर कई भारतीय संस्थानों ने भी खबर चलाई है। इसमें न्यूज-18 इंडिया और न्यूज-24 सहित कई मीडिया हाउस शामिल हैं।
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फैक्ट चेकः
DFRAC की टीम ने जॉर्जिया मेलोनी के वीडियो की जांच की। हमने पाया कि यह वीडियो 5 साल पुराना है। मेलेनी के इस वीडियो को अला न्यूज (Ala News) के यूट्यूब चैनल पर 9 फरवरी 2018 को अपलोड किया गया था। उस वक्त मेलोनी इटली की प्रधानमंत्री नहीं थीं।
इटली सरकार की वेबसाइट के मुताबिक मेलोनी 22 अक्टूबर 2022 को इतालवी गणराज्य के मंत्रिपरिषद की अध्यक्ष बनी थीं।
निष्कर्षः
DFRAC के फैक्ट चेक से साफ है कि इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी का बयान हाल-फिलहाल का नहीं है। उन्होंने यह बयान 2018 में दिया था, उस वक्त वह इटली की प्रधानमंत्री नहीं थीं। इसलिए मीडिया और सोशल मीडिया यूजर्स का दावा भ्रामक है।