सोशल मीडिया साइट्स पर एक दावा वायरल हो रहा है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने स्कूलों में क़ुरान पढ़ना अनिवार्य कर दिया है। सोशल मीडिया यूज़र्स एक वीडियो शेयर कर लिख रहे हैं कि जब स्कूल से ही इस्लामिक शिक्षा मिलेगी तो आप भारतीय संस्कृति अवश्य भूल जाएंगे। अपने बच्चों के स्कूलों पर थोड़ा ध्यान दें, कहीं वहां भी, यही तो नहीं चल रहा है?
मनोज श्रीवास्तव नामक यूज़र ने एक्स पर वीडियो पोस्ट कर लिखा, “कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सभी स्कूलों में कुरान पढ़ाना अनिवार्य कर दिया है, बस के फ्री टिकट और 200 यूनिट फ्री बिजली के चक्कर में हिन्दुओं ने बीजेपी सरकार के विरोध में मतदान कर देश का भविष्य को दाव पर लगा दिया, अब भुगतो।”
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अन्य सोशल मीडिया यूज़र्स भी इसी दावे के साथ वीडियो शेयर कर रहे हैं। ग़ौरतलब है कि इनके पोस्ट का इम्प्रेशन भी खूब है।
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फ़ैक्ट-चेक:
वायरल दावे की हकीकत जानने के लिए DFRAC टीम ने इस संदर्भ में गूगल पर कुछ की-वर्ड सर्च किया। इस दौरान हमें कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं।
वेबसाइट न्यूज़ नाइन द्वारा 1 जुलाई 2023 को पब्लिश न्यूज़ में बच्चों का वायरल वीडियो भी देखा जा सकता है। न्यूज़ के अनुसार बकरीद के अवसर पर कर्नाटक के हसन जिले के जनानासागर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में कुरान आयतों को पढ़े जाने के बाद एक दक्षिणपंथी संगठन के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई।
न्यूज़ में बताया गया है कि स्कूल की प्रिंसिपल सुजा फिलिप ने कहा,“हमने केवल छात्रों में आध्यात्मिकता पैदा करने के लिए ऐसा किया।” उनका कहना है कि-“हमारा कोई दूसरा इरादा नहीं था। यदि यह ग़लत है तो हम सुनिश्चित करेंगे कि आगे से ऐसा ना किया जाए। हम सभी त्यौहार यहीं मनाते हैं। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि किसी भी बच्चे को कुरान का पाठ नहीं कराया गया। केवल तीन मुस्लिम छात्रों ने इसे सुनाया। यह एक धर्मनिरपेक्ष विद्यालय है।”
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्कूल हर धार्मिक त्योहार के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है, वह त्योहार चाहे हिंदूओं का हो, मुस्लिमों का हो या फिर ईसाइयों का हो।
वहीं अन्य मीडिया हाउसेज़ ने भी इस घटना को कवर किया है।
इसके बाद DFRAC टीम ने इस संदर्भ मे कुछ की-वर्ड सर्च किया कि क्या कर्नाटक सरकार ने इस्लामिक शिक्षा अनिवार्य कर दिया है, लेकिन टीम को कोई ऐसी न्यूज़ नहीं मिली, जिसमें बताया गया हो कि कर्नाटक सरकार ने स्कूलों में कुरान पढ़ना अनिवार्य कर दिया है।
निष्कर्ष:
DFRAC के इस फ़ैक्ट-चेक से स्पष्ट है कि कर्नाटक के इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में तीन बच्चों द्वारा कुरान की कुछ आयतों को सुनाए जाने का यह वायरल वीडियो पिछले महीने जुलाई 2023 का है। कर्नाटक के स्कूलों में सरकार द्वारा कुरान पढ़ना अनिवार्य नहीं किया गया है, इसलिए सोशल मीडिया यूज़र्स का दावा ग़लत है।